बरसों से खाद कारखाना शुरू होने का इंतजार कर रहे गोरखपुराइट्स की उम्मीदें अब पूरी होने को हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट गोरखपुर का खाद कारखाना खेतों की हरियाली के साथ रोजगार के फील्ड में खुशहाली लाने के लिए तैयार है. आगामी 7 दिसंबर को विकास की यह बड़ी सौगात लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों मिलेगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड की ओर से बनाए इस खाद कारखाने से प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इतने बड़े पैमाने पर खाद उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में भारी कमी आएगी तो आत्मनिर्भरता का दम भी दिखेगा।1900 में हो गया था बंद


गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया था। एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी पूर्ववर्ती सरकारों ने नहीं दिखाई। 1998 में गोरखपुर से पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हर सत्र में खाद कारखाने को चलाने या इसके स्थान पर नए प्लांट के लिए आवाज बुलंद की। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने तत्कालिक सांसद योगी आदित्यनाथ की इस मांग पर संजीदगी दिखाई और 22 जुलाई 2016 को नए खाद कारखाने का शिलान्यास कर पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात दी। मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाद कारखाने के निर्माण में किसी तरह की बाधा ही नहीं रह गई। निर्माण को पंख लग गए। खास बात यह भी है कि यहां पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस आधारित प्लांट लगाया गया है। एचयूआरएल करेगा संचालनगोरखपुर के खाद कारखाने का संचालन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की है। एचयूआरएल एक संयुक्त उपक्रम है, जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लीड प्रमोटर्स हैं जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं। इस संयुक्त उपक्रम के अधीन गोरखपुर खाद कारखाने के निर्माण में करीब 8000 करोड़ रुपए की लागत आई है। कारखाना परिसर में 30 करोड़ की लागत से विशेष रबर डैम भी बना है, जिस पर गोलियों का भी असर नहीं होता है। एचयूआरएल के इस खाद कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उत्पादन की है। इसके उत्पादनशील होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व यूपी से सटे अन्य राज्यों में नीम कोटेड यूरिया की बड़े पैमाने पर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। यही नहीं आने वाले दिनों में गोरखपुर में बनी यूरिया से पड़ोसी देश नेपाल की फसलें भी लहलहाएंगी। पीएम के हाथों लोकार्पण से पूर्व कारखाना प्रबंधन 30 नवम्बर में उत्पादन का ट्रायल करने जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने दिया था सीएम योगी को सारा श्रेय

4 मार्च को गोरखपुर आए तत्कालीन केंद्रीय उर्वरक व रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने यहां के खाद कारखाने की स्थापना का समूचा श्रेय सीएम योगी को दिया था। उन्होंने कहा था कि गोरखपुर में खाद कारखाने को स्थापित करने की पहल सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ ने ही की थी। उन्होंने सीएम योगी की इस बात की भी सराहना की थी कि सीएम बनने के बाद पहले दिन से उन्होंने खाद कारखाने से जुड़ी हर मांग स्वीकार कर कार्य को आगे बढ़ाया। एक साल से अधिक का समय वैश्विक महामारी कोरोना से प्रभावित रहने के बावजूद कार्य समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ सका, तो इसका श्रेय राज्य की योगी सरकार को है। अक्टूबर में वर्तमान केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कारखाने की प्रगति जानने के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ की मुक्तकंठ से सराहना की थी। गोरखपुर खाद कारखाना : एक नजर मेंशिलान्यास - 22 जुलाई 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ। संचालनकर्ता : हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेडकार्यदायी संस्था - टोयो जापानकुल बजट - करीब 8000 करोड़ रुपएयूरिया प्रकार - नीम कोटेडप्रीलिंग टॉवर - 149.5 मीटर ऊंचारबर डैम का बजट- 30 करोड़रोजगार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष - 10 हजार

रोजाना यूरिया उत्पादन - 3850 मीट्रिक टन
रोजाना लिक्विड अमोनिया उत्पादन -2200 मीट्रिक टन

Posted By: Inextlive