- संत कबीर जयंती पर डीडीयू में ऑनलाइन ऑर्गनाइज हुआ सेमिनार

- वीसी ने व्यक्त किए अपने विचार

GORAKHPUR: संत कबीर की जयंती पर गुरुवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कबीर एकडेमी नोडल केंद्र की ओर से गुरुवार को ऑनलाइन सेमिनार आर्गनाइज किया गया। इस दौरान अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि संतों का जीवन एवं उनका कर्म आज भी हमारे लिए प्रासंगिक होना चाहिए क्योंकि उनकी वाणी में पूरी मनुष्यता के कल्याण का बीज छुपा हुआ है। जब मैं संत कबीरदास को देखता हूं तो मुझे ऐसा लगता है कि उनके यहां गोरखनाथ की परंपरा का विस्तार है। यूनिवर्सिटी में भारतीय संत परंपरा, महायोगी गुरु गोरखनाथ, संत कबीर एवं महात्मा बुद्ध के अध्ययन एवं शोध के लिए हम प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं। संत कबीर पर अध्ययन, शोध के लिए संत कबीर चेयर की स्थापना के लिए डीडीयू अग्रसर हैं।

कबीर की वाणियों का महत्व

चीफ गेस्ट हिमाचल प्रदेश केंद्रीय यूनिवर्सिटी धर्मशाला के वीसी प्रो। हरमहेंद्र सिंह बेदी ने कहा कि पंजाबी साहित्य ही नहीं बल्कि संपूर्ण साहित्य में कबीर की वाणियों का विशेष महत्व है। उनके यहां समग्र भारतीय दर्शन का सार तत्व है। प्रो। हरमहेंद्र सिंह बेदी ने श्री गुरुगुरु ग्रंथ साहब में संकलित कबीर की वाणी को रेखांकित करते हुए कहा कि कबीर का प्रामाणिक पाठ यहां उपलब्ध है। आभार ज्ञापन हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो। अनिल राय ने किया। नोडल अधिकारी प्रो। दीपक त्यागी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस आयोजन में कुलसचिव डॉ। ओमप्रकाश, प्रो। राजवंत राव, प्रो। शीतला प्रसाद सहित हिंदी विभाग के सभी आचार्य तथा हिंदी विभाग के शोधार्थी, विद्यार्थी, डीडीयू के अनेक आचार्य उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive