पीकू और नीकू में एडमिट होंगे बच्चे, अलर्ट जारी
- प्रदेश के दूसरे जिलों में रहस्यमयी बुखार से पीडि़त बच्चों और जवान के चपेट में आने से प्रशासन अलर्ट
GORAKHPUR: बच्चों में वायरल फीवर के चलते डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ चुका है। गवर्नमेंट आर्डर के बाद जिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू और एनआईसीयू में बच्चों को एडमिट किए जाने और उनके प्रॉपर इलाज को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। सीएमओ की तरफ से कोरोना वार्ड में एडमिट करने के लिए संबंधित विभाग के जिम्मेदार को सूचित कर दिया गया है। वायरल फीवर के आ रहे केसेजजिला अस्पताल के बाल रोग विभाग की ओपीडी में डेली करीब 70-80 पेशेंट आ रहे हैं। इनमें वायरल फीवर के करीब 25-30 पेशेंट शामिल हैं। जबकि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में डेली 150-200 की ओपीडी हो रही है। इनमें 30-40 पेशेंट वायरल फीवर के हैं। लेकिन राहत भरी बात यह है कि ये सभी पेशेंट न तो रहस्यमयी बुखार से पीडि़त हैं और ना ही इनमें से किसी को डेंगू या मलेरिया है। फिलहाल यह सभी वायरल फीवर की चपेट में आए हैं, जो दो से तीन दिन के इलाज में स्वस्थ हो जा रहे हैं। लेकिन शासन के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने वायरल फीवर हो या फिर रहस्यमयी बुखार, इसे लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। फिरोजाबाद, मथुरा और मैनपुरी समेत कई जिलों में डेंगू व वायरल फीवर के रोगी बड़ी संख्या में मिले हैं। वहीं, स्क्रब टाइफस व लेप्टोस्पायरोसिस के भी मरीज सामने आए हैं। ऐसे में अब सभी जिलों में इन संक्रामक बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को कोरोना अस्पतालों में भी भर्ती किया जाएगा। गंभीर रूप से बीमार बच्चों को पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) व नियोनेटल आईसीयू (नीकू) वार्ड में भर्ती किया जाएगा।
बेड तैयार करने का निर्देश शासन की तरफ से आए निर्देश के बाद दो से अधिक मरीज मिलने पर ही उन्हें लेवल वन के कोरोना अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। प्रत्येक जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर ऑक्सीजन की सुविधा युक्त 10 बेड व बाइपैप की सुविधा वाले दो बेड की व्यवस्था है। हर जिला अस्पताल में आक्सीजन की सुविधा युक्त और बाइपैप की सुविधा वाले 40 बेड हैं। पीकू व नीकू की भी व्यवस्था है। ऐसे में इन सभी का प्रयोग डेंगू व वायरल फीवर के रोगियों के इलाज के लिए किया जाएगा। कल से चलेगी हाउस टू हाउस एक्टिविटीएडीशनल सीएमओ डॉ। एनके चौधरी ने बताया कि 7 से 16 सितंबर तक तक हाउस टू हाउस एक्टिविटी होगी। इसमें 0-2 वर्ष तक के छोटे बच्चों का टीका लगा है या नहीं, इस बात की जानकारी आशा बहुओं व आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ली जाएगी। वह घर-घर जाकर पता करेंगी कि बुखार वाला कोई व्यक्ति तो घर में नहीं है। इसके साथ ही 45 वर्ष से ऊपर के कितने लोग हैं जिनको कोरोना का टीका नहीं लगा है। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर उन्हें टीका लगवाया जाएगा।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक्स का स्टेटस 20 बेड का पीआईसीयू 30 बेड का एचडीयू 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड 10 बेड ट्रॉयज एरिया ------------- कोविड हास्पिटल का नाम व बेड बीआरडी मेडिकल कॉलेज - 500 गवर्नमेंट होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज - 200 एम्स कूड़ाघाट - 200 गुरु गोरखनाथ यूनिवर्सिटी - 200 सीएचसी चौरीचौरा - 50 सीएचसी हरनही - 50 टीबी हास्पिटल - 100 वर्जन वायरल फीवर का केस हो या फिर डेंगू का। मरीजों को एडमिट करने के लिए व्यवस्था पर्याप्त है। पीआईसीयू और एनआईसीयू की व्यवस्था ऑलरेडी है। अभी जो भी मरीज आ रहे हैं वह सभी वायरल फीवर के हैं।डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ गोरखपुर