यदि जन्म से ही बच्चों के हार्ट में पेन हो रहा है या फिर दिल में छेद है तो तत्काल हार्ट के विशेषज्ञ के पास जाएं ताकि ऑपरेशन के जरिए आप के बच्चे की जान बचाई जा सके. यह खुला राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम स्कीम के तहत सामने आया है. स्कीम में तहत स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्य कर रही टीम ने ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनके दिल के छेद की सर्जरी करवाई. गोरखपुर के 11 बच्चों को अलीगढ़ लखनऊ और नोएडा ले जाकर यह सुविधा दिलाई जा चुकी है. जिले में सबसे ज्यादा चार बच्चों को सरदारनगर पीएचसी की टीम ने यह सुविधा दिलाई है.


गोरखपुर (ब्यूरो).सरदारनगर ब्लॉक के चौरी गांव निवासी और पेशे से वाहन चालक विजय बताते हैं कि उनकी कक्षा 5 में पढऩे वाली बच्ची राधिका (11) को बचपन से ही बुखार और खांसी की दिक्कत थी। जब वह दौड़ती थी तो सांस फूलने लगती थी। प्राथमिक विद्यालय पर आरबीएसके टीम के डॉ। अरुण कुमार त्रिपाठी, डॉ। हर्ष पांडेय और उनके सहयोगी अमित बरनवाल की टीम आई थी। टीम ने विजय की पत्नी को स्कूल में बुलाया और बताया कि उनके बच्ची के दिल में छेद है और इसका फ्री इलाज आरबीएसके स्कीम के तहत हो जाएगा। राधिका की पहले सरदारनगर पीएचसी में जांच की गई और फिर डीईआईसी मैनेजर डॉ। अर्चना के स्तर से कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। मेडिकल कॉलेज में बच्ची को इसी साल पांच मई को भर्ती किया गया और सात मई को सर्जरी हुई। राधिका अब पूरी तरह से स्वस्थ है।


सरदार नगर के 4 बच्चों की सर्जरी

आरबीएसके की डीईआईसी मैनेजर डॉ। अर्चना ने बताया कि सरदारनगर की आरबीएसके टीम दिल के छेद के बच्चों को ढूंढने में काफी एक्टिव होकर कार्य कर रहे हैं। अकेले इस ब्लॉक से चार सर्जरी हो चुकी हैं और तीन सर्जरी प्रक्रिया में हैं। जिले में 15 और बच्चों को दिल के छेद की सर्जरी के लिए चुना गया है।

Posted By: Inextlive