दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में 7 जनवरी को प्री-पीएचडी एग्जाम के दौरान हुए बवाल की जांच की आंच अब टीचरों तक भी पहुंच गई है. एग्जाम के दौरान कुछ टीचर्स पर स्टूडेंट्स के माध्यम से भ्रांति उत्पन्न करने के गंभीर आरोप लगे हैं. यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एक पूर्व जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है. वीसी प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को संकायाध्यक्षों विभागाध्यक्षों और उसके बाद एग्जाम समिति की मीटिंग के बाद डीडीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने यह निर्णय लिया है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि केंद्राध्यक्ष की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि कुछ टीचर्स ने सरल तरीके से चल रहे एग्जाम में कुछ स्टूडेंट्स के जरिए भ्रांति उत्पन्न की गई। इसकी भी तहकीकात की जाएगी। पूर्व जज की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी निष्कासित स्टूडेंट्स और सम्बंधित टीचर्स को सुनेगी और उसके बाद अपनी रिपोर्ट देगी। कुल कितने शिक्षक जांच की जद में हैं, उनकी संख्या और नाम को लेकर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। जांच समिति के सदस्यों के नाम का भी खुलासा नहीं किया गया है। विभागों से मॉडरेशन न कराने पर सवाल


मीटिंग में कई टीचर्स ने प्री-पीएचडी प्रश्न पत्रों के मॉडरेशन पर प्रमुखता से अपनी बात रखी। कुछ टीचर्स ने कहा कि जब प्रश्न पत्रों का मॉडरेशन हुआ था, उस समय यह कहा गया था कि 45 नंबर के पर्चे बनाने हैं। उसके आधार पर 9-9 नंबर के पांच सवाल स्टूडेंट्स को हल करने थे। उस समय बहुविकल्पीय प्रश्न की कोई बात नहीं थी। अब 45 नंबर वाले उन प्रश्नों को 20 नंबर का कर दिया गया। 45 नंबर के प्रश्न बाहर से बनवाए गए। उस सम्बंध में न कोई जानकारी थी और न ही उनका मॉडरेशन विभागों से कराया गया।

मूल्यांकन के आधार पर मिलेगा नंबर 7 जनवरी को प्री पीएचडी के करीब 600 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दी है। उनकी आंसरशीट का मूल्यांकन किया जाएगा। जिन स्टूडेंट्स की आंसरसीट छीन ली गईं या फाड़ दी गईं, उन्हें फस्र्ट पेपर के अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिया जाएगा। सभी डिपार्टमेेंट में आंतरिक मूल्यांकन शोधार्थी के सुपरवाइजर/एडवाइजर द्वारा किया जाएगा, इसे विभागाध्यक्ष के माध्यम से 12 जनवरी तक भेज दिया जाए। आंतरिक मूल्यांकन में 15 अंक रिव्यू ऑफ लिटरेचर, 15 अंक असाइनमेंट तथा 5 अंक उपस्थिति पर होंगे। 2019-20 की प्री-पीएचडी एग्जाम का परिणाम 15 जनवरी तक घोषित कर स्टूडेंट्स का रजिस्टे्रशन शुरू हो जाएगा।प्री पीएचडी कम्प्यूटर एप्लीकेशन की एग्जाम आज डीडीयू द्वारा सत्र 2019-20 की प्री-पीएचडी के सेकेंड पेपर कम्प्यूटर अप्लीकेशन की रिटेन एग्जाम 9 जनवरी को ही होगा। सेकेंड पेपर का प्रारूप भी फस्र्ट पेपर रिसर्च मेथोडोलॉजी की तरह ही होगा। कंप्यूटर अप्लीकेशन का प्रैक्टिकल 11-13 जनवरी को होगा। जिन स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्यवाही की गई है, वे इसमें भाग नहीं ले पाएंगे।सत्याग्रह की राह पर शिक्षक संघर्ष समिति

प्रो। कमलेश गुप्त का निलंबन और सात टीचर्स की वेतन कटौती के आदेश को वापस लिए जाने की मांग को लेकर डीडीयू के शिक्षक संघर्ष समिति की मीटिंग शनिवार को विज्ञान संकाय में ऑर्गनाइज हुई। निवर्तमान अध्यक्ष प्रो। विनोद सिंह ने बताया, मीटिंग में वीसी को टीचर और स्टूडेंट के विरोधी बताते हुए उनकी निंदा की गई। चेतावनी दी कि यदि विधिक प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर की गई निलंबन एवं टीचर्स की वेतन कटौती वापस नहीं की गई तो संघर्ष समिति सत्याग्रह प्रारंभ करने के लिए बाध्य होगी। समिति ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से आंदोलित स्टूडेंट्स को चिन्हित करके उन्हें प्री पीएचडी एग्जाम से वंचित करने को निराशाजनक बताते हुए कहा, एडमिनिस्ट्रेशन को स्टूडेंट विरोधी रवैया छोड़कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए सभी को एग्जाम का अवसर प्रदान करना चाहिए। इससे वास्तव में परिसर में तनाव कम होगा और सद्धभावना पूर्ण वातावरण बन सकेगा। अभाविप ने किया प्रदर्शन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, महानगर की ओर से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में 7 जनवरी से शुरू हुई प्री पीएचडी एग्जाम मामले के विभिन्न बिंदुओं को लेकर शनिवार को एडी बिल्डिंग पर प्रदर्शन किया गया। वहां प्रदर्शन के बाद अभाविप कार्यकर्ता वीसी आवास पहुंचकर वीसी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रशांत त्रिपाठी, पीयूष मिश्रा आदि ने अपनी बातें रखीं।

Posted By: Inextlive