- टीचर भर्ती के लिए शुरू हुई काउंसलिंग - देर शाम स्टे का आया लेटर दूर से आए कैंडिडेट्स को निराशा - गोद में बच्चों के साथ पहुंची थीं कई फीमेल कैंडिडेट्स GORAKHPUR: टीचर भर्ती के लिए बुधवार को काउंसलिंग है ये सोचकर शनिवार रात से ही सड़कों पर कैंडिडेट्स की दौड़भाग शुरू हो गई. टीचर बनने के लिए

- टीचर भर्ती के लिए शुरू हुई काउंसलिंग

- देर शाम स्टे का आया लेटर, दूर से आए कैंडिडेट्स को निराशा

- गोद में बच्चों के साथ पहुंची थीं कई फीमेल कैंडिडेट्स

GORAKHPUR: टीचर भर्ती के लिए बुधवार को काउंसलिंग है, ये सोचकर शनिवार रात से ही सड़कों पर कैंडिडेट्स की दौड़भाग शुरू हो गई। टीचर बनने के लिए कैंडिडेट बुधवार की सुबह ही बीएसए ऑफिस के इर्दगिर्द मंडराने लगे। तभी 11 बजे कैंडिडेट्स को शॉक करने वाली न्यूज मिली कि हाईकोर्ट ने टीचर भर्ती काउंसलिंग प्रॉसेस पोस्टपोन कर दिया है। पसीने से तरबतर कैंडिडेट्स के चेहरे ये सुनकर अचानक उदास हो गए। भले ही हाईकोर्ट की वजह से प्रॉसेस पोस्टपोन हुई लेकिन गोरखपुर में आदेश की कॉपी लेट से आने की वजह से 625 कैंडिडेट्स की कांउसलिंग बुधवार को हुई।

दिखा पुराना हाल, टूटी डिस्टेंसिंग की दीवार

बीएसए ऑफिस में दोपहर 12 बजे वही पुराना गोरखपुर दिखा। कोरोना इफेक्ट का जरा भी असर यहां नहीं दिखा। काउंसलिंग के पहले ही दिन सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धच्जियां उड़ीं। विभाग की ओर से 13 कांउटर बनाए गए थे। जिसमें मेल व फीमेल कैंडिडेट्स की काउंसलिंग होनी थी। हर काउंटर के बाहर चूने से गोले बनाए गए थे जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। लेकिन यहां तो एक-एक गोले में 2-2 लोग खड़े नजर आए।

लाइन में थी मां, भूख से तड़प रो रहे थे बच्चे

टीचर भर्ती काउंसलिंग में महिलाओं की संख्या 517 थी। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं काउंसलिंग में अपने पति और बच्चों के साथ आईं थीं। कागजी कार्यवाही में जहां मां ने कांउटर पर लाइन लगाकर एग्जाम दिया तो वहीं पति तेज धूप में बच्चों को संभालते दिखे। लंबी लाइन की वजह से कैंडिडेट्स को कई घंटे धूप में खड़ा रहना पड़ा। वहीं दूध पीते बच्चे भूख से तड़पकर पापा की गोद में रोते दिखे। सहजनवां से आईं पूनम यादव के दोनों बच्चे घंटों तक मां के वापस नहीं आने से परेशान थे लेकिन पिता बच्चों का मन बहलाने की लगातार कोशिश कर रहे थे। वहीं सहजनवां से ही आईं एक महिला अपने ढाई महाीने के बच्चे को गोद में लिए इस काउंटर से उस काउंटर दौड़ती दिखीं।

कोट्स

हाईकोर्ट के आदेश की खबर सुनकर खराब तो लग रहा है लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है। वो कुछ न कुछ जरूर करेंगे।

रेनू यादव, बांसगांव

सुबह 10 बजे ही बीएसए ऑफिस आ गई थी। यहां आकर पता चला कि हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। लेकिन अभी उम्मीद टूटी नहीं है।

मनीषा साहनी, सैनिक कुंज

सुबह आई थी। सोचा था जल्दी जाकर डॉक्युमेंट जमा कर वापस घर चली जाउंगी। लेकिन सुबह-सुबह ही इतनी लंबी कतार लग गई और कोर्ट का डिसीजन भी आ गया।

उम्हे हबिबा, रेतीचौक

देवरिया से सुबह-सुबह अपने साधन से गोरखपुर पहुंचा। सेनिटाइजर साथ लेकर चला हूं, लेकिन यहां तो सोशल डिस्टेंसिंग कहीं दिख ही नहीं रही। ऐसे में सेनिटाइजर क्या करेगा।

रणविजय, देवरिया

सड़क पर टैक्सी मिल नहीं रही है। इसलिए रात में ही गोरखपुर आ गया। यहां गर्मी में भी अच्छा लग रहा था क्योंकि जॉब का सवाल था लेकिन उसमें भी ग्रहण लग गया।

रामप्रकाश मिश्रा, गोला

बलिया से आना था इसलिए देर ना कर रात में ही गोरखपुर मोटरसाइकिल से पहुंच गया। जैसे-तैसे रात काटी और सुबह बीएसए ऑफिस पहुंचा तो न्यूज सुनकर शॉक्ड हो गया।

सत्यप्रकाश, बलिया

वर्जन

शाम को कोर्ट का आदेश आया है। जिसके बाद भर्ती प्रक्रिया पर अगला आदेश तक रोक लगा दी गई है। बुधवार को 625 कैंडिडेट्स की काउंसलिंग हुई है।

बीएन सिंह, बीएसए

Posted By: Inextlive