21 जनवरी 22 को दीवानी कचहरी गेट पर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा स्थित बिभीपुरा निवासी दिलशाद हुसैन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बड़हलगंज एरिया निवासी रिटायर फौजी को पुलिस ने अरेस्ट किया. 11 फरवरी 2020 को दिलशाद ने रिटायर फौजी की नाबालिग बेटी का अपहरण कर लिया था. उसे फ्लाइट से हैदराबाद ले जाकर जबरन शादी कर ली. अपहरण का केस दर्ज होने पर पुलिस ने किशोरी को बरामद किया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। केस-1: दोबारा दी बेटी के अपहरण की धमकी, पिता ने गोलियों से भूना 21 जनवरी 22 को दीवानी कचहरी गेट पर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा स्थित बिभीपुरा निवासी दिलशाद हुसैन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बड़हलगंज एरिया निवासी रिटायर फौजी को पुलिस ने अरेस्ट किया। 11 फरवरी 2020 को दिलशाद ने रिटायर फौजी की नाबालिग बेटी का अपहरण कर लिया था। उसे फ्लाइट से हैदराबाद ले जाकर जबरन शादी कर ली। अपहरण का केस दर्ज होने पर पुलिस ने किशोरी को बरामद किया। रेप, अपहरण और पॉक्सो एक्ट के मामले में दिलशाद जेल चला गया। जमानत पर छूटने के बाद वह रोजाना फोन करके मुकदमे में समझौते का दबाव बनाने लगा। दोबारा रिटायर फौजी को उसकी बेटी के अपहरण की धमकी देने लगा। इससे परेशान होकर रिटायर फौजी ने दिलशाद की गोली मारकर हत्या कर दी।


केस-2: रेप का मुकदमा उठाने के लिए पीडि़त को पीटा शाहपुर एरिया में हॉस्पिटल संचालक संजय तिवारी के बेटे सौरभ ने कुशीनगर की एक युवती संग रेप किया था। 12 दिसंबर को उसने शाहपुर थाने में सौरभ के खिलाफ मुकदमा दर्ज

कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। युवती का कहना है कि आरोपित और उसके घर के लोग समझौते का दबाव बनाते हुए धमकी दे रहे हैं। 19 जनवरी की रात मनबढ़ों ने युवती के शाहपुर स्थित आवास पर पहुंचकर धावा बोल दिया। युवती की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई में जुटी है। यह दो मामले रेप, अपहरण और पॉक्सो एक्ट के आरोपितों का दुस्साहस बताने के लिए काफी हैं। जिले में रेप, अपहरण और पॉक्सो एक्ट की घटनाओं में जेल जा चुके आरोपितों पर पुलिस का खौफ नहीं रहा है। जमानत से छूटने पर आरोपित मुकदमा उठाने का दबाव बनाते हुए पीडि़तों को प्रताडि़त कर रहे हैं। बार-बार सुलह और समझौते की बात की जा रही है। ऐसे सभी मामलों की समीक्षा करके एडीजी ने कार्रवाई का निर्देश दिया है। जेल जाने का डर नहीं, बढ़ता जा रहा दुस्साहस ऐसे सिर्फ दो मामले ही नहीं बल्कि रोजाना चार से पांच शिकायतें पुलिस अधिकारियों तक पहुंचती हैं। जिनमें रेप, पॉक्सो, अपहरण के मुकदमों के आरोपित और उनके परिजन की तरफ से पीडि़तों को जानमाल की धमकी दी जाती है। पूर्व में दर्ज मुकदमा उठाने का दबाव बनाया जाता है। कोर्ट में चल रहे केस के ट्रायल में गवाही से मुकरने को कहा जाता है। एक बार जेल जा चुके आरोपितों के दुस्साहस के आगे पुलिस कार्रवाई भी बेअसर नजर आती है।

धमकाने वाले होंगे अरेस्ट, जमानत खारिज कराएगी पुलिस दीवानी कचहरी गेट पर हुई घटना के बाद एडीजी जोन ने 11 जिलों की पुलिस को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि इस तरह के मामलों जिसमें रेप के आरोपित मुकदमा वापस लेने की धमकी दे रहे हों। पीडि़त पक्ष को परेशान कर रहे हों। ऐसे लोगों को तत्काल अरेस्ट किया जाए। शनिवार को बहराइच की एक महिला भी एडीजी से मिलने पहुंची थी। गैंगरेप का आरोपित अपने दोस्तों संग महिला को धमका रहा है। इस तरह के प्रकरणों में आरोपितों की जमानत भी खारिज कराने की पैरवी भी पुलिस करेगी। इस वजह से करते प्रताडि़त - रेप, अपहरण और पॉक्सो के मामलों की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होती है। - कोर्ट में ट्रॉयल जल्दी पूरा होने पर अभियुक्त को सजा जल्द मिल जाती है। - मुकदमे में वादी, गवाह टूटने से आरोपित बच निकलते हैं। उनको पुलिस सजा नहीं दिला पाती। - जेल जाने की वजह से आरोपितों के भीतर दोबारा पकडऩे जाने, कार्रवाई का भय नहीं होता है। - धमकी और प्रताडऩा से तंग आकर कई वादी समझौते के लिए तैयार हो जाते हैं।
यह पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का इंपलसिव बिहैवियर होता है। सामान्य भाषा में कह सकते हैं कि ढीठ हो जाना जिस पर किसी तरह की कार्रवाई का कोई असर न पड़े। आरोपित के भीतर से कानून, समाज और व्यवस्था का भय खत्म हो जाता है। ऐसे में वह कोई भी कदम उठाने को तैयार रहता है। डॉ। धनंजय कुमार, प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, डीडीयूजीयू जोन के सभी जिलों में ऐसे मामलों की समीक्षा की जाएगी। रेप, पॉक्सो और अपहरण के केस में जानमाल की धमकी देने, मुकदमा उठाने का दबाव बनाने की हरकत सामने आने पर आरोपितों को अरेस्ट करने का निर्देश दिया गया है। इस तरह की जो भी शिकायतें समाने आएंगी। उन पर पुलिस गंभीरता से काम करेगी। अखिल कुमार, एडीजी जोन गोरखपुर

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