रितेश की हत्या से ग्रामीणों के भड़के गुस्से को शांत करने में अधिकारियों के पसीने छूट गए। मौके पर एडीएम वित्त, एसडीएम बांसगांव अनुराज जैन और तहसीलदार बांसगांव मौजूद रहे। इस दौरान अफसर ग्रामीणों को समझाने की भरसक कोशिश करते रहे। लेकिन ग्रामीण मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर अड़े रहे। यही नहीं बीच-बीच में नारेबाजी भी चलती रही।

नहीं पिघली पब्लिक

पब्लिक को समझाने के लिए अधिकारियों ने काफी मशक्कत की। लेकिन वहां मौजूद लोगों की एक ही मांग थी कि मुख्यमंत्री को यहां पर बुलाया जाए। इस पर वहां मौजूद अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल से लेकर सड़कें खराब होने तक हवाला दिया। जब लोगों को समझाते हुए अफसर ने कह दिया कि यहां हेलीकॉप्टर उतारने की भी जगह नहीं है तब लोग एक बार फिर भड़क गए। भीड़ में से एक व्यक्ति ने कहा कि इतना बड़ा विद्यालय प्रांगण है। यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी आ चुके हैं। फिर आप कैसे कह रहे हैं कि हेलीकॉप्टर नहीं उतर सकता?

भाई को समझाने की कोशिश

भीड़ की नारेबाजी से परेशान होकर अधिकारी कहा कि मैं इस तरह से बात नहीं कर पाऊंगा। पहले आप लोग तय कर लीजिए कि किससे बात करनी है, मैं उसी से बात करूंगा। इसके बाद भीड़ ने मृतक के भाई को आगे करते हुए कहा कि आप इनसे बात कीजिए। इसके बाद अधिकारी मृतक के भाई को समझाने की कोशिश करने लगे। लेकिन कुछ ही देर के बाद लोग फिर नारेबाजी करने लगे।

क्या मेरे अंदर संवेदनशीलता नहीं है?

लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। अफसर उन्हें समझाने की कोशिश में जुटे थे। तभी किसी ने मृतक रितेश के छोटे बेटे को अफसरों के सामने कर दिया। यह देखकर अफसर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि यह सब करने की क्या जरूरत है? क्या आपको लगता है मेरे अंदर संवेदनशीलता नहीं है?

देते रहे दलील

-लोगों को समझाने के लिए मौके पर मौजूद अफसर अलग-अलग दलील देते रहे।

-अफसरों ने कहा कि यहां की सड़कें काफी खराब है। हेलीकॉप्टर उतर नहीं सकता है। सीएम कैसे आएंगे?

-हफ्ते भर पहले से प्रोटोकॉल बनता है। रूट पर पुलिसवालों की ड्यूटी लगती है। तब सीएम आते हैं।

-एक पुलिस अफसर ने कहा कि हम लोग मुख्यमंत्री जी के अंग अवयव हैं। आप हमारी बात मानिए।

-इसके बाद लोगों को आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि महाराजजी गोरखपुर की हर घटना पर नजर रखते हैं। उन्हें मामले की पूरी जानकारी रहती है।

Posted By: Inextlive