- बेरोजगारों को झांसा देकर करते थे ठगी, शिकायत पर हुई कार्रवाई

- कैंट में दर्ज हुआ मुकदमा, यूपी के कई जिलों से जुड़े गैंग के तार

GORAKHPUR: को-आपरेटिव बैंक, रेलवे क्लर्क और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों के साथ ठगी करने वाले दो शातिर पकड़े गए। एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने शनिवार की रात कैंट एरिया में दोनों को पकड़ा। उनके पास से मोबाइल, नकदी सहित कई दस्तावेज बरामद हुए। एसटीएफ गोरखपुर के इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि इस गैंग से जुड़े हुए अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पकड़े गए युवक रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर रुपए लेने पहुंचे थे।

एसटीएफ से शिकायत पर जांच, सूचना पर कार्रवाई

फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर रेलवे और अन्य विभागों में नौकरी का झांसा देने वाले गैंग की शिकायत एसटीएफ मुख्यालय में हुई थी। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देने का एक मुकदमा भी कैंट थाना में दर्ज हुआ। इसके बाद एसटीएफ सक्रिय हो गई। शनिवार को सूचना मिली कि दो शातिर पुराना रेलवे पुलिस चौकी तिराहे के पास खड़े हैं। टीम ने दोनों को अरेस्ट कर लिया। उनकी पहचान राजू उर्फ रजनीश निवासी सी-251 दिनेश नगर पिलखुआ जनपद हापुड और अतुल कुमार दुबे निवासी ग्राम चौकडी पोस्ट कोडरी थाना गोला जिला गोरखपुर के रूप में हुई।

हृदय नारायण है गैंग लीडर

रजशीन ने बताया कि दो साल पहले लखनऊ में उसकी मुलाकात हृदय नारायण मिश्र से हुई थी। साधुपुरवा, बलरामपुर का मूल निवासी महाराजा होटल हुसैनगंज, लखनऊ का रहने वाला है। हृदय नारायण ही गैंग लीडर है। हृदय नारायण ने बताया था कि मैं बेरोजगार युवकों से सरकारी नौकरी के नाम पर पैसे कमाता हूं। हृदय नारायण ने ही मेरा परिचय अतुल कुमार दुबे व शीतला प्रसाद पाठक निवासी देवलापार थाना गोला बाजार जिला गोरखपुर से कराया और कहा कि मेरे लिए तुम लोग शिकार की तलाश करो। पैसे में से तुम्हे भी हिस्सा दिया जाएगा।

फर्जी कागजों पर हस्ताक्षर

रजनीश ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को मैं तैयार करता और शहर में लेकर आता जहां शीतला व अतुल फर्जी कागजों पर हस्ताक्षर कराकर किसी सरकारी अस्पताल में ब्लड टेस्ट करावा देते तथा पैसे मिल जाता तो कुछ दिन बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दे देते थे। रजनीश ने बताया कि साल भर पहले को-आपरेटिव बैंक में नौकरी दिलवाने के नाम पर मैने हृदय नारायण मिश्रा को आठ युवकों से पांच लाख रुपए दिलवाया था। प्रत्येक युवक के हिसाब से मुझे पांच हजार रुपए मिले थे।

आठ लाख में रेलवे की नौकरी का किया था सौदा

रजनीश ने बताया कि शनिवार को दो युवकों को रेलवे में क्लर्क पद पर फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर लेकर आए थे। उन युवकों से आठ-आठ लाख रुपए में नौकरी का सौदा हुआ था। कुछ पैसा उन लोगों ने टोकन मनी के तौर पर पहले दिया था। शनिवार को पचास हजार रुपए और दिए हैं।

अतुल कराता था युवकों का फर्जी मेडिकल

अतुल कुमार दुबे ने बताया कि राजू उर्फ रजनीश और शीतल प्रसाद पाठक और हृदय नारायण मिश्रा जो भी युवक लेकर आते हैं। मैं ही उनका मेडिकल कराता हूं उसके बदले मुझे प्रत्येक युवक के हिसाब से दो हजार रुपए मिलते हैं। अतुल ने बताया कि मेरे पास जो कागज मिले हैं उसे हमी लोगों ने तैयार किया है। इनका प्रयोग नये अभ्यर्थियो को दिखाकर विश्वास में लेने के लिए करते हैं, हम लोग पहले भी नौकरी लगवा चुके हैं। मेरे पास से लिफाफे में जो पैसा मिला हैं वो आज रेलवे में क्लर्क पद पर नियुक्ति कराने आए युवकों के हैं तथा ये पैकेट ले जाकर शीतल प्रसाद पाठक व हृदय नारायण मिश्रा को देने थे इसमें से मुझे मेरा हिस्सा है।

बरामद

05 एटीएम कार्ड, 02 पैन कार्ड, 01 अदद वोटर आईडी कार्ड, 02 मोबाईल फोन, कूटरचित नियुक्ति पत्र, अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेज, 2250 रुपए जामा तलाशी, 50 हजार रुपए जो अभ्यर्थियो से भर्ती कराने के नाम पर लिए थे।

Posted By: Inextlive