नवरात्रि चल रहे हैं तो नारी शक्ति की बात जरूर होनी चाहिए. देश की संस्कृति में भी स्त्री को शक्ति का स्वरूप माना गया है. कहा भी गया है जहां नारी की पूजा होती है वहां स्वर्ग होता है. ऐसे में आज हम गोरखपुर की उन नारियों की बात कर रहे हैं जो शिक्षा स्वास्थ्य रेलवे कानून व्यवस्था के क्षेत्र में काम कर गोरखपुर को सशक्त बनाने का काम कर रही हैं या फिर समृद्ध सिस्टम के लिए सपोर्टिव हैं. मंगलवार को आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने डॉक्टर की भूमिका निभाई.


गोरखपुर (ब्यूरो).महिला कांस्टेबल ने रेलवे स्टेशन परिसर में महिला का प्रसव कराया। महिला पुलिसकर्मी ब्लड डोनेट कर दूसरों की जान बचा रही हैं। ऐसे ही नारी शक्ति के लिए ''या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:ÓÓ मतलब 'जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। 1. आरपीएफ कांस्टेबल गीताजंलि व राजकुमारी ने कराई डिलीवरी


रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3-4 के बीच ओवरब्रिज के स्टॉल नंबर 4 के पास एक महिला यात्री दर्द से चिल्ला रही थी। उसके पति से आरपीएफ कांस्टेबल रमेश कुमार यादव ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वे अंत्योदय एक्सप्रेस (22552) से लुधियाना से सीतामढ़ी जा रहे थे। पत्नी की तबीयत अचानक खराब होने के कारण वह लोग गोरखपुर स्टेशन पर ही उतर गए। रेलवे डाक्टर के आने से पहले महिला का प्रसव पीड़ा काफी बढ़ जाने के कारण आरपीएफ कांस्टेबल राजकुमारी व गीताजंलि ने एक महिला यात्री की मदद से चद्दर से चारों तरफ घेरा बनाकर प्रसव कराया। आरपीएफ प्रभारी राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। ऑपरेशन मातृशक्ति के तहत डिलीवरी हुई।2. एमबीबीएस स्टूडेंट्स के काम आएगी देह

विकास नगर निवासी लक्ष्मी देवी (53) ने अपने बॉडी को डोनेट करने के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज के एनाटॉमी डिपार्टमेंट में फार्म फिलअप किया है। वे बताती हैं कि वह एलआईसी में कार्यरत हैं। वे चाहती हैं कि मेरी बॉडी एमबीबीएस के स्टूडेंट्स की पढ़ाई के काम आ जाए। इसलिए मैैं अपनी बॉडी डोनेट करना चाहती हूं। इसके लिए मैने अपने बच्चों से भी कह दिया है कि वह मेरे बॉडी को दान कर दें। लक्ष्मी वृद्धाश्रम व अनाथ आश्रम में भी जरूरतमंदों की सहायता करती हैं। 3. खुद ही बनाती हैं वैक्सीनेशन स्लॉट शाहपुर पीएचसी की एएनएम शालिनी पांडेय बताती हैैं कि वह अब तक 70 हजार से अधिक वैक्सीन लगा चुकी हैं। कोविड वैक्सीन हो या फिर रेगुलर वैक्सीनेशन, वह अपने काम को बेहद ईमानदारी के साथ करती हैं। यहां तक की बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए वह आसपास के स्कूलों में खुद जाती हैैं और खुद ही स्लॉट बनाती हैैं। नवरात्रि में नौ दिन का फास्ट रहने के बाद भी वह हेल्थ सेंटर आना नहीं भूलतीं। 4. महिलाओं को बना रहीं स्वावलंबी

पादरी बाजार स्थित सनराइज पावर सोशल एंड एजुकेशन ट्रस्ट की डायरेक्टर तन्नू शर्मा बताती हैं वैसे तो खुद स्वावलंबी बन चुकी हैैं, लेकिन दूसरे महिलाओं को भी आत्मनिर्भर के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने का काम कर रही हैैं। अब तक दो हजार से ज्यादा महिलाओं को स्वावलंबी बना चुकी हैैं। जो सिलाई कढ़ाई, बुनाई, कंप्यूटर चलाना, हैंडीक्राफ्ट, टेडीवियर डिजाइन, ब्यूटीशियन कोर्स, बैग मेकिंग आदि जैसे ट्रेनिंग देकर उन्हें स्वरोजगार से जोडऩे का काम कर रही हैैं। 5. महिला को शक्तिशाली बना रहा महिला शक्ति दलआधी आबादी यानी महिलाएं शक्तिशाली तभी बनेंगी, जब वो अपने अधिकारों के बारे में जानेंगी। महिलाओं को उनके अधिकार और उनके लिए बनाए कानून की जानकारी एसपी क्राइम इंदु प्रभा सिंह की टीम दे रही है। एसपी क्राइम ने महिला शक्ति दल का गठन किया है। हर थाने पर इस दल के मेंबर काम कर रहे हैं। मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत महिला शक्ति दल वूमेन को उनके पॉवर के बारे में बताकर अवेयर कर रहा है। महिला शक्ति दल स्कूल, कॉलेजों में जाकर गल्र्स स्टूडेंट्स को अवेयर कर रहा है। 6. 15 बार खून दे चुकी हैं अंकिता
बनारस से आईं कांस्टेबल अंकिता सिंह कुछ ही दिन में शहर के लिए खास बन गई। अंकिता ने 2 साल की ड्यूटी के दौरान 15 बार इमरजेंसी कॉल पर ब्लड डोनेट किया है। अंकिता ने बताया कि जब वो बनारस में ग्रेजुएशन कर रही थीं तभी से वो दूसरे की जान बचाने के लिए ब्लड डोनेट कर रही हैं। एक बार देर रात बीआरडी मेेडिकल कॉलेज जाकर अंकिता ने मरीज की जान बचाने के लिए अपना ब्लड डोनेट किया था। 7. स्ट्रीट चाइल्ड का फ्यूचर ब्राइट कर रहीं सोनिका सड़क पर स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ते बच्चों को आपने देखा होगा। ये बच्चे भी पढऩा चाहते हैं, लेकिन गरीबी की मार झेल रहे बच्चों के सपने दब कर रह जाते हैं। गोरखपुर की सड़कों और गलियों में ऐसे बच्चों को सोनिका दीदी का सहारा मिला है। सोनिका खरवार की टीम गोरखपुर शहर के कई इलाकों में जाकर खास तौर से स्ट्रीट चाइल्ड की खोज कर उन्हें अच्छे कपड़े, कॉपी किताब और पेन अवेलबल करा रही हैं। बच्चे भी उन्हें सोनिका दीदी कहकर पुकारते हैं। हर त्योहार और बर्थडे सोनिका इन बच्चों के साथ ही सेलिब्रेट करती हैं। इन्होंने दर्जनों बच्चों को सड़क से उठाकर सरकारी स्कूल तक पहुंंचाया है। 8. चेन स्नेचर से भीड़ गई बहादुर बेटी
शाहपुर के जेल रोड निवासी प्रिया सिंह के साहस की हर जगह प्रशंसा होती है। बीते दिनों जेल रोड पर कुछ बदमाशों द्वारा प्रिया का मोबाइल छिनकर भागने का प्रयास किया गया। बदमाशों का मोर्चा अकेली ही बहादुर बेटी प्रिया सिंह ने किया। इसमे उन्हें काफी चोट भी आई थी। लेकिन जिसने भी उनकी बहादुरी देखी वो उनका कायल हो गया। एडीजी अखिल कुमार ने प्रशस्ति पत्र देकर प्रिया की हौसला बढ़ाया। 9. अनिता के आइडियाज से बच्चे बन रहे स्मार्टपरिषदीय स्कूल की व्यवस्था को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं। लेकिन कंपोजिट स्कूल सरैया की टीचर अनिता श्रीवास्तव ने कम संसाधन में खुद को साबित कर सबके मुंह पर ताला लगा दिया है। कोरोना काल में जब प्राइवेट स्कूल में भी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी। उस पेंडेमिक में भी अनिता ने नए-नए वीडियो और आडियो बनाकर परिषदीय स्कूल के बच्चों की पढ़ाई जारी रखी थी। अनिता के पढ़ाई से जुड़े आडियो और वीडियो को दूसरे जिलों में भी शेयर किया गया था। इसके लिए इन्हें पुरस्कार से नवाजा भी गया था।

Posted By: Inextlive