-एसएसपी से न्याय की उम्मीद में जुट रही भीड़, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बयां किया दर्द

फैक्ट

सुबह नौ से 12 बजे तक रविवार व अवकाश का दिन छोड़कर होती है सुनवाई

70 लोगों ने एसएसपी को सुनाई अपनी व्यथा

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

थाने पर एप्लीकेशन लेकर गई थी। शिकायत करने पर एसओ ने जांच कराने की बात कही। आरोपित को पकड़कर ले भी आई। लेकिन फिर ना जाने क्या हुआ कि उसे छोड़ दिया गया। दोबारा गई तो कहा गया कि झूठा आरोप लगा रही हूं। मेरे पति बाहर रहते हैं। मेरे बगल में रहने वाले कुछ लोग परेशान करते हैं। शिकायत करने पर पुलिस नहीं सुन रही है। किसी ने बताया कि एसएसपी अच्छे अधिकारी हैं। उनसे मिलने पर पूरी मदद होती है। इसलिए यहां आई हूं। यह कहना पिपराइच एरिया की रहने वाली सावित्री देवी का, जो गुरुवार को डीआईजी- एसएसपी से मिलने पहुंची थीं। एक अकेली सावित्री नहीं, बल्कि तमाम ऐसे लोग हैं जिनकी बातें थानों पर नहीं सुनी जा रही हैं। इसलिए उनको जिला मुख्यालय पर एडीजी, आईजी, डीआईजी-एसएसपी से गुहार लगानी पड़ रही। डीआईजी-एसएसपी का कहना है कि शिकायत आने पर जांच कराकर कार्रवाई की जाती है। कुछ कहां से कितनी शिकायतें आ रही हैं। इसका ब्योरा दर्ज कराकर थानेदारों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी।

हफ्तेभर में भी नहीं पूरी हो रही जांच

थानों पर पीडि़तों की बात सुनने का निर्देश शासन से लेकर सीओ तक जारी करते हैं। लेकिन इसका कोई असर थानेदारों पर नहीं पड़ता। तमाम मामलों को थानेदार और चौकी इंचार्ज टरकाने में लगे हैं। एप्लीकेशन देने पर जांच के बहाने पुलिस पत्र ले लेती है। लेकिन जांच का नतीजा सामने नहीं आता। दो-चार बार थानों पर चक्कर लगाकर पब्लिक अधिकारियों की दर पर पहुंचना शुरू कर देती है। गुरुवार को भी करीब 70 लोग एसएसपी से मिलने पहुंचे थे। हालांकि इनमें से ज्यादातर की फरियाद नोडल अफसर एसपी नार्थ अरुण कुमार सिंह ने ही सुनीं।

पति बाहर रहकर काम करते हैं। देवर और अन्य ससुराली आए दिन मारपीट करते हैं। मेरे 11 साल के बच्चे को पीट दिया गया। इसकी शिकायत कैंट थाना पर की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुझे रोजाना धमकी भी मिल रही है। काफी परेशान होकर एसएसपी से मिलने आई हूं।

नबिता उर्फ सिम्मी चौधरी, कूड़ाघाट, कैंट

कुछ लोगों ने मेरी भूमि हड़प ली है। इसकी शिकायत थाने पर की। पहले तो बताया गया कि यह राजस्व का मामला है। किसी अधिकारी से स्पष्ट आदेश लेकर आइए। बाद में जब मैंने कहा कि मेरे साथ फ्राड हुआ है तो पुलिस ने आनाकानी शुरू कर दी। मेरा फ्राड का मुकदमा नहीं दर्ज रहा है।

केशव, उतरासोत, चिलुआताल

नाती ही मुझे प्रताडि़त कर रहा है। उसने मकान पर कब्जा कर लिया है। मेरा मकान रसूलपुर में है लेकिन वर्तमान में मैं जाफरा बाजार में रहता हूं। गोरखनाथ थाना पर तहरीर दिया तो मकान का मामला बताकर टाला गया। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसलिए कप्तान से मिलने आया हूं।

रमजान अली, जाफरा बाजार, तिवारीपुर

इस तरह की शिकायतें

-पड़ोसी से मारपीट, अपशब्द कहने की शिकायतें

-भूमि और मकान कब्जा करने के मामलों में कार्रवाई नहीं

-तहरीर देने पर थाना पर कार्रवाई नहीं होती, पुलिस दौड़ाती है

-ससुराल में महिलाओं का उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही

वर्जन

जो भी फरियादी आते हैं। उनकी बात सुनकर प्रापर तरीके कार्रवाई की जा रही है। हर एप्लीकेशन की जांच पड़ताल का निर्देश दिया गया है। किस थाना क्षेत्र से कितनी शिकायतें आ रही हैं। इसका भी ब्यौरा बनाया जा रहा है। लापरवाही बरतने, स्वेच्छारिता करने सहित अन्य मामलों में पुलिस कर्मचारियों को दंडित भी किया जाता है।

जोगेंद्र कुमार, डीआईजी-एसएसपी

Posted By: Inextlive