- रेलवे हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में गंदगी के साथ ही पेशेंट्स को झेलनी पड़ रही खाने-पीने को लेकर दिक्कत

- पेशेंट ने डीएम, सीएम को ट्वीट कर की कंप्लेन

i sting

GORAKHPUR: कोरोना पेशेंट्स के बेहतर इलाज का हेल्थ डिपार्टमेंट का दावा फेल होता नजर आ रहा है। बेहतर खानपान, दवा और व्यवस्थाओं से लैस लेवल वन के रेलवे हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही व्यवस्था चरमरा गई है। कोरोना पॉजिटिव मिले एडीजी दफ्तर में तैनात इंस्पेक्टर के बेटे जो कि खुद आईसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं, उन्होंने वार्ड में पसरी गंदगी के साथ ही खाने-पीने में हो रही दिक्कत की कंप्लेन डीएम और सीएमओ से की है। मामला सामने आने पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने फोन के जरिए उनसे बात की। जिसमें इस कदर चौंकाने वाली हकीकत सामने आई कि परत दर परत जिम्मेदारों के दावों की पोल खुलती चली गई।

डीएम, सीएमओ को ट्वीट कीं तस्वीरें

गोरखपुर जिले में कोरोना के 318 केस हो चुके हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज और रेलवे हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में कोरोना पेशेंट्स का इलाज किया जा रहा है। इन मरीजों को को बढि़या सुविधा दी जा रही थी। लेकिन बीते कुछ दिनों में बढ़ी पेशेंट्स की तादाद के साथ ही जिम्मेदारों का रवैया भी उदासीन होने लगा है। जिसके चलते रेलवे हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में एडमिट मरीजों को सांसत होना शुरू हो गई है। कोरोना पॉजिटिव मिले एडीजी ऑफिस में तैनात इंस्पेक्टर के फैमिली मेंबर्स को भी पॉजिटिव मिलने पर आईसोलेशन वार्ड में एडमिट कर दिया गया है। इंस्पेक्टर के बेटे ने आईसोलेशन वार्ड के भीतर व्यवस्था की बदहाली को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने डीएम और सीएमओ को ट्वीट कर तस्वीरों के जरिए पूरी जानकारी दी है।

हर व्यवस्था बदहाल

वहीं, कंप्लेन करने वाले पीडि़त ने कोविड-19 हेल्प डेस्क पर भी शिकायत दर्ज कराई है लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने जो तस्वीरें जिम्मेदारों को भेजी हैं, उनमें साफ दिख रहा है कि वार्ड में गंदगी का अंबार है। बारिश के वक्त पूरे वार्ड में संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है।

रिपोर्टर - आप कहां पर एडमिट हैं?

कोरोना पेशेंट - रेलवे हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में एडमिट हूं।

रिपोर्टर - क्या समस्या है आपकी?

कोरोना पेशेंट - वार्ड में बहुत गंदगी है। दस लोगों से कह चुका हूं, कोई सुनता ही नहीं है।

रिपोर्टर - वहां जो जिम्मेदार है। उससे आपने शिकायत की?

कोरोना पेशेंट - कोविड हेल्प डेस्क बना हुआ है। उससे शिकायत भी की तो उसने मैनेजर से बात करने के लिए बोला।

रिपोर्टर - मैनेजर से बात किए तो फिर क्या हुआ?

कोरोना पेशेंट - मैनेजर ने कहा कि वीडियो बनाकर मेरे पास भेजिए। वीडियो भी बनाकर भेज दिया।

रिपोर्टर - उसके बाद क्या हुआ?

कोरोना पेशेंट - कुछ नहीं हुआ। कोई सुनता ही नहीं है।

रिपोर्टर - बाकी और व्यवस्था का क्या हाल है?

कोरोना पेशेंट - दवा के नाम पर कुछ नहीं है। बाल्टी रखें हैं वो भी खुली है। जानवर वार्ड में घूम रहे हैं।

रिपोर्टर - इसकी शिकायत नहीं किए?

कोरोना पेशेंट - शिकायत करने पर कहा जा रहा है कि जो मिल रहा है, वो आपको दिया जा रहा है।

रिपोर्टर - काजू, बादाम और मुन्नका भी जिला प्रशासन की तरफ से दिलवाया जा रहा क्या?

कोरोना पेशेंट - कुछ नहीं मिल रहा है। एक चाय सुबह मिली थी। वो भी मीठी चाय दी गई। चूंकि मैं शुगर का मरीज हूं। चाय भी घर से नहीं मंगा सकते हैं।

रिपोर्टर - बाकी साफ-सफाई का क्या इंतजाम है?

कोरोना पेशेंट - सुबह हल्ला करने के बाद झाड़ू लगा है।

रिपोर्टर - दूसरे मरीज से बेड कितनी दूरी पर है?

कोरोना पेशेंट - दो से ढाई फीट की दूरी पर बेड है।

रिपोर्टर - खाने-पीने को कैसे दिया जा रहा है?

कोरोना पेशेंट - सुबह में पोहा दिया गया। दोपहर एक बजे खाना मिला है। लेकिन वह भी खुले में दिया गया। वार्ड ब्वॉय दे रहे हैं।

नोट - कोरोना पेशेंट ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को फोन पर सारी जानकारी व फोटो उपलब्ध कराई है।

बॉक्स

एडिशनल सीएमओ ने नहीं दिया जवाब

रेलवे हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड का जिम्मा एडिशनल सीएमओ डॉ। नंद कुमार के जिम्मे है। लेकिन जब इन तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर रिपोर्टर ने फोन पर बात करने की कोशिश की तो उनका दो टूक जवाब था कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकते। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ही सारी जानकारी देंगे। वहीं सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सोमवार को 12 पेशेंट डिस्चार्ज किए गए हैं। जो मरीज डिस्चार्ज किए जाते हैं, वे अपने ही बेड पर मास्क और अन्य गंदे कपड़े वैगरह छोड़ देते हैं। ऐसे में वार्ड में गंदगी हो जाती है। उनके जाने के बाद 24 घंटे तक कमरा बंद करा दिया जाता है। उसका सेनेटाइजेशन के बाद ही दूसरे नए मरीज को एडमिट कराया जाता है। जो भी गंदगी होगी उसे साफ करवाया जाएगा।

वर्जन

रेलवे हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में जो भी समस्या आ रही होगी, उसे दिखवाया जाएगा। सीएमओ और एडिशनल सीएमओ से इस संबंध में बात की जाएगी। मरीजों को जो भी समस्या आ रही होगी उसे दूर कराया जाएगा।

गौरव सिंह सोंगरवाल, ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट-एसडीएम सदर

Posted By: Inextlive