दो अप्रैल दिन शनिवार को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से वासंतिक नवरात्र शुरू हो जाएंगे. इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. इसी दिन से मां शक्ति की आराधना शुरू हो जाएगी जो 10 अप्रैल को रामनवमी तक चलेगी. उस दिन शक्ति आराधना के साथ ही रामनवमी राम जन्मोत्सव भी भक्ति भाव से मनाया जाएगा. मां दुर्गा के श्रृंगार के सामान का बाजार सज गया है और मंदिरों में जोर-शोर से सफाई हो रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। आठ अप्रैल को महानिशा पूजा व नौ को महाष्टमी व्रत है। यह नवरात्र पूरे नौ दिन का है। न किसी तिथि की वृद्धि है और न ही क्षय। ज्योतिषीय दृष्टि से यह नवरात्र संतुलन व सौम्यता प्रदान करने वाला है।नवरात्र को शुभ बना रहे हैं योग
पं। नरेंद्र उपाध्याय व पं। शरदचंद्र मिश्र के अनुसार दो अप्रैल को सूर्योदय 5:51 बजे और प्रतिपदा तिथि दिन में 11:29 बजे तक है। रेवती नक्षत्र दिन में 12:57 बजे तक, इसके बाद अश्विनी नक्षत्र है। ऐंद्र योग सुबह 8:22 बजे तक, इसके बाद वैधृति योग है। इस दिन धाता नामक औदायिक योग भी है। ये सभी योग इस नवरात्र को अत्यधिक शुभ बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो लोग पूरे नवरात्र व्रत नहीं कर सकते, वे यदि सप्तमी, अष्टमी और नवमी इन तीन तिथियों में उपवास करें, तो भी उनकी कामना सिद्ध होती है। उन्हें नवरात्र व्रत का पूरा फल मिलता है। तीन दिन भी व्रत न कर सकें तो केवल पहले दिन व महाष्टमी के दिन व्रत रहना चाहिए। मां भगवती की कृपा सभी पर समान रूप से बरसती है। शास्त्रीय विधियों के साथ व्रत कर सकें तो अति उत्तम है, यदि विधियों के साथ संभव न हो तो भी पूरी श्रद्धा के साथ व्रत पूरा फल प्रदान करता है। मां श्रद्धा व भक्त का भाव देखती हैं।कलश स्थापना मुहूर्तमीन लग्न (द्विस्वभाव लग्न)- सूर्योदय 5:51 बजे से सुबह 6:28 बजे तक।अभिजित मुहूर्त- दिन में 11:36 बजे से 12:24 बजे तक।मिथुन लग्न (द्विस्वभाव लग्न)- दिन में 10:03 बजे से 12:17 बजे तक।कन्या लग्न (द्विस्वभाव लग्न)- सायं 4.48 बजे से 6.10 बजे तक।आकर्षक डिजाइन की चुनरी अवेलेबल सिटी के काली मंदिर, बेतियाहाता, असुरन चौक, घंटाघर आदि बाजारों में पूजन सामग्री बेचने वालों की दुकानों पर आकर्षक डिजाइनों व डिफरेंट साइज की चुनरी बिक रही है। इसके अलावा मां के नौ स्वरूपों वाले चित्र की भी खूब मांग है। पूजन अर्चन के लिए धूप, दीपक सहित अन्य सामग्रियों की खरीदारी अभी से ही लोगों ने आरंभ कर दी है। बात यदि माता के चुनरी की हो तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इसकी कीमत में मामूली वृद्धि देखी जा रही है। चुनरी 10 रुपए से लेकर 200 रुपए तक उपलब्ध है। कुछ श्रद्धालु इस नवरात्र में भी नौ दिनों तक व्रत रहकर माता की पूजा करते हैं। एक नजर में रेट (रुपए में)चुनरी ------- 10-200 सेंदुर ------- 05-10माता के कपड़े - 50-200माता का पूरा श्रृंगार-200 से 500 धातु की मूर्ति-500-800


पूजा सामग्री-300-500 काला तिल-100-150जौ-30-40देसी घी-350-500 हवन-50-100 नारियल-30-40

Posted By: Inextlive