'वर्ल्ड क्लास' की नहीं पूरी हो रही आस
- पिछले चार साल से प्रोजेक्ट बनकर तैयार, निगम लगा रहा गुहार
- पीपीपी मॉडल पर बनाया जाना है वीआईपी बस अड्डा - मुख्यालय को नहीं मिल रहे बड़े कॉन्ट्रैक्टर, इसलिए सुविधा के इंतजार में पैसेंजर्स GORAKHPUR: गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर सुविधाओं का इंतजार कर रहे पैसेंजर्स की आस पूरी नहीं हो पा रही है। वर्ल्ड क्लास बस स्टेशन बनाए जाने की कवायद तो कबसे चल रही है, लेकिन अब तक फैसिलिटी के नाम पर वही पुरानी सुविधाओं से काम चलाना पड़ रहा है। इसमें भी कई प्वाइंट्स पर खामियां हैं, जिसे जिम्मेदार नजर अंदाज किए हुए हैं। यहां तक कि अफसरों को भी नहीं मालूम है कि बस स्टेशन कब बनकर तैयार होगा। चार साल से नहीं खत्म हो रहा इंतजारगोरखपुर बस स्टेशन को चार साल पहले से ही पीपीपी मॉडल के तहत डेवलप करने की कवायद शुरू की गई। फर्म फाइनल कर जिम्मेदारों ने इसको बनाने की प्रॉसेस शुरू कर दी। लेकिन फर्म के जिम्मेदारों ने हाथ खड़े कर दिए। समय गुजरने के साथ-साथ वर्ल्ड क्लास बस स्टेशन का सपना चकनाचूर होता चला गया। हालत यह हो गई है कि इसके बाद हेडक्वार्टर की तरफ से बार-बार टेंडर निकालने के बाद भी किसी फर्म ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया। अब कार्यदायी संस्था के लिए रोडवेज प्रशासन इंतजार कर रहा है, लेकिन पैसेंजर्स को फैसिलिटी कब मिलेगी, यह अब भी एक बड़ा सवाल है।
आय से ही नई सुविधा - गोरखपुर रीजन के पीके तिवारी ने बताया कि पैसेंजर्स की सुविधा बढ़ाने और मरम्मत कार्य के लिए कोई अलग से बजट नहीं मिलता है। - रोडवेज की जो आय होती है उसी से खर्च करना होता है। - पीपीपी मॉडल पर बनने वाले गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन के लिए हेडक्वार्टर से तीन बार टेंडर निकले गए। - इस दौरान एक भी फर्म सामने नहीं आई हैं। इसकी वजह से टेंडर को कैंसिल करना पड़ा। - रोडवेज प्रशासन वर्ड क्लास बस स्टेशन के लिए नई फर्म का इंतजार कर रहा है। - एक छत के नीचे पैसेंजर्स को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जानी है। प्रोजेक्ट तैयार, नतीजा सिफर - लगभग चार साल से पीपीपी मॉडल के तहत बनाए जाने वाले गोरखपुर रेलवे स्टेशन बनाने का प्रोजेक्ट तैयार हैं। - बावजूद इसे अब तक इस मामले में कोई भी ठोस काम होता नहीं नजर आ रहा है। - एआरएम का कहना है कि सभी कार्य हेडक्वार्टर से होने हैं।- बस स्टेशन को वर्ल्ड क्लास का स्टेशन बनाने का सपना कब तक पूरा होगा। अभी इसके बारे में पता नहीं हैं।
- जब तक कोई आदेश नहीं आ जाता कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट में यह मिलेगी फैसिलिटी -रेस्टोरेट और फूड प्लाजा -परिसर में इंटरलॉकिंग टाइल्स -मल्टी स्टोरी बिल्डिंग व मॉल -पैसेंजर्स के लिए वेटिंग रूम -बसों को खड़ा करने के लिए प्लेटफॉर्म -एलईडी लाइंटिंग सिस्टम -कंडक्टर-ड्राइवर के लिए रेस्ट रूम -पैसेंजर्स के लिए डॉरमेट्री व एसी रूम हाईलाइट्स - -बस स्टेशन से डेली सफर करते हैं पैसेंजर्स -10 हजार - गोरखपुर रीजन में बसों की संख्या --763 -गोरखपुर डिपो में निगम की बसें- 89 -अनुबंधित बसें--107 -एसी बसें--56 -राप्तीनगर डिपो में निगम की बसें--88 -अनुबंधित बसें--26 -एसी बसें--37 -लगभग 100 करोड़ रुपये का है प्रोजेक्ट बस स्टेशन पर पैसेंजर्स के लिए कोई सुविधा नहीं हैं। इसकी वजह से पैसेंजर्स को परेशानी होती है। जिम्मेदारों को कम से कम बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम करवाना चाहिए। मृत्युंजय ठाकुरगोरखपुर बस स्टेशन से काफी संख्या में लोग सफर करते हैं। कई साल पहले सुनने में आया था कि वर्ल्ड क्लास बस अड्डा बनेगा, लेकिन वह भी अब तक नहीं हो सका है।
रवि यादव स्टेशन पर सबसे जरूरी टॉयलेट, पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन यहां पर वह भी नहीं है। इसके चलते लोगों को दिक्कत होती है। सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता है। रणविजय सिंह पीपीपी मॉडल का स्टेशन बनाने के लिए अखबार के माध्यम से जानकारी हुई थी, लेकिन यह कब तैयार होगा उसका इंतजार किया जा रहा है। यहां सुविधा के लिए कुछ भी नहीं हैं। जितेंद्र श्रीवास्तव पीपीपी मॉडल पर गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन बनाया जाना है। इसके लिए तीन बार टेंडर भी निकला जा चुका है। मगर कोई एजेंसी इंट्रेस्ट नहीं दिखा रही है। इसकी वजह से टेंडर कैंसिल हो चुका है। अब नये सिरे से काम किया जा रहा है। मुख्यालय से जल्द ही टेंडर निकला जाएगा। - पीके तिवारी, एआरएम, गोरखपुर रीजन