- खजनी में प्रधान प्रत्याशी की बॉडी रखकर किया प्रदर्शन

- गोली से घायल प्रधान प्रत्याशी की राघवेंद्र की हुई मौत

खजनी में प्रधान प्रत्याशी की बॉडी रखकर किया प्रदर्शन

- गोली से घायल प्रधान प्रत्याशी की राघवेंद्र की हुई मौत

GORAKHPUR:

GORAKHPUR: खजनी एरिया में प्रधान चुनाव को लेकर हुए विवाद के दौरान चली गोली से घायल प्रत्याशी राघवेंद्र उर्फ गिलगिल दुबे की मौत से लोग आक्रोशित नजर आए। मंगलवार की सुबह उनके घर पर समर्थकों और शुभचिंतकों की भारी भीड़ जुटी रही। परिजनों ने डीएम को मौके पर बुलाने की मांग की। ग्रामीण विधायक विपिन सिंह और विधायक शीतल पांडेय मौके पर पहुंचे। पब्लिक से बात करके आरेापियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देकर बॉडी का अंतिम संस्कार कराया। एसएसपी ने बताया कि घटना में शामिल मुख्य आरोपी दूसरे प्रत्याशी शंभू यादव को जेल भेज दिया गया है। अन्य लोग भी इस घटना में शामिल होंगे। उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जमा हो गए सैकड़ों लोग

क्ब् अप्रैल की रात मिश्रौलिया में प्रधान प्रत्याशी राघवेंद्र दुबे उर्फ गिलगिल को दूसरे प्रत्याशी शंभू यादव ने गोली मार दी थी। सीने में गोली लगने से घायल राघवेंद्र को परिजनों ने केजीएमयू लखनऊ में एडमिट कराया। सोमवार को उनकी मौत हो गई। रात में परिजन बॉडी लेकर लखनऊ से वापस लौटे। राघवेंद्र के मौत की सूचना से लोग आक्रोशित हो गए। मंगलवार की सुबह ही उनके घर पर लोगों का तांता लग गया। लोगों ने कहा कि जब तक मौके पर डीएम नहीं आएंगे। तब तक बॉडी का दाह संस्कार नहीं कराया जाएगा।

एसएसपी से सस्पेंड की पूरी चौकी

खजनी में हुई घटना में एसएसपी ने पूरी पुलिस चौकी को सस्पेंड कर दिया है। सोमवार की रात पहले उन्होंने चौकी इंचार्ज भागवत चौधरी को सस्पेंड किया। इसके बाद अन्य कर्मचारियों पर गाज गिरी। हेड कांस्टेबल शेष कुमार वर्मा, कांस्टेबल लक्ष्मण प्रसाद, सुनील कुमार, मुकेश खरवार और सौरभ मौर्य को आधी रात में एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया। सभी पुलिस कर्मचारियों पर आरोप है कि क्ब् अप्रैल की रात साढ़े क्0 बजे हुई घटना की सूचना पुलिस कर्मचारियों ने किसी सीनियर अफसर को नहीं दी। महुआडाबर पुलिस चौकी से एक किलोमीटर की दूरी पर हुई घटना के बारे में जानकारी लेने का प्रयास नहीं किया गया। न ही ऐसी कोई कार्रवाई की गई जिससे गोली चलने की घटना रोकी जा सके। इसके आधार पर एसएसपी ने सभी को सस्पेंड कर दिया। जिले में पहला बड़ा एक्शन लेते हुए एसएसपी ने महकमे को कड़ा संदेश दिया।

क्यों नहीं तय हुई जवाबदेही?

- घटना के लिए दोषी पाए गए चौकी इंचार्ज सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

- लेकिन इस मामले में थानेदार की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

- घटना को लेकर थानेदार की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है। इस बात को लेकर भी एरिया में काफी चर्चा है।

- किन परिस्थितियों में चौकी कर्मचारी मूक दर्शक बने रहे।

- यदि चौकी प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की तो एसओ ने इस प्रकरण में क्या एक्शन लिया।

-यह भी कहा जा रहा है कि यदि चुनाव जैसे मौके पर एसओ को एरिया में होने वाले विवाद की जानकारी नहीं मिल पा रही है।

- इसका मतलब साफ है कि उनका नेटवर्क लोकल एरिया में फेल है।

- क्योंकि वह पूरी तरह से चौकी प्रभारियों और दरोगाओं के भरोसे काम कर रहे हैं।

घटना में शामिल आरोपित को अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया है। लापरवाही सामने आने पर चौकी प्रभारी सहित पूरी चौकी को सस्पेंड किया गया। इस प्रकरण में सभी के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है।

- दिनेश कुमार पी, एसएसपी

Posted By: Inextlive