- लॉकडाउन में प्राइवेट से ज्यादा सरकारी अस्पताल में एलीट क्लास के लोगों ने भी कराया डिलीवरी

- देश भर के 30 जिलों में गोरखपुर को भी किया गया शामिल

- लॉकडाउन में प्राइवेट से ज्यादा सरकारी अस्पताल में एलीट क्लास के लोगों ने भी कराया डिलीवरी

- देश भर के फ्0 जिलों में गोरखपुर को भी किया गया शामिल

GORAKHPUR:

GORAKHPUR:

लॉकडाउन से अब तक के दौरान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर क्या असर पड़ा, इस पर आरएमआरसी (रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) लैब रिसर्च करने जा रहा है। इसके लिए गोरखपुर समेत देश के फ्0 जिलों में इस सब्जेक्ट पर रिसर्च होगा। इसके लिए छह जोन भी बनाए गए हैं। बता दें, कोरोना महामारी के बीच पूरे देश में एक साथ लॉकडाउन हुआ था। इस दौरान जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़कर सभी कार्यक्रम पूरी तरह से रद्द कर दिए गए थे। प्राइवेट हॉस्पिटल को भी बंद कर दिया गया था। ऐसे में पे्रगनेंट लेडी ने डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पतालों की ओर रुख किया, जहां पर नॉर्मल डिलीवरी ज्यादा कराई गईं। लॉकडाउन के दौरान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़े असर पर अब आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने रिसर्च कराने का फैसला लिया है। गोरखपुर में इसकी जिम्मेदारी आरएमआरसी को सौंपी गई है।

इन प्वाइंट्स पर होगा रिसर्च

आईसीएमआर के प्लानिंग कोआर्डिनेटर व आरएमआरसी के निदेशक डॉ। रजनीकांत ने बताया कि रिसर्च का विषय 'इंपैक्ट ऑफ कोविड-क्9 ऑन मेंटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ सर्विसेज इन इंडिया' है। इसके तहत यह देखा जाएगा कि लॉकडाउन के दौरान पे्रंगनेंसी के प्रसव कैसे हुए ? टीकाकरण न होने से बच्चों और मां पर क्या प्रभाव पड़ा ? पुष्टाहार की स्थिति कैसी रही ? नॉर्मल डिलीवरी कैसे कराई गई ? कोविड के कारण गर्भपात तो नहीं हुआ या गर्भ को किसी तरह का नुकसान तो नहीं हुआ ? लॉकडाउन में कौन सी स्वास्थ्य सेवाएं गर्भवती को मिलीं ? कितनी गर्भवतियों का पंजीकरण हुआ ? प्रसव के दौरान बच्चों में कोई विकृति तो नहीं आई ?

एक्प‌र्ट्स की टीम रहेगी शामिल

आईसीएमआर के मीडिया प्रभारी व सीनियर साइंटिस्ट डॉ। अशोक पांडेय ने बताया कि रिसर्च करने वाली टीम में बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, स्टाफ नर्स, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता भी शामिल रहेंगी। एक-एक बिंदुओं पर एक्पर्ट से पूरी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी।

लॉकडाउन में नहीं हुआ था टीकाकरण

वहीं, लॉकडाउन के दौरान शासन की ओर से टीकाकरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। कोई भी टीकाकरण का कार्यक्रम नहीं चल रहा था। लॉकडाउन खत्म होने के बाद टीकाकरण की शुरुआत की गई। ऐसी स्थिति में लॉकडाउन के दौरान टीकाकरण से वंचित रहने वाले बच्चे और मां के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी ली जाएगी।

Posted By: Inextlive