सिर्फ डिग्री हासिल कर लेने से डॉक्टर का कार्य पूरा नहीं हो जाता है. डिग्री हासिल करने के बाद आगे विशाल संभावनाओं वाला क्षेत्र है जहां डॉक्टर समाज हित में बहुत कुछ नया कर सकते हैं.Ó यह बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने एम्स गोरखपुर में नवनिर्मित 500 सीट के आडिटोरियम व देश के पहले तंबाकू नियंत्रण केंद्र नेशनल सेंटर फार पालिसी रिसर्च इन टोबैको कंट्रोल का उद्घाटन करने के बाद कहीं. यहां तंबाकू नियंत्रण विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि हर मरीज डॉक्टर के लिए रिसर्च का भी विषय होता है. एक डॉक्टर यदि एक वर्ष ओपीडी में मरीजों को देखता है मरीजों को सलाह देता है तो इसके जरिए उसे एक नया व व्यावहारिक पब्लिकेशन प्राप्त हो जाता है.


गोरखपुर (ब्यूरो).सीएम ने डॉक्टरों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में कुछ न कुछ नया करने का भी प्रयास करें। इनोवेशन और रिसर्च ही योग्यता का आधार है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दी है। सीएम योगी ने इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए लंबे समय तक अभिशाप बनी रही इंसेफेलाइटिस का जिक्र करते हुए कहा कि 1977-78 में आई। इस बीमारी से 40 साल में 50 हजार बच्चों की मौत हो गई। पर, 40 साल में इस पर एक भी रिसर्च पेपर देखने को नहीं मिला। यूपी के सरकारी कार्यालयों में तंबाकू पर पूर्ण प्रतिबंध
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में किसी भी तरह के तंबाकू के सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। कोई इसका उल्लंघन करेगा तो दंड का भागी होगा। उन्होंने 5 वर्ष पूर्व सचिवालय भ्रमण का वाकया बताते हुए कहा कि सीएम बनने के बाद जब वह पहली बार सचिवालय का जायजा लेने निकले थे तो वहां जगह-जगह गुटका-पान खाकर थूका हुआ मिला। तभी उन्होंने यह फैसला किया था कि सरकारी कार्यालयों में तंबाकू सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। इस अवसर पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो। सुरेखा किशोर, प्रो। अशोक प्रसाद, प्रो। बीएस गर्ग, वंदना शाह, डॉ। ओमप्रकाश बेरा आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive