- कई स्थानों पर जारी है तटबंधों की कटान, ग्रामीण भयभीत

- सक्रिय हो चुकी हैं सभी बाढ़ चौकियां, बढ़ाई गई निगरानी

GORAKHPUR: रोहिन नदी के जलस्तर में रविवार को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे के बीच नदी के जलस्तर में 17 सेंटीमीटर की कमी आई है। नदी अभी भी खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। राप्ती एवं सरयू के जलस्तर में वृद्धि जारी है और इस कारण कई स्थानों पर तटबंधों में कटान भी हो रही है। तटवर्ती गांवों के लोगों में नदी के बढ़ते जलस्तर को देखकर डर बना हुआ है। राप्ती खतरे के निशान से 63 सेंटीमीटर नीचे है। सहजनवां क्षेत्र में एक स्थान पर रिसाव के कारण कई किसानों की सब्जी की फसल डूब गई है।

86 बाढ़ चौकियां सक्रिय

प्रशासन की ओर से सतर्कता बढ़ा दी गई है। तटबंधों पर पेट्रो¨लग भी तेज कर दी गई है। सभी 86 बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जा चुका है और भूसा, खाद्यान्न आदि की व्यवस्था के लिए टेंडर निकाला जा चुका है। इस बार समय से पहले ही नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। शनिवार तक रोहिन नदी के बढ़ते जलस्तर ने ¨सचाई विभाग से लेकर प्रशासन तक की ¨चता बढ़ा दी थी, लेकिन रविवार को जलस्तर में कमी ने थोड़ी राहत दी है। तटवर्ती गांवों के लोग लगातार तटबंधों पर नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी फोन पर दे रहे हैं।

चोरमा रेग्युलेटर में रिसाव, बाढ़ में डूबी सब्जी की खेती

सहजनवां : राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से चोरमा रेग्युलेटर में रिसाव तेज हो गया है, जिससे नदी का पानी खेतों में जाने लगा है। आमी नदी भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे सहजनवां व पिपरौली ब्लाक में सब्जी के खेत बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक किसी गांव में नाव की व्यवस्था नहीं की गई है। रेग्युलेटर में रिसाव के कारण नदी का पानी बखिरा झील की ओर से बढ़ रहा है। सुरगहना और टिकरिया गांव के पास कटान जारी है, जिससे बांध पर पानी का दबाव बढ़ रहा है।

बड़हलगंज क्षेत्र में कटान जारी

बड़हलगंज विकास खंड के तटवर्ती गांवों में कटान तेज हो गई है। राप्ती के पानी का रूख तटवर्ती गांव की तरफ होने से रूदौली, ददरी, गहिराघाट में कई बीघे कृषि योग्य भूमि नदी में समाहित हो चुकी है। रविवार को सरयू नदी ने डेरवा के गोपलामार में कटान शुरू कर दी है। पटना एहतमाली में कृषि योग्य भूमि तेजी से नदी में समा रही है। गोपलामार में आबादी के करीब कटान से ग्रामीण भयभीत हैं। डेरवा के ग्राम प्रधान हरेंद्र सिंह का कहना है कि पानी बढ़ने से पहले ही विभाग से कटान रोकने के उपाय करने को कहा तो विभाग ने बांस व पेड़ की डाल गिराकर छोड़ दिया है। ¨सचाई विभाग के अवर अभियंता संजय कुमार सिंह का कहना है पानी बढ़ने से बचाव कार्य प्रभावित था। इसे जल्द ही पूरा करा दिया जाएगा।

रात में जागकर कटान पर नजर रख रहे ग्रामीण

ककरही क्षेत्र के शिवपुर, बारानगर, तीरागांव, सोढाबीर, कोहना, बिसरा, नरहन, मेहड़ा, तुर्कवलिया, रामामऊ आदि गांव नदी के तट पर बसे हैं। यहां कटान शुरू हो गई है। ग्रामीण इससे बचने के लिए ठोकर बनाने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल ऐसा होता है, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं किया जाता। ग्रामीण रात भर जागकर कटान पर नजर रख रहे हैं, ताकि समय रहते जान माल की रक्षा की जा सके। बारानगर के रामजीत, तीरागांव के संजय, सोढ़ाबीर के राकेश, बिसरा के कुश चंद आदि लोगों ने बताया कि ठोकर लगवाकर गांवों को बचाने के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन सुनवाई नहीं होती है।

Posted By: Inextlive