- लोगों ने इस मामले में सभी से आगे आने के लिए की अपील

- बहरामपुर में हुई विचार गोष्ठी, बनी रणनीति

GORAKHPUR: इमाम व मोअज्जिन की तनख्वाह के मसले पर शनिवार को गुलाम-ए-मुस्तफा तहरीक की ओर से उलेमा-ए-किराम व अवाम की विचार गोष्ठी बहादुर शाह जफर कॉलोनी बहरामपुर में हुई। जिसमें इमाम व मोअज्जिन हजरात की तनख्वाह बढ़वाने को लेकर विचार विमर्श कर आगे की रणनीति बनाई गई। सरपरस्ती करते हुए हाफिज व कारी जमील मिस्बाही ने सभी उलेमा-ए-किराम से इस मसले पर एकजुट होने की बात कही। कहा कि लॉकडाउन के समय से ही इमाम व मोअज्जिन हजरात काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। जिंदगी गुजर बसर करनी मुश्किल हो गई है। तनख्वाह बढ़ाया जाना वक्त का तकाजा है। तमाम मुसलमान अपने मस्जिद के मुतवल्ली, सदर व सेकेट्री से बैठक कर बात करें।

सभी को आगे आना होगा

तहरीक के अध्यक्ष शाकिर अली सलमानी ने मस्जिदों के इमामों व मोअज्जिन हजरात से अपने हक हकूक के लिए बेदार होने की अपील की। महंगाई के दौर में चार से पांच हजार रुपए की तनख्वाह पर जिंदगी गुजारना मुश्किल है। जुमा की तकरीरों और जलसों में तहरीक के प्रवक्ता बेदारी लाने की कोशिश कर रहे हैं। मुहीम को सफल बनाने के लिए सभी को आगे आना पड़ेगा। हर मस्जिद में इस मसले पर मीटिंग होनी चाहिए। जुमा के दिन मुसलमानों को मस्जिद में रोंके उन्हें समझाया जाए। कारी शराफत हुसैन कादरी ने इमाम व मोअज्जिन हजरात की वर्तमान स्थिति पर रौशनी डालते हुए कहा कि महंगाई का दौर है। हर चीज की कीमत बढ़ रही है। इमाम व मोअज्जिन हजरात कम तनख्वाह में जिंदगी गुजारने पर मजबूर हैं।

निकाले मसले का हल

नायब काजी मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने कहा कि इमाम व मोअज्जिन हमारे पेशवा, रहनुमा व सरों का ताज हैं। इनके साथ बेहतर सुलूक करना सभी की जिम्मेदारी है फिर चाहे तनख्वाह का मसला हो या और कोई मसला। इमामों की इज्जत पूरे कौम की इज्जत है। जब उनके हालात बेहतर नहीं हैं तो आम मुसलमानों के हालात कैसे होंगे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। उलेमा व अवाम मिलजुल कर इस मसले का हल निकालें। मोहल्ले-मोहल्ले में मीटिंग की जाए। जलसों व महफिलों के जरिए बेदारी लाई जाए। गोष्ठी में सैयद इरशाद अहमद, मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, आदिल अमीन, शकील शाही, हाफिज अशरफ नूरानी, कारी अजीम, हाफिज हसनैन रजा कादरी, हाफिज नूर अहमद कादरी, मौलाना नूरैन, मौलाना दारैन, गुलाम अशरफ सलमानी, अजीम सलमानी, शमीम सलमानी, गुलाम अली खान, हाफिज आसिफ रजा, हाफिज अरसी सलमानी, वाजिद अली, मौलाना नूर मोहम्मद आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive