- शैक्षिक महासंघ डीडीयूजीयू ने यूपी एग्जाम समिति चेयरमैन मेरठ यूनिवर्सिटी वीसी एनके तनेजा को भेजा लेटर

- एग्जाम कराने को लेकर मेरठ वीसी को ही लेना है डिसीजन, एक या दो दिन में आ सकता फैसला

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बचे हुए एग्जाम सात जुलाई से 8 अगस्त तक होने हैं। इसके लिए डेटशीट भी जारी कर दी गई है। लेकिन एग्जाम को लेकर सस्पेंस अभी बरकरार है। इधर कोरोना केसेज की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसको देखते हुए शैक्षिक महासंघ गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने मेरठ यूनिवर्सिटी वीसी एनके तनेजा को एग्जाम पोस्टपोन करने की सिफारिश भेजी है।

जल्द आ सकता है डिसीजन

यूपी की सभी यूनिवर्सिटीज में एग्जाम हो या न हो इसका फैसला लेने के लिए लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य विश्वविद्यालय परीक्षा समिति का गठन किया है। जिसका अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ के वीसी एनके तनेजा को बनाया गया है। इसके अलावा अन्य चार लोग इस समिति में सदस्य के रूप में हैं। यूपी की सभी जगहों के हालतों को ध्यान में रखते हुए इस समिति को एग्जाम का डिसीजन लेना है। जिसके बाद ये क्लीयर हो जाएगा कि कहां पर एग्जाम होगा और कहां नहीं। दो या तीन दिन में इसका डिसीजन आ सकता है।

आत्मघाती होगा एग्जाम कराने का डिसीजन

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से संबद्ध शैक्षिक महासंघ डीडीयूजीयू के अध्यक्ष प्रो। डॉ। विजय कुमार ने मेरठ वीसी को लेटर भेजा है। जिसमें बताया गया है कि राज्य यूनिवर्सिटी एग्जाम कराने का डिसीजन आत्मघाती हो सकता है।

बिहार से आते हैं स्टूडेंट

गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, मऊ, आजमगढ़, बलिया और वाराणसी में पोजिशन बहुत ही चिंतनीय है। इन जगहों पर यूनिवर्सिटी और महाविद्यालय में बहुत अधिक संख्या में बिहार के स्टूडेंट पढ़ने आते हैं। इनके पास न तो आवास की व्यवस्था है व न ही इनकी शत प्रतिशत उपस्थिती हो पाएगी। इस बात का भी जिक्र लेटर में किया गया है।

स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की मांग

ग्रेजुएशन और पीजी के हो चुके एग्जाम के आधार पर स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की भी मांग की गई है। साथ ह कहा गया है कि इसके बाद उन्हें अंक सुधार एग्जाम में अपना स्कोर बढ़ाने का अवसर देना चाहिए। केवल लास्ट इयर का एग्जाम स्थिति सामान्य होने पर कराया जाए। इससे मानकों का पालन भी आसानी से हो जाएगा। इसका भी जिक्र लेटर में किया गया है।

एग्जाम न कराने के प्वॉइंट

- एग्जाम में दूर से आने वाले स्टूडेंट्स को आने के लिए यातायात और आवास के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।

- बड़े समूहों में यदि संक्रमित छात्र आते हैं तो उनको एग्जाम से वंचित करने में असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

- एग्जाम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन असंभव है, इस हाल में स्टूडेंट के साथ ही पूरे स्टाफ पर संक्रमण का खतरा मंडराएगा।

- पैरेंट्स एग्जाम के खिलाफ हैं, वे अपने बच्चों को परीक्षाओं में भेजने के पक्ष में नहीं हैं।

वर्जन

कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। ऐसी स्थिति में एग्जाम कराना आत्मघाती कदम होगा। दूर से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए तो और भी दिक्कत होगी। एग्जाम को पोस्टपोन करने के लिए एग्जाम समिति के चेयरमैन को लेटर भेजा गया है।

प्रो। डॉ। विजय कुमार, अध्यक्ष, शैक्षिक महासंघ डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive