एक साल में दोगुने हो गए टीबी एमडीआर के मरीज
-क्षय रोग वि5ाग के आंकड़े में एमडीआर के 140 मरीज आए सामने
-इस साल बीमारी से अब तक 18 की हो चुकी है मौत GORAKHPUR: स्वास्थ्य वि5ाग की जागरुकता कैंपेन के बाद 5ाी जिले में एक साल में करीब दोगुने टीबी एमडीआर के मरीजों में बढ़ोत्तरी हो गई है। इससे महकमे में बैचेनी बढ़ गई है। क्षय रोग वि5ाग के आंकड़ों को दे2ों तो 2016 में एमडीआर के 76 मरीज सामने आए थे, जबकि 2017 के सर्वे में यह सं2या बढ़कर 140 तक पहुंच चुकी है। सिर्फ 2006 का ही है डाटासरकार ने निजी अस्पतालों को 5ाी टीबी मरीजों की सं2या उपल4ध कराने का निर्देश दिया है। लेकिन अधिकतर अस्पतालों ने डीटीओ को डाटा नहीं दिया है। 2016 में सिर्फ 2584 टीबी के रोगी सामने आए थे। 2017 में अब तक 2006 टीबी मरीजों को डाटा ही निजी अस्पतालों ने उपल4ध कराया है। जबकि, जिले में 15 हजार से ज्यादा टीबी के रोगी है।
1या है एमडीआर जिन मरीजों में प्राथमिक स्तर पर दवा का असर नहीं होता है। इस कंडीशन को मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट या एमडीआर कहते हैं। 5ारत में 84 हजार एमडीआर रोगी हैं। लेकिन इनकी सं2या में इजाफा होता जा रहा है और यह सबसे ज्यादा चिंता का कारण है। 1या है ए1सीआरए1सडीआर यानी ए1स्टेंसिवली ड्रग रेजिस्टेंट टीबी एमडीआर का ही एक 2ातरनाक रूप है। इसमें एमडीआर में दी जाने वाली दवा 5ाी कारगर नहीं होती है। ऐसे में बहुत अधिक पावर वाली दवा देनी पड़ती है जिसका मरीज के शरीर के अंगों पर गं5ाीर प्र5ाव डालता है।
उपल4ध आंकड़ें साल एमडीआर ए1सीडीआर मौत 2016 76 07 18 2017 140 11 18 निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीज 2016 में क्षय रोग वि5ाग को मिला आंकड़ा---2584 2017 में क्षय रोग वि5ाग को मिला आंकड़ा---2006 वर्जनटीबी मरीजों की तलाश के लिए सर्वे टीम लगाई जा रही है जो दिसंबर के लास्ट तक काम करेगी। इस साल टीबी एमडीआर मरीजों की सं2या में इजाफा हुआ है। इन मरीजों पर प्रापर तरीके से नजर र2ाी जा रही हैं। दवा और इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है।
डॉ। रामेश्वर मिश्रा, जिला क्षय रोग अधिकारी