सरकारी विभागों व आवासों में रहने वाले लोगों को अब बिजली की कीमत चुकानी पड़ेगी. सभी सरकारी ऑफिसेज और आवासों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे. सरकारी विभाग और आवासों में उतनी ही बिजली मिलेगी जिसका वह एडवांस में पेमेंट करेंगे. रिचार्ज खत्म होते ही उनकी बिजली गुल हो जाएगी. पॉवर कॉरपोरेशन के एमडी के निर्देश पर जल्द ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. इससे बकाए की कोई गुजांइश नहीं रहेगी और विभाग को राजस्व भी मिलता रहेगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। सरकारी विभागों और आवासों में हर महीने लाखों रुपए की बिजली खपत होती है। इसमें से ज्यादातर सरकारी विभाग ऐसे हैं, जिन्हें बिल पेमेंट की याद ही नहीं आती। हर साल इन विभागों पर करोड़ों रुपए का बकाया रह जाता है। सरकारी विभाग और आवास होने की वजह से उनका कनेक्शन भी नहीं डिस्कनेक्ट किया जा सकता है। ऐसे में बिजली विभाग मजबूरी में अपने राजस्व का नुकसान उठाकर सप्लाई जारी रखता है।स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खूबियां -आधुनिक तकनीकयुक्त इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर में ऐस डिवाइस लगा है।-बैलेंस खत्म होते ही मीटर से सप्लाई बंद कर देगा।-कंज्यूमर्स के आईडी नंबर पर रिचार्ज करने के बाद ही बिजली सलाई चालू हो सकेगी।-इस मीटर का बैलेंस खत्म होने के पांच दिन पहले ही मीटर से संकेत मिलना शुरू हो जाएगा।


-मोबाइल पर बैलेंस जानने की सुविधा भी उपलब्ध है, मोबाइल पर मैसेज भी जाएगा।

सरकारी विभागों में मीटर लगाने की प्लानिंग पुलिस लाइन, पीडब्ल्यूडी, मेडिकल कॉलेज, सिंचाई विभाग, शिक्षा विभाग, जीडीए आदि।किसपर कितना बकायापुलिस विभाग- 8.17 करोड़ शिक्षा विभाग-63.23 लाख सिंचाई विभाग-27.32 लाख पीडब्ल्यूडी विभाग-38.04 लाख गोरखपुर विकास प्राधिकरण-25.36 लाख

सरकारी विभागों और आवासों पर बिजली का सबसे ज्यादा बकाया है। जिसकी वजह से बिजली निगम का राजस्व की क्षति हो रही है। इन जगहों पर प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनाई जा रही है। मीटर अभी उपलब्ध नहीं हैं, आते ही मीटर लगाए जाएंगे। - ई। यूसी वर्मा, एसई शहरgorakhpur@inext.co.in

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