- अभियुक्तों की कोरोना जांच, पब्लिक हलकान

- दो दिनों में ढाई सौ से अधिक लोगों को भेजा गया जेल

- पुलिस कर्मचारियों को लिए जारी हुई नई गाइड लाइन, छूटा पसीना

GORAKHPUR: 'भाई साहब, वर्दी है तो क्या आगे चले जाएंगे, हम भी घंटों से लाइन लगाए हुए हैं, आप लाइन में लगिए और इसके बाद जांच कराइए.' मंगलवार को कोविड जांच सेंटर यह नजारा देखने को मिला। अभियुक्त को गिरफ्तार कर कोविड जांच के लिए पहुंचे कांस्टेबल को लाइन में लगकर बारी का इंतजार करना पड़ा। यह पहला मौका नहीं है जब उन्हें ऐसे हालात फेस करने पड़ रहे हैं, बल्कि आए दिन पुलिसवालों को ऐसे ही पब्लिक की खरी-खरी सुननी पड़ रही है। कैदियों को गिरफ्तार करना और इसके बाद उनकी कोविड जांच कराना पुलिसवालों के लिए टेढ़ी खीर हो गई है।

पब्लिक की लाइन में पुलिस

पकड़े गए आरोपियों की एंटीजन से कोविड जांच होती है। इन दिनों जिला अस्पताल से लेकर विभिन्न कोविड जांच सेंटरों पर पुलिस कर्मचारी अभियुक्तों संग लाइन लगाए नजर आ रहे हैं। अभियुक्तों की कोविड जांच के लिए पहुंचे कांस्टेबल अपना पेपर पहले जमा करा देते हैं। इससे पहले से लाइन में खड़ी पब्लिक को ज्यादा देर तक इंतजार करना पड़ता है। उधर इस प्रक्रिया के लिए अलग से काउंटर का इंतजाम न होने से पुलिस कर्मचारी भी हलकान हो रहे हैं।

पहले मेडिको लीगल, फिर कोरोना की जांच

पकड़े गए आरोपियों को कोर्ट में पेश करने पहले उनका मेडिकोलीगल कराया जाता है। डॉक्टरी मुलाहिजा के बाद कोविड की जांच होती है। बिना कोविड रिपोर्ट की मुल्जिमों की पेशी नहीं हो रही है। इसलिए पुलिस कर्मचारी सभी अभियुक्तों की जांच के लिए परेशान रहते हैं।

आरटीपीसीआर के बाद भेजे जा रहे जेल

पकड़े गए आरोपियों की जांच भले पुलिस कराती है, लेकिन अस्थाई जेल में उनका दोबारा आरटीपीसीआर कराया जाता है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही बंदियों को बड़ी जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट न आने तक सभी बंदी अस्थाई जेल में रखे जाते हैं। जेल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने पर सावधानी बढ़ा दी गई है।

दो दिनों में ढाई सौ आरोपित किए गए अरेस्ट

पुलिस रिकार्ड के अनुसार दो दिनों में करीब ढाई सौ मुल्जिमों को पुलिस गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इनमें 130 ऐसे हैं जिन्होंने पंचायत चुनाव में बवाल काटा था। मारपीट, उपद्रव, बलवा, तोड़फोड़ और फायरिंग के आरोपों में उनके खिलाफ एफआईआर लिखी गई है। पुलिस का कहना है कि कुल 26 मुकदमों में 266 के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इनके अलावा अन्य मामलों में भी लोगों को अरेस्ट किया गया था। सभी की कोविड जांच कराई गई है।

यह है निर्देश -

- अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद उनका मेडिकल टेस्ट कराया जाएगा।

- मेडिकल के साथ-साथ सभी अभियुक्तों की केाविड जांच भी होगी।

- एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट के साथ उनको कोर्ट में पेश किया जाएगा।

- कोर्ट के आदेश पर जेल भेजे गए आरोपित अस्थाई जेल में निरुद्ध किए जाएंगे।

- जेल में बंदियों का आरटीपीसीआर भी होगा। रिपोर्ट निगेटिव होने पर बड़ी जेल ले जाएंगें।

- कोविड संक्रमण पाए जाने पर मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराकर उपचार कराया जाएगा।

क्या हो रही है परेशानी -

- पब्लिक के जांच सेंटर पर पुलिस कर्मचारी मुल्जिमों को लेकर पहुंचते हैं।

- इससे लाइन में लगी पब्लिक को काफी इंतजार करना पड़ता है।

- ज्यादा भीड़ होने पर पब्लिक और पुलिस कर्मचारियों के हॉट टॉक हो रही है।

- कोर्ट में पेशी के समय और जांच रिपोर्ट को लेकर पुलिस कर्मचारी भी परेशान रहते हैं।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरी सावधानी बरती जा रही है। अभियुक्तों की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। जांच की सुविधा वाले स्थानों पर उनका टेस्ट कराया जाता है।

- दिनेश कुमार पी, एसएसपी

Posted By: Inextlive