- 105 वार्ड के लिए निगम के पास हैं 34 फॉगिंग मशीनें, बारिश के बाद मच्छरों का बढ़ा प्रकोप

- नगर निगम में शिकायत के बाद भी जलभराव वाले इलाकों में नहीं हो रही फॉगिंग

GORAKHPUR:

संक्रमण काल और मानसून पीरियड की एक रोचक न्यूज आज आपसे शेयर करते हैं। जो आपको जानना जरूरी है। 20 लाख पॉपुलेशन वाले नगर निगम में सिर्फ 34 फॉगिंग मशीनें हैं। मतलब 58,823 की आबादी में सिर्फ 1 फॉगिंग मशीन, जिनसे मच्छरों की मुक्ति दिलाने का दावा किया जाता है, लेकिन कॉल करने के बाद भी फॅागिंग मशीनें नहीं पहुंचतीं। इनमें सबसे इंपॉर्टेट साइकिल माउंटेड फॉगिंग मशीनें हैं। स्टोर रूम में खड़ी 30 साइकिल माउंटेड फॉगिंग मशीन में से 25 को काम में लिया जा रहा है, जबकि 5 को रिजर्व में रखा गया है। वहीं, चार बड़ी मशीनों में से दो ही काम कर रही हैं। लाखों की आबादी में बुलावे पर भी फॉगिंग नहीं हो पा रही। कम संख्या होने के कारण ये मशीनें फॉगिंग कर कब चली जाती हैं। किसी को पता ही नहीं चलता।

शहर में मच्छरों से निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इसलिए निगम को हर साल लाखों रुपए का बजट सिर्फ मच्छरों से बचाव के लिए दिया जाता है। ताकि मलेरिया, हैजा, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां न फैल सकें, लेकिन निगम सिटी को मच्छर मुक्त बनाने गंभीर नहीं दिखता। ये हाल तब है जब इन दिनों गोरखपुर में डेंगू को लेकर अलर्ट है।

5-5 वार्डो में डेली फॉगिंग कराने का दावा

निगम की ओर से अलग-अलग दिन पांच-पांच वार्डों में फॉगिंग मशीनें भेजने का दावा किया जा रहा है। जबकि मानसून पीरियड में बारिश होती रही। पानी भी निकलता रहा। लेकिन जून, जुलाई और अगस्त में फॉगिंग पर ठोस काम नहीं दिखा।

निगम के दावाें को झुठला रहीं साइकिल माउंटेड फॉगिंग मशीनें

प्रजेंट टाइम में निगम के पास 30 छोटी और चार बड़ी फॉगिंग मशीनें हैं। इसमें से सिर्फ 27 मशीनें ही काम कर रही हैं। जबकि महानगर में 70 पुराने और 35 नए वार्ड हैं। कुल मिलाकर 105 वार्ड हैं। इतने बड़े सिटी में मच्छर मारने वाले 34 फॉगिंग मशीनें पर्याप्त नहीं हैं। भले ही नगर निगम सिटी के कुछ इलाकों में साइकिल माउंटेड फॉगिंग मशीनों से फॉगिंग कराए जाने की बात कह रहा हो, लेकिन स्टोर रूम में खड़ी दर्जनों साइकिलें निगम के अधिकारियों की इन बातों को झुठलाने के लिए काफी हैं।

एक नजर में फॉगिंग मशीनें

मशीन -- फॉगिंग मशीन -- काम कर रही मशीनें

बड़ी मशीन 04 02

छोटी मशीन 30 25

डेंगू लार्वा वाले वार्ड में लगी मशीनें----------02

जलभराव वाले इलाके में लगी मशीनें------02

केस-1: तारामंडल देवरिया रोड निवासी आशुतोष दुबे ने बताया, कॉलोनी का पानी तो काफी उतर गया है, लेकिन मच्छरों ने जीना दूभर कर दिया है। कई बार फॉगिंग के लिए फोन पर जिम्मेदारों से बात की गई लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है। इससे संक्रमण फैलने की आशंका हैं।

केस-2: बशारतपुर निवासी सुधांशु पांडेय ने बताया, बारिश का पानी जमा होने से दुर्गध आ रही है। मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया हैं। फॉगिंग न होने की वजह से जलजनित बीमारियों को खतरा बढ़ गया है, लेकिन नगर निगम को लोगों की परवाह नहीं है।

Posted By: Inextlive