शहर में करीब 400 लोगों ने कनेक्शनों की पीडी चार से पांच साल पहले करा चुके हैं और सिस्टम में ऑनलाइन पीडी शो कर रहा है. इसके बावजूद भी कंज्यूमर्स को एनओसी नहीं दी जा सकती है. जिसकी वजह से कंज्यूमर्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं कुछ कंज्यूमर्स का बिल ऑनलाइन सिस्टम में जिंदा है. अब ओटीएस के तहत छूट की नोटिस मिलने से वह परेशान है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। बिजली निगम की लचर व्यवस्था की वजह से पैसेंजर्स की परेशानी बढ़ गई है। बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि पीडी के मामले में जिन कंज्यूमर्स को छूट की नोटिस मिली है। वह अपने एरिया के एक्सईएन या एसडीओ के ऑफिस में संपर्क कर अपने कागजात दिखाए। कागजों की पड़ताल के बाद उनके कनेक्शन को ऑनलाइन सिस्टम से स्टॉप कर दिए जाएंगे। इसके लिए कंज्यूमर्स को परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछ ही पीडी को सिस्टम से स्टॉप किया गया है। कुछ अभी बाकी है जिसे स्टाप करवाया जाएगा।

केस वन-हड़हवा फाटक के रहने वाले सुरेश ने बताया कि उनका कनेक्शन नंबर 8459212000 को वर्ष 2020 में पीडी करा लिया। घर का मीटर भी उतार लिया गया। ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम में बिल स्टॉप हो चुका है। इसके बावजूद भी उन्हें एनओसी नहीं दी गई है। जिसके चलते वह परेशान है।


केस टू-मोहद्दीपुर के कन्हैया लाल ने बताया कि कनेक्शन नंबर 5137872000 को वर्ष 2016 में पीडी करा ली। अभियंताओं की लापरवाही से उनका कनेक्शन ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम से स्टॉप नहीं हुआ है। इसलिए सिस्टम कनेक्शन पर बिल बन रहा है। उन्हें पीडी की एनओसी भी नहीं मिली है। जिसकी वजह से वह परेशान है।

जिन कंज्यूमर्स के कनेक्शन की पीडी हो चुकी है। उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। एक्सईएन और अभियंताओं को कागजात दिखाकर मामले का निस्तारण करा सकते हैं। इसके लिए सभी खंडों के अभियंताओं को निर्देशित किया गया है। ई। यूसी वर्मा, एसई शहर ट्रांसफॉर्मर जलने पर एलएंडटी कंपनी पर 2.50 लाख की पेनाल्टी- आधा दर्जन इलाकों में डेढ़ माह पहले जले 25 केवीए के ट्रांसफॉर्मर - पूर्वांचल एमडी व निदेशक को कराया अवगत - कंपनी के प्रबंधक को नोटिस भेजकर पेनाल्टी की रकम जमा कराने के आदेश गोरखपुर जिले के अलग-अलग आधा दर्जन इलाकों में लगे 25 केवीए ट्रांसफार्मर करीब डेढ़ माह पहले जल गए। लोगों की सूचना पर अभियंताओं ने जांच की तो पाया कि ये ट्रांसफॉर्मर तो गारंटी अवधि में जले है। अभियंताओं ने कार्यदायी फर्म एलएंडटी कंपनी को पत्र लिखकर ट्रांसफॉर्मर बदलने को कहा, लेकिन कंपनी ने तय समय में उसे नहीं बदला। इस दौरान मजरों के सैकड़ों परिवारों को महीने भर तक बिजली सुविधा से वंचित रहना पड़ा। अभियंताओं ने थकहार कर वर्कशॉप से रिपेयर ट्रांसफॉर्मर लगाकर सप्लाई बहाल की। ग्रामीण वितरण मंडल द्वितीय के अधीक्षण अभियंता ने एलएंडटी कंपनी के खिलाफ 2.50 लाख की पेनाल्टी लगाकर पूर्वांचल एमडी व निदेशक को मामले से अवगत कराया है।भेजा गया नोटिस

कंपनी के प्रबंधक को नोटिस भेजकर पेनाल्टी की रकम जमा करने को कहा है। पीएम सहज बिजली हर घर योजना के फेज-टू में शेष बचे मजरों में कार्यदायी फर्म एलएंडटी ने छह माह पहले 25-25 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाकर आधा दर्जन इलाकें में विद्युतीकरण कर बिजली सप्लाई बहाल की। ये सभी ट्रांसफार्मर गारंटी अवधि के थे। एसई ने पूर्वांचल एमडी व मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराने के साथ ही कंपनी के जमा जमानत राशि से पेनाल्टी की रकम काटने का अनुरोध किया है।एलएंडटी कंपनी की लापरवाही की वजह से सम्मानित कंज्यूमर्स को काफी समय तक बिजली सुविधा से वंचित होना पड़ा। जबकि गांरटी अवधि में जले ट्रांसफॉर्मर तीन दिन में ही कंपनी को बदलने का प्रावधान है। कंपनी ने गांरटी अवधि वाले ट्रांसफॉर्मरों को बदलने में लापरवाही की। इसलिए उसके खिलाफ पेनाल्टी की कार्रवाई की गई है।- ई। रमेश चंद्र, एसई ग्रामीण

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