- शिवालयों में दर्शन के लिए उमड़ेगी शिवभक्तों की भीड़

- कहीं जिंदा सांपों से भोलेनाथ का श्रंगार तो कहीं निकलेगी शिव बारात

- महाशिवरात्रि के लिए शहर के मंदिरों में दोपहर तक जल चढ़ाने वालों का लगा रहा तांता

GORAKHPUR: महाशिवरात्रि के पावन पर्व के मौके पर सोमवार को शहर के सभी शिवालयों में बम-बम भोले शंकर, हर-हर महादेव से गूंज उठा। भोर से ही लोग अपने घरों से स्नान करके हाथों में पूजा की थाल और दूध लेकर मंदिरों में जुटने लगी। श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की और बाबा का श्रृंगार कर भांग धतूरा, फल-फूल, बेलपत्र चढ़ाया। झारखंडी शिव मंदिर, मुक्तेश्वनाथ मंदिर, मानसरोवर, जटाशंकर शिव मंदिर के अलावा मोहल्लों के मंदिरों में भगवान शंकर के भक्तों का तांता लगा रहा। शहर के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं को पूजा के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए मंदिर प्रबंधक और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रही।

शिव पूजन का खास दिन

ज्योतिषाचार्य पंडित शरदचंद्र मिश्र के मुताबिक फाल्गुन माह की कृष्ण त्रयोदशी को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। इस दिन सोमवार को महाशिवरात्रि पड़ने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस महाशिवरात्रि में शिव योग होने के कारण इस दिन बन रहे संयोग पर पूजन करने से भक्तों के कष्ट दूर होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि रात्रिकालीन चार पहर पूजन और जलाभिषेक के बिना महाशिवरात्रि का व्रत पूर्ण नहीं होता। उनका कहना है कि महाशिवरात्रि पर इस बार शिव अमृत योग होने के कारण चंद्र दोष और काल सर्प दोष से शांति मिलेगी। चंद्र दोष के जातकों को इस दिन चंद्रमा के मंत्र का ग्यारह सौ बार जाप पारद शिवलिंग पर दूध मिश्रित जल से अभिषेक करना चाहिए। भगवान शंकर के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान होने के कारण इस दिन पूजन करने से दोष से मुक्ति मिलेगी। इसी दिन काल सर्प दोष का निवारण भी भगवान शिव के पूजन से होता है।

जिंदा सांपों को चढ़ाया दूध

महाशिरात्रि के अवसर पर सपेरों ने लोगों को भगवान शंकर के गले में माला बने सापों का दर्शन कराया। दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं ने सांपों को दूध पिलाया और सपेरों को दान भी किए। सपेरों ने शहर के मंदिरों पर सापों का पिटारा खोलकर रख दिए थे, वहीं मोहल्लों में घर-घर घूमकर सपेरों ने सांप का दर्शन कराया। इस अवसर पर शहर में महादेव झारंखडी और मुक्तेश्वरनाथ मंदिर में मेला भी लगा था। पूजा करने आए श्रद्धालुओं के साथ आए बच्चों ने मेले का भी आंनद लिया। मुक्तेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी रमानाथ उपाध्याय ने बताया कि सोमवार की भोर से ही श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया, वहीं सुबह 10 बजे के बाद मेले में भी भीड़ जुटने लगी। मेले में पूजा अर्चना करने आई महिलाएं सौंदर्य प्रसाधन की खरीदारी की, वहीं बच्चों गुब्बारे व खिलौने खरीदे।

Posted By: Inextlive