- जिले में लॉकडाउन के बावजूद हो रहे बवाल

- बिना सुरक्षा उपकरण के पहुंच जा रही पुलिस टीम

- कलेक्ट्रेट से लेकर झंगहा तक में सामने आई लापरवाही

केस एक: कलेक्ट्रेट में मामूली भीड़ समझ रहे बेपरवाह

मंगलवार की रात जिला पंचायत सदस्य का प्रमाण देने को लेकर कलेक्ट्रेट में हंगामा हुआ। एक महिला उम्मीदवार के साथ आए किन्नरों ने आरओ के कमरे में बवाल काटा। उनको हटाने के लिए कैंट, कोतवाली, राजघाट, तिवारीपुर सहित अन्य थानों की पुलिस बुलाई गई। पुलिस पहुंची तो किसी तरह की सुरक्षा को लेकर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। हो-हल्ला के बीच मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने कोई सुरक्षा उपकरण नहीं पहना था।

पहले दिखाई लापरवाही, फिर हुए चौकन्ना

केस दो: झंगहा एरिया के ब्रह्मपुर में मतगणना में धांधली में पब्लिक ने जमकर बवाल काटा। ब्रह्मपुर ब्लॉक से लेकर नई बाजार चौराहे तक पब्लिक जमा रही। लोगों के प्रदर्शन की सूचना पर जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे तो वह काफी बेपरवाह नजर आए। शुरूआत में पहुंचे लोगों ने बॉडी प्रोटेक्टर और हेलमेट सहित अन्य उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया। पब्लिक ने जब पुलिस चौकी फूंक दी तब आनन-फानन में अपनी सुरक्षा के उपाय अपनाने पर जोर दिया। मामला बढ़ने की सूचना पर बाद में पहुंची पुलिस टीम ज्यादा अलर्ट नजर आई।

यह दो केस यह बताने के लिए काफी हैं कि बवाल वाली जगहों पर पहुंचने वाली पुलिस सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी अलर्ट नहीं नजर आ रही। जिले में कोई बवाल होने पर तत्काल पुलिस फोर्स को पहुंचने का निर्देश मिल रहा है तो पुलिस अधिकारियों सहित थानेदारों और चौकी प्रभारियों, महिला थाना की पुलिस टीम और क्यूआरटी को घटनास्थल तक तो पहुंच जा रहे हैं, लेकिन इसमें बड़ी लापरवाही सामने आ रही। हालात से निपटने के लिए तैयार होने के बाद पुलिस कर्मचारी असुरक्षित तरीके से मौकों पर जा रहे। जबकि सीनियर ऑफिसर्स का निर्देश है कि पूरी सुरक्षा के साथ ही टीम पहुंचे। बुधवार की शाम झंगहा एरिया में हुए बवाल की शुरुआत में पहुंची पुलिस टीम भी सजग नहीं रही। मंगलवार की रात कलेक्ट्रेट में किन्नरों के प्रदर्शन के दौरान भी चूक सामने आई थी।

क्या है निर्देश -

- सभी थानेदारों की गाड़ी में बॉडी प्रोटेक्टर, शील्ड हेलमेट और डंडा होना चाहिए।

- तैनात पुलिस कर्मचारी मौके पर अपनी सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएंगें।

- भीड़ के हमले, पथराव जैसी स्थिति में पुलिस अपनी सुरक्षा कर सकती है।

- किसी तरह के बवाल से निपटने के? लिए समय-समय पर दंगा नियंत्रण की ट्रेनिंग

- भीड़ वाली जगहों पर पूरी सतर्कता और एहतियात बरतने की आवश्यकता होती है।

क्या हो सकता है नुकसान

- फोर्स के पूरी तरह से तैयार न होने पर पुलिस पर हमले हो जाते हैं।

- पथराव और तोड़फोड़ में पुलिस कर्मचारियों के घायल होने की संभावना रहती है।

- सुरक्षा के अभाव में कई बार पुलिस कर्मचारियों को भागना पड़ जाता है।

- बवाल करने वालों पर कोई दबाव नहीं बनता। पुलिस को लापरवाह देखकर आक्रामक होते हैं।

किसी तरह के बवाल के दौरान अतिरिक्त फोर्स की जरूरत पड़ती है। ऐसे में जो भी पुलिस कर्मचारी पहुंचते हैं। उनको बॉडी प्रोटेक्टर, शील्ड से लैस किया जाता है। हेलमेट भी पहनना जरूरी होता है। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी।

- सोनम कुमार, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive