- हर कॉल पर सुखद सूचना की उम्मीद, बढ़ती जा रही धड़कनें

- चौरीचौरा और बड़हलगंज सहित दो जगहों के युवक शामिल

GORAKHPUR: बच्चों की परवरिश का जिम्मा, मां-बाप की उम्मीदें और जिंदगी की जिम्मेदारियों को निभाने का जज्बा लेकर गोरखपुर से अफगानिस्तान गए युवकों के फंसने की सूचना पर परिजनों में कोहराम मचा है। मोबाइल पर बजने वाली हर घंटी से हर घंटे कोई सुखद सूचना आने की उम्मीद बंधी हुई है। परिजनों ने डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को इंफॉर्म कर हेल्प मांगी है। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के जिम्मेदार भी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।

शैलेंद्र की मिली जानकारी, घर पहुंचे अधिकारी

चौरीचौरा तहसील के राघोपट्टी पड़री, फैलहा निवासी शैलेंद्र शुक्ला अफगानिस्तान कमाने गए थे। वहां का माहौल बिगड़ने की जानकारी होने पर परिजन परेशान हो गए। मंगलवार को युवक के बारे में जानकारी मिली। लेकिन वह किस गांव का रहने वाला है। इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी। गुरुवार को जब एसडीएम अनुपम मिश्रा को जब जानकारी हुई तो उन्होंने तत्काल तहसीलदार वीरेंद्र गुप्ता को पीडि़त परिवार की जानकारी लेने का निर्देश दिया। तहसीलदार ने घर पहुंचकर शैलेंद्र के पिता दुलारे, उनकी मां, पत्‍‌नी और बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने शैलेंद्र शुक्ला को कॉल करके बात भी कराई। इस बात का आश्वासन दिया कि शैलेंद्र की सकुशल वापसी कराई जाएगी।

27 मई को अफगानिस्तान गए थे रंजीत, शनिवार को इंडिया लौटने की उम्मीद

बड़हलगंज एरिया के रंजीत मौर्य भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। 27 मई 2021 को वह अफगानिस्तान गए थे। कोरोना की वजह से रंजीत की मां का निधन मार्च में हो गया था। जबकि 10 साल पूर्व पिता बुद्धू की मौत हो चुकी है। रंजीत दो भाइयों में बड़े हैं। उनके छोटे भाई सुजीत मौर्य महाराष्ट्र में रहकर काम करते हैं। रंजीत के परिवार में उनकी पत्‍‌नी, एक बेटी और दो बेटे हैं। परिजनों ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को बताया कि अफगानिस्तान के बगरामरोड स्थित खान स्टील कंपनी में वह काम कर रहे हैं। हालात खराब होने से फैक्ट्री में ही फंसे हुए हैं। बुधवार रात रंजीत ने पत्‍‌नी से बातचीत की। इस दौरान कंपनी मालिक ने आश्वासन दिया कि वह किसी तरह से इंतजाम करके शनिवार तक उनको इंडिया पहुंचा देगा। रंजीत की घर वापसी के लिए उनके भाई सुजीत ने एडीएम सिटी से बात की। एडीएम सिटी ने उनके भाई की वापसी के संबंध में पत्राचार करने का आश्वासन दिया।

टीवी पर टिकी निगाहें, घरवापसी की उम्मीद

अफगानिस्तान में फंसे लोगों के परिजनों को उनकी घर वापसी की उम्मीद है। अफगानिस्तान के हालात पर नजर रखने के लिए लोगों की निगाहें टीवी पर टिकी हुई हैं। परिजनों को उम्मीद है कि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की मदद से जल्द ही उनकी वापसी हो सकेगी।

अफगानिस्तान में फंसे लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर (9454216211) जारी किया गया है। यदि लोग मदद चाहते हैं तो लिखित सूचना दें। इस संबंध में भारत सरकार को अवगत कराया जाएगा, ताकि पीडि़तों की हेल्प हो सके।

राजेश सिंह, एडीएम एफआर

Posted By: Inextlive