कैपियरगंज में छत्तीसगढ़ के बिजनेसमैन संग लूट नहीं हुई थी. ठगी का शिकार होने पर उसने लूट की झूठी कहानी पुलिस को बताई. घटना की छानबीन के बाद सच्चाई सामने आई तो बिजनेसमैन ने पुलिस को बताया कि नेपाल से लाया गया सोना सस्ते में खरीदने के चक्कर में वह ठगी का शिकार हुआ था.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एसएसपी डॉ। विपिन ताडा के निर्देश पर पुलिस ने बदमाशों को पकड़ लिया है। सभी आरोपित देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीर नगर और गोरखपुर जिलों के रहने वाले हैं। सोना लेने के चक्कर में ठगी के शिकार हुए व्यापारी
दुर्ग (छत्तीसगढ़) के महाबीर कालोनी निवासी बिजनेसमैन प्रसन्ना जैन ने गुरुवार की शाम कैंपियरगंज क्षेत्र में आठ लाख रुपए की लूट होने की सूचना पुलिस को दी। छानबीन में मामला ठगी का निकला। प्रसन्ना जैन ने पुलिस को बताया कि तीन माह पहले दुर्ग रेलवे स्टेशन पर संन्यासी वेष में रामायण ङ्क्षसह नाम का व्यक्ति मिला था जिसने खुद को देवरिया, बघौचघाट के नौगांवा का निवासी बताया। मंदिर निर्माण के नाम पर रामायण ने अपने खाते में 2.90 लाख रुपए ले लिए। तीन माह पहले कैंपियरगंज में आश्रम बनवाने का झांसा देकर गोरखपुर बुलाया। रेलवे स्टेशन रोड स्थित होटल सिद्धार्थ में संन्यासी ने उनकी मुलाकात सरदार नाम के व्यक्ति से कराई। दो दिन पहले रामायण ने वृद्धाश्रम के निर्माण के नाम पर 11 लाख रुपए मांगे।


रुपए देने के लिए प्रसन्ना जैन अपने एक साथी संग गोरखपुर आए। रामायण से बातचीत होने पर कैंपियरगंज ओवरब्रिज के नीचे चले गए। वहां साथियों संग बाइक से पहुंचा सरदार रुपए से भरा बैग लेकर भाग गया। पुलिस की जांच में सामने आया कि प्रसन्ना जैन वृद्धाश्रम के लिए रुपए दान देने नहीं बल्कि सस्ते में सोना खरीदने के लालच में पहुंचे थे। सर्विलांस की मदद से क्राइम ब्रांच और कैंपियरगंज पुलिस ने शनिवार की सुबह राजपुर गांव के पास से रायायण ङ्क्षसह, महराजगंज के सोनौली, लक्ष्मीगंज निवासी लाल बिहारी यादव उर्फ सरदार, वार्ड नंबर 11 निवासी शहाबुद्दीन, संतकबीर नगर जिले के बखिरा सहसराव निवासी राकेश चौधरी, दुर्गजोत निवासी एकलाख और पीपीगंज के जंगल बिहुली निवासी खुर्शीद को अरेस्ट कर लिया। एसटीएफ का कांस्टेबल बनकर साथी को छुड़ाया

उनके पास पुलिस ने पांच लाख 77 हजार रुपए, घटना में इस्तेमाल तीन बाइक, नकली सोने के सिक्के बरामद हुए। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ से सोना खरीदने आए प्रसन्ना जैन अपने दो कर्मचारियों को ले आए थे। कैंपियरगंज ओवरब्रिज के नीचे सरदार और शहाबुद्दीन उनसे मिलने पहुंचे। रुपए से भरा बैग लेने के बाद सरदार कैंपियरगंज कस्बे की तरफ चला गया। गारंटी के लिए वह शहाबुद्दीन को छोड़ गया। कुछ देर बाद बाइक से खुर्शीद और एखलाक पहुंचे। दोनों ने खुद को एसटीएफ का कांस्टेबल बताते हुए शहाबुद्दीन को अपने साथ लेकर चले गए। पुलिस टीम ने 24 घंटे के भीतर घटना का पर्दाफाश किया है। इसलिए टीम को डीआईजी की तरफ से 25 हजार रुपए का इनाम दिया गया है।

Posted By: Inextlive