-आज लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, सूतक काल रात से

GORAKHPUR: साल का पहला सूर्य ग्रहण रविवार को लग रहा है। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। सूतक काल शनिवार रात 10 बजकर पांच मिनट पर शुरू हो जाएगा, जो अगले दिन रविवार ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगा। इसलिए अब सूर्य ग्रहण की वजह से गोरखपुराइट्स ने अपने रूटीन में बदलाव लिया है। कईयों ने तो अपना सफर तक कैंसिल कर दिया है। गृहणियों ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। सूतक काल से ग्रहण के समाप्ति तक मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। इस दौरान मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं होगी।

रविवार को सूर्य ग्रहण पड़ेगा। इस बार सूर्य ग्रहण कंकण आकृति वाला होगा। इस ग्रहण में सूर्य कंगन की आकृति की तरह नजर आएगा। यह प्रकृति में होने वाली दुर्लभ घटना है। ऐसे सूर्य ग्रहण को पूरे विश्व में कहीं से भी देखा जा सकता है। इस बार होने वाले वलयाकार सूर्य ग्रहण को कंकण ग्रहण भी कहते हैं। कारण है कि चंद्रमा की ओट में सूर्य का बड़ा हिस्सा एक जाता है। चारों ओर एक चूड़ी के आकाश का शेष एक प्रतिशत हिस्सा दिखाई देगा। वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाने के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजर रहा होता है। इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। जिस वजह से ये घटना होती है। इस खगोलिय घटना को भारत सहित इंडोनेशिया, पाकिस्तान, जापान, अफ्रीका, दक्षिण पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व एशिया, दक्षिणी चीन, इराक, चीन, सउदी, अरब, अफगानिस्तान समेत अन्य देशों में देखा जा सकेगा।

सूतक काल क्या होता है

पंडित शरद चंद ने बताया कि ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य, पूजा-पाठ, धार्मिक आयोजन नहीं किए जाते हैं। मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। जिससे भगवान तक भी ग्रहण का अशुभ प्रभाव न पहुंच सकें। सूतक काल का समय अशुभ होता है। क्योंकि इस दौरान राहु सूर्य और चंद्रमा का ग्रास कर लेते हैं। माना जाता है ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा हावी रहती है।

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सूतक काल के दौरान क्या न करें

- ग्रहण के सूतक काल के दौरान किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का सेवन न करें

-सूतक काल में किसी प्रकार का नया कार्य शुरू न करें

-कैंची और चाकू का प्रयोग न करें

-भगवान की मूर्तियों का हाथ से न छूएं

-बालों पर कंघी करना, दांतून करना भी सूतक काल में अशुभ माना जाता है

-सूतक काल में आप को भगवान का ध्यान करना चाहिए

-नकारात्मक कोई प्रभाव नहीं पड़ता

-इस काल में धार्मिक पुस्तकों का भी अध्ययन कर सकते हैं।

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भूल कर भी नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण को देखने की न करें कोशिश

पंडित ने बताया कि भूल कर भी इस सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने का प्रयास न करें। नहीं तो आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चले जाने का खतरा बना रहता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के ज्यादा आंशिक और वलयाकार सूर्य ग्रहण अंाखों के लिए खतरनाक होता है। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर चश्मा, टेलीस्कोप, पिन होल कैमरा, सूर्य ग्रहण प्रोजेक्टर, सोलर दूरबीन की मदद से देख सकते हैं।

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-21 जून को सूर्य ग्रहण का समय

-9.15 सुबह आंशिक ग्रहण शुरू

-12.10 अधिकतम ग्रहण

-3.04 बजे आंशिक ग्रहण समाप्त

Posted By: Inextlive