एक बार फिर गोरखपुर में अपराधी पांव पसार रहे हैं अगर पुलिस ने सख्ती नहीं दिखाई तो अपना शहर जो पहले अपराध के लिए जाना जाता था फिर से वही पहचान बन जाएगी.


(अनुराग पांडेय)। सीएम योगी सरकार में पुलिस का ऐसा टेरर बना था कि अपराधी खुद हाथ उठाए थाने पहुंचकर सरेंडर कर रहे थे। गोरखपुर में भी घर गृहस्थी, भाई-भाई के झगड़े छोड़कर बड़ी आपराधिक घटनाएं खत्म हो गई थीं और कई माफिया बदमाश तो दूसरे जिले में शिफ्ट हो गए थे। केस 1 शूटर को दी तीन लाख की सुपारी
दस जुलाई को हरपुर बुदहट इलाके के रघुनाथपुर में महिला प्रधान को दरवाजे पर चढ़कर चार बदमाशों ने गोलियां मारी। इस मामले में पूर्व प्रधान पप्पू शुक्ला पर आरोप लगा कि उन्होंने शूटर को तीन लाख रुपए में महिला प्रधान को जान से मारने की सुपारी दी थी। घटना के दूसरे ही दिन पुलिस ने इसमें शामिल शॉर्प शूटर संजय यादव को अरेस्ट कर घटना का खुलास कर दिया। शूटर संजय यादव पर 32 हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में अन्य आरोपियों को तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। केस 2यूपी बिहार के माफिया के टच में शूटर


चार जुलाई जब नए एसएसपी रात में गोरखपुर में पदभार ग्रहण कर रहे थे। उस दिन देर रात में कोतवाली के चरणलाल चौक पर रिटायर्ड दरोगा के बेटे रोहित सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को अंजाम रोहित के दोस्तों ने ही दिया था। पुलिस की जांच में ये बात आई कि पांच लाख रुपए के लिए रोहित की हत्या हुई। लेकिन इस मामले में जो आरोपी बने वे सभी सूद से लगाए कई गलत काम लिप्त थे। यही नहीं इस घटना में शामिल शैलेन्द्र यादव शॉर्प सूटर भी है। गोरखपुर से लगाए बिहार तक में कई बड़ी घटनाओ को इसने अंजाम दिया है। शैलेन्द्र यादव को नाम कई बड़े शूटरों के साथ जोड़ा जाता है। केस 3सवाल बनकर रह गया कौन थे शूटरबड़हलगंज कोतवाली इलाके में 24 जून को सब्जी कारोबारी राजेन्द्र दुबे की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुबह वो सब्जी लेकर वापस घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में बदमाशों ने उनके सीने में सटाकर गोली मारी। इस मामले में जमीन विवाद में हत्या की बात सामने आई। लेकिन हत्या करने का तरीका देखकर वहां के लोगों ने कहा कि शूटर की तरह बदमाश ने गोली मारी है। पुलिस ने भी इस बात को माना कि इस हत्या में किसी शूटर का इन्वाल्वमेंट हो सकता है। लेकिन अभी तक गोली मारने वालों का नाम पता पुलिस नहीं पता लगा पाई।

हाल फिलहाल में घटी ये 3 घटनाएं बता रही हैं कि भीगी बिल्ली बने बदमाश एक बार फिर सिर उठाने लगे हैं.कहीं ना कहीं खाकी का भी टेरर कम हुआ है। इन घटनाओं ने शहर को किया बदनाम। सात जुलाई को गुलरिहा इलाके में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।। दस जुलाई को हरपुर बुदहट में महिला प्रधान के घर चढ़कर हत्या का प्रयास। चार जुलाई को कोतवाली इलाके में दरोगा के बेटे की गोली मारकर हत्या। 24 जून को बड़हलगंज में सब्जी कारोबारी की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या। 27 जून को एक किशोरी के साथ कुसम्ही जंगल में गैंगरेप। 25 जून को बहन का विडियो बनाने से रोकने पर युवक की हत्या। 8 जुलाई को कैंट इलाके में मंदिर की देखभाल करने वाली वृद्ध महिला की हत्याशहर में अमन शांति के लिए कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में हमेशा काम होता है। बड़े अपराधी जिन्होंने बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है या शूटर की श्रेणी में आते हैं, उनकी कुंडली एक बार फिर खंगाली जाएगी। उनका रूटिन क्या है, प्रेजेंट टाइम में क्या कर रहे हैं इसका पता लगाया जाएगा। डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी

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