आरटीओ और रजिस्ट्री डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार के मामला अभी शांत नहीं हुआ है कि जिला अस्पताल में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है. जिला अस्पताल की न्यू बिल्ंिडग में दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर वसूली कर रहे दो शातिरों को रंगे हाथों पकड़ा गया. दोनों को सीएमओ के निर्देश पर पुलिस को सौंप दिया गया है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। साथ ही इस काम में संलिप्त संविदा के एक बाबू की सेवा भी समाप्त कर दी है। सीएमओ ने सभी मेडिकल स्टाफ को चेतावनी दी है कि अगर कोई भी वसूली में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।बाहर बैठकर कर रहे थे वसूली जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी भवन में गुरुवार को दिव्यांग बोर्ड बैठा था। दिव्यांगों का सर्टिफिकेट बनाया जा रहा था। उसके बाहर बैठे दो दलाल लोगों से प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भारी-भरकम वसूली कर रहे थे। यह सूचना मिलने पर सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे अपने गार्ड व सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों दलालों को पकड़वा कर बैठा लिया, बाद में कोतवाली भेजवा दिया। दिव्यांग बोर्ड के द्वार वाली दीवार पर सूचना लिखी गई है कि 'यहां प्रमाण पत्र निश्शुल्क बनता हैÓ दलालों से सावधान रहें।दिव्यांग ही कर रहे थे वसूली
घघसरा बाजार निवासी दलाल उसी सूचना के नीचे जमीन पर बैठकर धंधा कर रहा था। दूसरा दलाल परमेश्वरपुर का रहने वाला है। वह भवन के उत्तर की तरफ बैठा था, वे 12 हजार रुपए में प्रमाण पत्र बनवाने का सौदा कर रहा थे। उन्होंने बताया कि सीएमओ कार्यालय के एक बाबू दुर्गेश की मदद से यह धंधा कर रहे हैं। दोनों दलाल भी दिव्यांग हैं। सीएमओ ने दुर्गेश गुप्ता को बुलाकर खरी-खोटी सुनाई और उन्हें सेवा से बाहर कर दिया। उन्होंने संबंधित कर्मचारी को निर्देश दिया कि दुर्गेश गुप्ता से आज से काम नहीं लिया जाएगा। इन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस आज ही दे दिया जाए। सूचना मिलने पर मैं पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचा। दो दलाल पकड़े गए। उनके द्वारा एक बाबू दुर्गेश गुप्ता की संलिप्तता बताए जाने पर उसकी सेवा समाप्त कर दी गई है। अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में भी पता किया जा रहा है। जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।डॉ। आशुतोष कुमार दूबे, सीएमओ

Posted By: Inextlive