जिस रामगढ़ताल नौकायन में कभी हजारों की भीड़ रोजाना आती थी. वहां बीते एक माह से टूरिस्टों के आने का ग्राफ गिरने लगा है. अब हालात यह है कि रोजाना महज 2 हजार टूरिस्ट ही आ जा रहे हैं. इससे बोटिंग संचालकों से लेकर रेस्टोरेंट वालों की परेशानी बढ़ गई है. यही नहीं छोटे दुकानदारों की दुकानदारी भी नहीं चल रही. बोटिंग संचालकों रेस्टोरेंट मालिकों और छोटे दुकानदारों का कहना है कि जब से बुद्धा गेट और उसके आगे बैरिकेडिंग की गई है तब से टूरिस्ट आने में असहज महसूस कर रहे हैं. उन्हें यहां आने में दिक्कत हो रही है इससे वह अन्य टूरिस्ट प्लेस की ओर चले जा रहे हैं. सख्ती से लोगों का सुखद अनुभव छिन गया है. टूरिस्टों के न आने पर अब जीडीए के किराये भर की कमाई भी नहीं हो रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो).पुलिस प्रशासन की तरफ से रामगढ़ताल एरिया में वीकेंड में भीड़ की वजह से बैरिकेडिंग और रूट डायवर्जन किया गया है। हालांकि अब यह रोजाना जैसा ही हो गया है। बोटिंग संचालकों ने बताया कि बुद्धा गेट पर शाम पांच बजे से रात 10 बजे तक बैरिकेडिंग कर दी जाती है। इससे कार और बाइक से आने वालों को काफी असुविधा होती है। पहले रात नौ बजे तक बैरिकेडिंग थी, जो एक घंटा और बढ़ा दी गई। अतिथि देवो भव: का नहीं दिखता भाव


बोटिंग संचालकों, रेस्टोरेंट वालों ने बताया कि यहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस व अन्य कर्मचारियों में अतिथि देवो भव: का भाव नहीं दिखता। पुलिस तो बस टूरिस्टों को यहां आने से रोकने और चालान करने में जुटी रहती है। अगर किसी ने थोड़ी सी भी गलती कर दी तो दौड़-दौड़ कर उसका जुर्माना करती है। इससे यहां आने वाले टूरिस्टों का मोहभंग हो रहा है। बताया कि बिना रोक टोक के बुद्धा गेट से टूरिस्टों को आने दिया जाए। किसी प्रकार की बैरिकेडिंग न हो। टै्रफिक डायवर्जन से पब्लिक का हो गया डायवर्जन

बोट चालक मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जब से ट्रैफिक डायवर्जन हुआ, तब से धीरे-धीरे पब्लिक का यहां से डायवर्जन हो गया है। अब तो हालत यह हो गई है कि जीडीए को किराया देने भर की कमाई भी नहीं हो रही है। एक तो डायवर्जन से पब्लिक का आना कम हो गया और उस पर पुलिस के यहां आने वाले लोगों के वाहनों का बार-बार चालान किया जा रहा है। पब्लिक यहां सुखद अनुभव के लिए आती है, ऐसे में सचसख्ती से लोग यहां आने से भी तौबा कर ले रहे हैं। मांग है कि बुद्ध द्वार से बैरिकेडिंग खत्म की जाए और यहां आने वालों को सीधे एंट्री जाए। यहां की पार्किंग में बहुत जगह है, साथ ही सड़क भी चौड़ी है। किसी को कोई असुविधा नहीं होगी। सहज हो पुलिस, टूरिस्टों न करे परेशान

बोट संचालक धीरेंद्र शुक्ला ने बताया कि बुद्ध द्वार से ही टूरिस्टों के रोकने का सिलसिला चल रहा है। उसके आगे आने पर फिर बैरिकेडिंग कर दी गई है। अगर यहां आने के लिए इतनी रोक टोक होगी तो कैसे आएंगे। यही नहीं यहां आने वाले टूरिस्टों के चालान बार-बार किए जा रहे हैं। पुलिस का ऐसा रवैया समझ से परे है। अब तो हालत यह हो गई है कि गिने चुने टूरिस्ट ही यहां आ रहे हैं। इससे कमाई ऐसी हो गई है कि जीडीए को किराया देना मुश्किल हो गया है। बताया कि पहले कार और बाइक से लोग सीधे यहां आ जाते थे, कोई सड़क किनारे वाहन खड़ा कर देता था तो कोई पार्किंग में। कभी जाम की ऐसी समस्या नहीं आई कि लोगों को परेशानी हो, लेकिन अब रामगढ़ताल एरिया ही खाली होने लगा है। अब तो टूरिस्टों के आने का करना पड़ता है इंतजार पैडल बोट संचालक राजकुमार साहनी ने बताया कि हमारे यहां तो टूरिस्ट न के बराबर हो गए हैं। अब तो टूरिस्टों के आने का इंतजार करना पड़ता है। पहले ऐसा नहीं था, बड़ी संख्या में लोग आते थे। अब किराया भी देने के लिए कमाई नहीं हो पा रही है। बताया कि टूरिस्ट यहां सुखद अनुभव के लिए आते हैं, जब उन्हें यहां आने के लिए पापड़ बेलने पड़ेंगे तो वह यहां क्यों आएंगे। शहर में और भी कई जगह हैं जहां आसानी से वह घूम सकेंगे। ऐसे में यहां आने वाले टूरिस्टों को सहूलियत दी जाए। चालान करने से वाहन चालक नाराज हो जा रहे हैं और यहां आने से तौबा कर ले रहे हैं। कर्मचारियों को सैलरी देना भी मुश्किल
रेस्टोरेंट संचालक राजेश साहनी ने बताया कि टूरिस्टों के कम आने से कमाई इतनी कम हो गई है कि किराया देना मुश्किल हो गया है। साथ ही कर्मचारियों को सैलरी देना भी मुश्किल हो गया है। यहां टूरिस्टों की संख्या कैसे बढ़ाई जाए यह समझ नहीं आ रहा। लगता है कि यहां आने से टूरिस्टों को रोका जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो सबका बिजनेस बर्बाद हो जाएगा। बताया कि डायवर्जन और पुलिस के बार-बार चालान लोगों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। लोगों को यहां सुखद की बजाय दुखद अनुभव हो रहा है।मामला संज्ञान में आया है। इसे दिखवाया जाएगा। यहां लोगों का आवागमन ज्यादा से ज्यादा हो, इसके लिए सहूलियत भरे कदम उठाए जाएंगे। - महेंद्र सिंह तंवर, जीडीए वीसी बुद्धा गेट से अंदर जाने पर पुलिस अक्सर रोकती है। जब भीड़ नहीं रहती है तब भी डायवर्जन बताकर बहसबाजी करती है। इससे घर जाने के लिए दूसरे रास्ते चक्कर लगकर जाना पड़ता है। पहले की व्यवस्था सही थी। बैरिकेडिंग खत्म कर सभी को आसानी से जाने दिया जाए। डॉ। नरेश अग्रवाल, जेमिनी गार्डेनिया
बुद्धा गेट से पुलिस की इतनी रोकटोक होती है कि टूरिस्ट आने से कतराने लगे हैं। टूरिस्टों की दोबारा संख्या बढ़ाने के लिए बैरिकेडिंग हटानी होगी और बुद्धा गेट से घुसने वालों पर कार्रवाई बंद करनी होगी। अतिथियों के सम्मान से यहां दोबारा चहल पहल बढ़ेगी। मनोज शाही, तारामंडल

Posted By: Inextlive