- फॉग्सी की ओर से ऑर्गनाइज सेमीनार में सामने आई बात

- हर एक लाख में 200 हो रहे हैं टीबी का शिकार

- वहीं एक हजार महिलाओं में चार को हो जा रहा है पीलिया

GORAKHPUR: प्रेग्नेंट फीमेल्स को टीबी बड़ा दर्द दे रहा है। उनको यह मां बनने के सुख से दूर कर रहा है। टीबी की वजह से प्रेग्नेंट फीमेल्स चाइल्डलेसनेस का शिकार हो रही हैं। वहीं टीबी ही दुनिया में मौत के 10 बड़े रीजन में भी शामिल है। यह बातें सामने आई फेडरेशन ऑफ ऑब्स एंड गाइनिकोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के सेमीनार में जहां इसके मेंबर्स ने महिलाओं की बच्चेदानी और ओवरी में टीबी के साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले पीलिया के बारे में भी डिस्कशन किया। इसमें दिल्ली से डॉ। अशोक रत्न और गोरखपुर से डॉ। शालिनी अग्रवाल ने मुख्य वक्ता के तौर पर हिस्सा लिया।

580 लाख लोगों की बची है जान

फॉग्सी की सेक्रेटरी डॉ। मीनाक्षी गुप्ता ने बताया कि व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया में मौत के 10 रीजन में एक टीबी भी है। साल 2018 में करीब 100 लाख लोग इससे प्रभावित हुए, वहीं करीब 15 लाख लोगों की इससे मौत भी हुई है। उन्होंने बताया कि 2000 से 2018 के बीच करीब 580 लाख लोगों का टाइमली इलाज कर जान भी बचाई गई है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इंडिया में एक लाख में 200 लोग टीबी का शिकार बन रहे हैं। फीमेल्स में टीबी चाइल्डलेसनेस का एक अहम रीजन है।

एक हजार में चार पीलिया का शिकार

उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंट फीमेल्स के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक हजार में से चार महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया भी अपनी चपेट में ले रहा है। डॉ। अशोक रत्न ने टीबी जांच की एडवांस टेक्नीक के बारे में पार्टिसिपेंट्स को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में बीमारी का पता चल सके, इसलिए लगातार अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए जा रहे हैं। सभी के प्रॉपर इलाज से 2025 तक इंडिया को टीबी मुक्त किया जा सकता है।

तत्काल लें डॉक्टर्स की सलाह

इस मौके पर अपनी बातें रखते हुए डॉ। शालिनी अग्रवाल ने प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले पीलिया से जुड़ी अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रेग्नेंट फीमेल्स को पीलिया होने पर तत्काल डॉक्टर्स की सलाह लेनी चाहिए और इसके समाधान के बारे में जानकारी देनी चाहिए, जिससे कि बच्चे को कोई नुकसान न हो। फॉग्सी की अध्यक्ष डॉ। मधुबाला ने वेलकम स्पीच दी। इस दौरान एक डिस्कशन भी हुआ, जिसमें डॉ। दीप्ति चतुर्वेदी, डॉ। प्रतिभा गुप्ता, डॉ। बबिता शुक्ला ने हिस्सा लिया। इस मौके पर डॉ। रेनू मोहन, डॉ। मधु गुलाटी, डॉ। अमृता सरकारी, डॉ। किरण श्रीवास्तव, डॉ। अरुणा छापडि़या, डॉ। सोना घोष, डॉ। कंचन लता, डॉ। अनामिका गुप्ता, डॉ। पूनम सिंह के साथ शहर के डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया।

Posted By: Inextlive