- सोशल मीडिया पर अफसर कर रहे निगरानी

GORAKHPUR: वर्दी पहनकर आम आदमी के साथ बदसलूकी करना पुलिस अधिकारियों व सिपाहियों को भारी पड़ सकता है। जिले में धौंस जमाकर मनमानी करने पर लगाम कसने की कवायद शुरू हो गई है। पब्लिक के बीच पुलिस की छवि सुधारने के लिए अफसरों ने सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया की मदद से पब्लिक अपनी शिकायत आसानी से कर सकती है। दु‌र्व्यवहार के पक्के सबूत सामने होने पर पुलिस कर्मचारी कोई बहाना करके नहीं बच सकेंगे। अफसरों का मानना है कि पब्लिक के साथ खराब आचरण करने वालों से पुलिस की साख को बट्टा लग रहा है।

मातहतों की हरकत, विभाग का नुकसान

पब्लिक के साथ पुलिस कर्मचारियों की बदसलूकी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। एक माह के भीतर पांच ऐसे मामले सामने आए जिनमें थानेदार, दरोगा और सिपाहियों पर गाज गिरी। हाल ही में कैंट थाने में सपा नेता की पिटाई के मामले में एसएसपी अनंत देव को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। मातहतों की हरकत से एसएसपी का नुकसान हुआ। मामला गर्म होने पर गवर्नमेंट ने इंस्पेक्टर, चार दरोगा और एक सिपाही को निलंबित कर दिया। सपा नेता की पिटाई के आरोपी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कैंट थाना में केस भी दर्ज हुआ। सस्पेंड इंस्पेक्टर, दरोगाओं और सिपाहियों को गैर जोन तबादले की सजा दी गई।

केस एक:

गोरखनाथ क्षेत्र में कार ड्राइवर को पीटने, गाड़ी का शीशा तोड़ने के मामले में गोरखनाथ थाना पर तैनात एसआई रवींद्र सिंह यादव, सत्येंद्र प्रकाश पांडेय, कांस्टेबल मोहसिन खान और प्रदीप को एसएसपी ने संस्पेंड किया। गुलरिहा थाना पर तैनात सिपाही चौथीराम को फरियादी से रुपए मांगने की शिकायत निलंबित किया गया।

केस दो:

गगहा एरिया के गजपुर पुलिस चौकी पर रोजदार को पीटने, अपशब्द करने के मामले में आरोपी दरोगा एएन दुबे को पहले लाइन हाजिर किया गया। एसपी ग्रामीण की जांच में मामला सही पाए जाने पर एसएसपी ने दरोगा को सस्पेंड किया।

केस तीन:

शाहपुर एरिया में जबरन कार उठा ले जाने की शिकायत मिलने पर आईजी जोन ने कार्रवाई की। एसपी रेलवे दफ्तर में तैनात एसआई अंजनी कुमार राय और उनके सहयोगियों के खिलाफ शाहपुर थाना में एफआईआर दर्ज हुई.फिर अधिकारियों ने दरोगा को सस्पेंड किया।

केस चार: चिलुआताल थाना में एसओ रामपाल यादव ने महिला को गाली दी। वीडियो वायरल होने पर अधिकारियों ने संज्ञान लिया। एसओ रामपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।

वॉयरल हुआ मामला तो कार्रवाई तय

पुलिस कर्मचारियों के खराब व्यवहार की शिकायतों में आम तौर पर जांच के बहाने अफसर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। किसी न किसी बहाने जांच अधिकारी से जुगाड़ लगाकर पुलिस कर्मचारी बच निकलते हैं। ज्यादातर छोटी-मोटे मामलों में पुलिस अफसर अपने कर्मचारियों को अभयदान दे देते हैं। लेकिन मामला गर्म होने पर कार्रवाई करनी पड़ती है। ऐसे में सोशल मीडिया पर वॉयरल होने वाले मामलों पर भी नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया में मामला उछलने पर कार्रवाई तय है। चिलुआताल थाना के दफ्तर में महिला को गाली देने का मामला सोशल मीडिया में गर्माने पर एसओ के खिलाफ एक्शन हुआ था।

ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सअप पर अफसर

डीजीपी ने डिजीटल वालटियर्स बनाकर पब्लिक को जोड़ने का निर्देश दिया है। दंगा, फंसाद या किसी बवाल के संबंध में सोशल मीडिया में अफवाह फैलने पर डिजीअल वालटियर्स सही सूचना देकर लोगों को आगाह करेंगे। फेसबुक पेज बनाने, व्हाट्स गु्रप और ट्वीटर के माध्यम से पब्लिक को जोड़ने की कवायद चल रही है। आन लाइन एफआईआर की व्यवस्था लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर शिकायतों का चलन बढ़ा है। अफसरों की निगरारी में चल सोशल मीडिया में आने वाली शिकायतों का निस्तारण करने पर जहां जोर दिया जा रहा है। वहीं मामलों की मानीटरिंग करके अफसर सीधे निर्देश जारी कर रहे हैं। ऐसे में किसी पुलिस कर्मचारी के खराब आचरण का सबूत सोशल मीडिया में वायरल होने पर कार्रवाई तय है। लखनऊ में एक महिला से दरोगा के मालिश करने का वीडियो वायरल होने रविवार को डिपार्टमेंट ने एक्शन लिया। दरोगा को पुलिस अधिकारियों से सस्पेंड कर दिया।

Posted By: Inextlive