पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है. इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया. चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं इसलिए एहतियातन भारत के भी हर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है. इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह अपने पाल्यों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं. यह बातें सीडीओ संजय कुमार मीना ने कही. वह जिला महिला अस्पताल से पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ कर रहे थे. उन्होंने बताया कि 19 से 23 सितंबर तक घर-घर जाकर हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम पोलियो की दवा पिलाएंगी.


गोरखपुर (ब्यूरो).अभियान का शुभारंभ सीडीओ के साथ-साथ एडी हेल्थ डॉ.आईबी विश्वकर्मा और सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दूबे ने दर्जनों बच्चों को पल्स पोलियो ड्राप पिला कर किया। जिले में 2,22,465 बच्चों को पल्स पोलियों की खुराक पिलाई गई। अधिकारियों ने जिला महिला अस्पताल में स्थापित कोल्ड चेन प्वाइंट का निरीक्षण भी किया। सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि रविवार को आयोजित बूथ दिवस पर 2159 बूथों पर पोलियो की दवा पिलाई गई। इनॉगरेशन के मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। नंदलाल कुशवाहा, डिप्टी सीएमओ डॉ। एके सिंह, अस्पताल के चिकित्सक डॉ। जय कुमार, क्वालिटी मैनेजर डॉ। कमलेश, मैट्रम सीके वर्मा, डीएचईआईओ केएन बरनवाल आदि मौजूद रहे। अभियान : एक नजर मेंकुल लक्षित गांव व मोहल्ले - 4399उच्च जोखिम क्षेत्र - 53लक्षित मकान - 8.78 लाखलक्षित लाभार्थी बच्चे - 6.75 लाखपर्यवेक्षक - 517गृह भ्रमण टीम - 1494ट्रांजिट टीम-287मोबाइल टीम-64

Posted By: Inextlive