यात्रीगण कृपया ध्यान दें... आप जिस कंबल को ओढऩे जा रहे हैैं. उसकी धुलाई के बारे में अगर जानना चाहते हैैं तो आपको अपने बेड रोल के पैकेट पर चस्पा क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करना होगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसा कर आप कंबल की धुलाई के बारे में पता लगा सकेंगे। दरअरल, एनई रेलवे प्रशासन ने एक ऐेसा वीडियो रिलीज किया है जो यात्रियों को इस बात की जानकारी देगा कि वह जो बेड रोल वह इस्तेमाल करने जा रहे हैैं। उसकी धुलाई कैसे होती है और किसी मशीन से होती है। साफ-सफाई का कितना ख्याल रखा जाता है। यह प्रयोग वाराणसी डिवीजन के स्टेशनों पर शुरू कर दिया गया है। जल्द ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन में संचालित मैकेनाइज्ड लाउंड्री मशीन की धुलाई की प्रॉसेस भी वीडियो संदेश के माध्यम से पैसेंजर्स को दी जा सकेगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई हैैं। ताकि यात्रियों के प्रति विश्वास जगे


बता दें, अक्सर ट्रेन मेें सफर करने वाले यात्रियों को इस बात की शिकायत होती है कि उनके बेड रोड गंदे हैैं और उसकी प्रॉपर धुलाई नहीं हुई है। ऐसे में यात्रियों की सतुंष्टि व उन्हें धुलाई के बारे में बताने और उनके अंदर कंबल के उपयोग के प्रति विश्वास जगाने के लिए एनई रेलवे ने एक्सपेरिमेंट किया है। इसके लिए बेडरोल (चादर, तौलिया और कवर आदि) के पैकेट पर क्यूआर कोड चस्पा किया जाएगा। यात्री मोबाइल फोन से क्यूआर कोड के माध्यम से धुलाई की प्रक्रिया जान सकेंगे।

बेड रोल की धुलाई की मिल सकेगी जानकारी सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया, पहले फेज में वाराणसी स्थित मैकेनाइज्ड लाउंड्री में इस व्यवस्था की शुरुआत हो गई है। वाराणसी रूट पर चलने वाली ट्रेन के एसी कोचेज में मिलने वाले बेडरोल के पैकेट पर क्यूआर कोड चस्पा किए जाने लगे हैं। हेड क्वार्टर गोरखपुर और लखनऊ में भी तैयारी चल रही है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में बेडरोल की धुलाई कब हुई, यात्रियों की इसकी भी जानकारी मिलती रहेगी। वीडियो में धुलाई की प्रक्रिया के साथ दिन और तारीख की भी सूचना लोड कर दी जाएगी। इसकी भी योजना बनाई जा रही है।फैक्ट फीगर - एनई रेलवे के गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी, मऊ, काठगोदाम, लालकुआं और छपरा में बेडरोल की धुलाई के लिए अति मैकेनाइज्ड मैकेनाइज्ड लाउंड्री स्थापित की गई हैं। - गोरखपुर स्थित लाउंड्री से प्रतिदिन लगभग 19 हजार बेडरोल के पैकेज निकलने लगे हैं।यात्रियों को बेहतर सुविधा के लिए वाराणसी डिवीजन में एक्सपेरिमेंट किया गया है। गोरखपुर व लखनऊ स्टेशन के मैकेनाइज्ड लाउंड्री में भी इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा। बेड रोल के पैकेट पर क्यूआर कोड से स्कैन करने के बाद धुलाई का प्रोसेज दिख जाएगा। पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ एनईआर

Posted By: Inextlive