- इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में लगातार आ रहे हैं प्लाज्मा की डिमांड

- डॉक्टर्स, फार्मासिस्ट की टीम खड़ा कर दे रही हाथ

GORAKHPUR: कोरोना के बढ़ते केसेज के बीच गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज समेत प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा की डिमांड बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से मरीज लगातार इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम कॉल कर प्लाज्मा की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने भी हाथ उठाना शुरू कर दिया है। रोजाना करीब 12-15 गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा की डिमांड की जा रही है। अगर आप भी कोरोना को मात दे चुके हैं तो दूसरे की जिंदगी बचाने के लिए पहल करें और आज ही अपनी प्लाज्मा डोनेट करें, जिससे कि कोविड पेशेंट्स की इम्युनिटी बढ़ाई जा सके और उसकी जान भी बच सके।

ब्लड बैंक में पड़ा है अकाल

बीआरडी मेडिकल कॉलेज व प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल में इन दिनों में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। राजेश कुमार राय ने बताया कि कोरोना महामारी में प्लाज्मा दान के साथ-साथ रक्तदान भी जरूरी हो गया है। कोरोना के बढ़ते केसेज को ध्यान में रखते हुए लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आना चाहिए। इस वक्त मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में कनवॉलसेंट प्लाज्मा का अकाल पड़ा हुआ है।

इन बातों का रखें ध्यान -

- ब्लड बैंक प्रभारी ने कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से प्लाज्मा रूोनेट करने की अपील की है।

- ठीक हो चुके कोविड पेशेंट ही दूसरे कोविड मरीज की जान प्लाज्मा दान कर बचा सकता है।

- कमजोर प्रतिरोधक वाले मरीजो को कनवॉलसेंट प्लाज्मा चढ़ाए जाने के बाद उनमें भी एंटीबॉडी रहने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता आ जाती है।

- जो कोविड के संक्रमित मरीज हैं, वह ठीक होने के 28 दिन के बाद ब्लड बैंक में आकर अपना प्लाज्मा दान कर सकते हैं।

- जो संक्रमित मरीज वैक्सीन भी ले चुके हैं। वह वैक्सीन के दूसरे डोज लेने के 28 दिन के बाद अपना प्लाज्मा दान कर सकते हैं।

- जिस कोविड संक्रमित मरीज को प्लाज्मा थेरेपी दी गई है या जिसको ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ है। वह एक साल के बाद अपना प्लाज्मा दान कर सकता है।

- संक्रमण के बाद शरीर में उत्पन्न एंटीबॉडी की जांच के बाद ही उनका प्लाज्मा लिया जाता है।

- वैक्सीन के उपरांत बने एंटीबॉडी का इस से कोई संबंध नहीं है।

- वैक्सीन लगने के 28 दिन बाद ही ब्लड डोनेट कर सकता है।

कोविड के जो गंभीर मरीज हैं, उन्हें प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है। प्लाज्मा की डिमांड हमारे पास डेली डिमांड आ रही है। इसके लिए हम कोरोना चैंपियन से रिक्वेस्ट करते हैं। उन्हें मोटिवेट करते हैं, कुछ लोग तैयार भी होते हैं, उसके बाद मरीज की जान बचाई जाती है। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि हमारे पास जितने भी कॉल आ रहे हैं, उस समस्या का समाधान करें।

- डॉ। सुनीता पटेल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी, कंट्रोल रूम

Posted By: Inextlive