-आठ जून से 2ाुलेंगे मंदिर मस्जिद गुरूद्वारा और चर्च -मंदिर के समितियों ने तैयारी की पू

-आठ जून से खुलेंगे मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और चर्च

-मंदिर के समितियों ने तैयारी की पूरी

-मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कर सकेंगे पूजा-पाठ

लॉकडाउन में बंद मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और चर्च आठ जून से खुल जाएंगे। इसके लिए समितियों ने अपनी ओर से तैयारी पूरी कर ली है। इन मंदिरों में प्रसाद और फूल चढ़ाना तथा प्रतिमाओं को छूना बैन रहेगा। सैनिटाइजर के साथ मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वालों को ही पूजा करने दिया जाएगा। इसके अलावा परिसर के अंदर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए केवल आधे घंटे का ही समय मिलेगा। इसके बाद उन्हें परिसर से बाहर जाना होगा। इतना ही नहीं गेट पर दर्शन करने वालों का नाम, पता और मोबाइल नंबर भी रजिस्टर में दर्ज होगा। जिससे कि कोई बात होने पर उनका पता लगाया जा सके।

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नियम

-मंदिर में एक साथ दस व्यक्तियों से ज्यादा आने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर परिसर से जैसे-जैसे लोग बाहर जाएंगे वैसे-वैसे नए लोगों को आने की अनुमति दी जाएगी।

-मंदिर में टहलने वालों पर पूरी तरह से बैन रहेगा

-65 से अधिक उम्र वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है

-परिसर में प्रवेश करने से पूर्व अपना नाम एवं मोबाइल नंबर सुरक्षा गार्ड के पास दर्ज कराए

-सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बनाए गए गोल निशान के अंदर ही बैठेंगे। एक दूसरे से सटकर नहीं बैठेंगे।

-मंदिर परिसर में किसी भी पुजारी से बिना आज्ञा के नहीं मिलेंगे

-मंदिर में आने वाले लोग अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप जरूर डाउनलोड करें

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मस्जिद में जाने से पहले इन बातों का रखें ख्याल

-सिर्फ फर्ज नमाज ही मस्जिद में अदा करें

-सुन्नत और नफ्त नमाज घरों में अदा करें

-वुजू घर से बनाकर मस्जिद में आएं

-मस्जिद की तौलिया व टोपी का उपयोग बिल्कुल न करें

-मस्जिद में पहुंचकर हाथ व पैर धूल लें

-कपड़े रोजाना बदले

-मास्क लगाकर ही घर से निकलें

-रास्ते में करीब होकर न चलें और न किसी से हाथ मिलाएं, सलाम जरूर करें

-मस्जिद में एक साथ न दाखिल हों, बल्कि दूरी बनाकर बारी-बारी दाखिल हों, मस्जिद से एक साथ न निकले।

-रोजाना अच्छे तरीके से गुस्त करें।

-मस्जिद में नापाक व बदबूदार चीज लेकर न जाएं। जिसके बदन पर नापाकी लगी हो वह मस्जिद में न जाएं।

-मस्जिद मे ंअदब व एहतराम का ख्याल करें। और बच्चों का न लाएं।

-65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग मस्जिद में जाने से परहेज करें। बीमार न आएं, बल्कि वह घर पर ही रह कर नमाज अदा करें।

-कुरआन-ए-पाक की तिलावत घर पर ही करें। नमाज खत्म होने के बाद मस्जिद में बिल्कुल न रूकें।

कोट

कुछ सावधानियों के साथ सभी धार्मिक स्थल आठ जून से खुलेंगे। इस बीच भगवान के दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत है। आप सभी से प्रार्थना है कि अपने स्वास्थ्य और मंदिर परिसर की सूचिता को बनाए रखने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करें। ताकि इस वैश्विक महामारी से सुरक्षित रहे सकें।

उमेश कुमार सिंघानिया, सचिव गीता वाटिका

सरकार द्वारा बताएं गए गाइडलाइन ही सर्वोपरि होगा। वैसे भी आठ जून से मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरूद्वारा खुले रहे हैं मगर हमारा चर्च आराधना रविवार को होता है जो आगामी 14 जून को पड़ रहा है। गाइडलाइन आने से पहले ऑनलाइन ही चर्चेज चलेंगे। इस बीच सैनिटाइजर कराया जाएगा। साथ ही सरकार के आदेशों का पूर्ण रूप से सम्मान किया जाएगा।

रेब्रेन जसवंत हिलेरी, पुरोहित, सेंट एंड्रयूज चर्च कौवाबाग

एहितयाती तदबीर ही कोरोना से बचाव है। मस्जिदों में नमाज अदा करते समय सावधानी बरतें। मस्जिदों में फर्ज नमाज अदा करने के बाद सुन्नत व नफ्ल नमाज घर में अदा करें। उलेमा ने जो तदबीरें बया की हैं उन पर अमल करें। मस्जिद के अंदर व बाहर सफाई का ख्याल रखें। दीन-ए-इस्लाम में साफ-सफाई की बहुत ज्यादा अहमियत है। लिहाजा इसका ख्याल रखा जाए। बीमार, बच्चे व 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग मस्जिद में न जाएं।

हाफिज महमूद रजा कादरी, इमाम चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर

Posted By: Inextlive