- बेसिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ने बेसिक के स्कूलों का किया इंस्पेक्शन

- स्कूलों में नहीं मिली क्वालिटी

GORAKHPUR: पढ़ाई की गुणवत्ता के साथ-साथ छात्रों की उपस्थिति का जायजा लेने के लिए शासन के अफसरों ने जिले के परिषदीय स्कूलों का इंस्पेक्शन किया। जिसमें यहां के स्कूल उनकी कसौटी पर खरे नहीं उतरे। छात्रों की उपस्थिति जहां नामांकन के सापेक्ष नगण्य रही। वहीं पाठन-पाठन की गुणवत्ता भी असंतोषजनक मिली। शासन के निर्देश पर गत पंद्रह फरवरी को बेसिक शिक्षा निदेशालय के विधि अधिकारी व पूर्व बीएसए मनीराम सिंह ने जिले के परिषदीय स्कूलों का जायजा लिया था। इस दौरान जहां पिपरौली प्राथमिक विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति पचास फीसद मिली वहीं जूनियर हाईस्कूल नेवास, कालेसर, पूरा भरत बांसगांव तथा खजनी के छताई जूनियर स्कूल में छात्रों की उपस्थिति काफी कम मिली थी। इन स्कूलों में कही छह तो कही सात छात्र ही उपस्थित मिले। जूनियर हाईस्कूल नेवास में मध्याह्न भोजन भी नहीं बना था।

कायाकल्प की प्रगति भी मिली थी खराब

परिषदीय विद्यालय में कायाकल्प योजना के तहत ग्राम पंचायतों को अपने-अपने गांव के प्राथमिक विद्यालयों को मॉडल स्कूल की तर्ज पर विकसित करना था, लेकिन इंस्पेक्शन में सिर्फ पिपरौली व कालेसर में कायाकल्प के तहत कार्य होना पाया गया। जबकि नेवास, पूरा भरत तथा छताई में प्रधान ने कार्य नहीं कराया था। इस पर टीम ने असंतोष जताया और वास्तविक स्थिति से शासन को अवगत कराने की बात कही।

इंस्पेक्शन के दौरान एक विद्यालय को छोड़कर कही भी उपस्थिति संतोषजनक नहीं मिली। पिपरौली में कक्षा छह में पंजीकृत 119 के सापेक्ष 67 छात्र मौजूद मिले। जबकि शेष में छह से सात बच्चे ही प्रेजेंट पाए गए। इंस्पेक्शन के बाद खंड शिक्षाधिकारियों के साथ मीटिंग में उन्हें कमियों से अवगत कराते हुए सुधार के निर्देश दिए गए। इंस्पेक्शन में मिली कमियों व कायाकल्प योजना में शिथिलता को शामिल करते हुए रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है।

- मनीराम सिंह, विधि अधिकारी, बेसिक शिक्षा निदेशालय

Posted By: Inextlive