- रमजान हेल्प लाइन पर जारी है सवाल-जवाब का सिलसिला

उलेमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्पलाइन नम्बरों पर सोमवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज, रोजा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलेमा-ए-किराम ने कुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

सवाल : मसनूई (नकली) दांतो पर वुजू और गुस्ल का क्या हुक्म होगा? (मुनीर आलम, बड़गो)

जवाब : अगर उन दांतों को आसानी से निकाला जा सकता हो तो उन्हें निकाल कर तह तक पानी पहुंचाना जरूरी है वरना गुस्ल न होगा और अगर उन्हें निकालने में दुश्वारी हो तो बगैर निकाले भी वुजू वा गुस्ल हो जाएगा। (मुफ्ती अजहर शम्सी)

सवाल : नमाजे तरावीह इशा से पहले पढ़ना कैसा? (शम्स आलम, इलाहीबाग)

जवाब : नमाजे तरावीह का वक्त इशा की फर्ज नमाज पढ़ने के बाद ही होता है, बगैर फर्जे इशा पढ़े पढ़ना जायज नहीं। (हाफिज रहमत अली)

सवाल : मौसम की खुश्की दूर करने के लिए रोजे की हालत में लोशन या क्रीम का इस्तेमाल करना कैसा? (मतीन अहमद, गोरखनाथ)

जवाब : जायज है। कोई हर्ज नहीं लेकिन बचना बेहतर है। (मुफ्ती अख्तर हुसैन)

सवाल : किसी के साथ भलाई करके एहसान जताना कैसा? (सैयद अब्दुल रऊफ, सूरजकुंड)

जवाब : भलाई करके एहसान जताना गुनाह और अल्लाह तआला की नाराजगी का सबब है। (कारी मो। अनस रजवी)

Posted By: Inextlive