- बीआडी मेडिकल कालेज के आडिटोरियम में ऑर्गनाइज हुआ प्रोग्राम

- 2025 तक टीबी को जड़ से मिटाने को लेकर हुई चर्चा

GORAKHPUR: माइक्रोबायोलोजी डिपार्टमेंट व टीबी चेस्ट रोग विभाग के सहयोग से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वर्कशॉप ऑर्गनाइज की गई। एनटीईपी (नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलीमिनेशन प्रोग्राम) के अ‌र्न्तगत एनएचएम यूपी के सहयोग से ऑर्गनाइज इस वर्कशॉप की अध्यक्षता कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने की। उन्होंने टीबी के रोगियों की जांच व एक्स रे के जरिए पहचान पर बल डाला। सभी एचआईवी पॉजिटिव मरीज का सीबी नेट जांच हो, जिनका रिजल्ट पॉजिटिव हो उनकी आईडी जनरेट कर तत्काल एन-99 डॉट्स ट्रीटमेंट शुरु किया जाए। सीएमओ डॉ। सुधाकर पांडेय ने एसीएफ के अंर्तगत आशा, एएनएम, एसटीएस के माध्यम से समाज में छुपे हुए मरीज की खोज में अहम योगदान पर प्रकाश डाला।

500 रुपए दिया जाएगा रुपए

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। रामेश्वर मिश्रा ने टीबी के शुरुआती लक्षण व पहचान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने 2025 तक टीबी का खात्मा कैसे हो, इस पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सभी टीबी मरीज को 500 रुपए न्यूट्रीशियन के लिए अनुदान दिया जाता है। एचओडी माइक्रोबायोलोजी व नोडल अधिकारी सीडीएसटी लैब डॉ। अमरेश कुमार सिंह ने सैम्पल कलेक्शन व कल्चर के साथ नई निदान विधियों पर चर्चा की। एडवांस टेक्नॉलजी से लैस लैब के बारे में जानकारी दी। टीबी एंड चेस्ट विभाग के एचओडी प्रो। डॉ। अश्वनी मिश्रा ने अपनी बातें रखीं। इस मौके पर डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ। सौरभ श्रीवास्तव व प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक नेहरु चिकित्सालय डॉ। राजेश राय के साथ डॉ। अनीता मेहता, डॉ। रचना भटनागर, डॉ। माधवी सरकारी, डॉ। दीपशिखा, डॉ। जयेश पांडेय, जूनियर डाक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर के साथ बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए।

Posted By: Inextlive