हर नशे में अलग मजा
- हर तरह के नशे में अलग-अलग टेस्ट के लिए करते यूथ
- शहर में स्मेक, सुलेशन और इंजेक्शन लेते नशेड़ी - डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स देते सलाह, करते काउंसलिंग GORAKHPUR: शहर में नशे के रूप में स्मैक भले बदनाम है, लेकिन शराब से लेकर नींद की गोलियां तक लोग यूज कर रहे हैं। गांजा, अफीम, चरस सहित अन्य नशे की चीजों का इस्तेमाल लोगों की जिंदगी बर्बाद कर देता है। डॉक्टर्स से बात की गई तो सामने आया कि स्मैक के साथ-साथ लोग शराब और नींद की दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि गाइड लाइंस के बावजूद नींद की गोलियां आसानी से मिली जाती है। शराब के साथ नींद की गोली लेने पर जान जाने का खतरा रहता है। इस तरह का कर रहे नशातंबाकू, अफीम, सुल्फा, भांग और शराब, स्मैक, हेरोइन, बूट पालिस, विक्स वेपोरब को ब्रेड में लगाकर खाना, व्हाइटनर और सुलेशन सूंघने का नशा
नींद की दवाइयां- नींद की दवाइयां लेने से दिमाग के कुछ हिस्से निष्क्रिय होने लगते हैं। इसका अधिक डोज जान भी ले सकता है। शराब के साथ नींद की गोलियों का सेवन काफी खतरनाक होता है।हेरोइन- हेरोइन को सबसे ज्यादा लत वाला नशा बताया जाता है। इसकी डोज बॉडी में पहुंचते ही ब्रेन में डोपामाइन (हार्मोन) का स्तर 200त्न तक पहुंच जाता है। अधिक मात्रा से जान जा सकती है।
शराब- शराब में अल्कोहल पाया जाता है। शराब से मस्तिष्क का डोपामाइन स्तर 40 परसेंट से 360 परसेंट तक बढ़ जाता है जो हमारे दिमाग और शरीर दोनो के लिए बेहद नुकसानदेह है। कोकेन- कोकेन को भी डोपामाइन के लेवल को तीन गुना बढ़ाता है। इसकी लत से निकल पाना मुश्किल होता है। निकोटिन - तंबाकू और सिगरेट में पाया जाता है। इस नशे की लत से बहुत से लोग प्रभावित हैं, निकोटिन हमारे फेफड़े और ब्रेन पर असर डालता है। निकोटिन के सेवन से ब्रेन में डोपामाइन स्तर 25 परसेंट से 40 परसेंट तक बढ़ जाता है। नशे की वजह - परिवार में कोई नशा करता है तो परिवार के दूसरे सदस्यों खासकर बच्चों में भी नशे की लत की आशंका होती है। - पैरेंट्स को लत है तो बच्चों में ऐसे जीन्स होते हैं, जो उन्हें भी उस नशे की तरफ खींचते हैं। - एक्सपेरिमेंट और सेक्स की इच्छा बढ़ाने की कोशिश में भी लोग नशे की तरफ जाते हैं।- घर में कलह रहती है तो लोगों के किसी नशे का सहारा लेने की आदत पड़ सकती है।
- फैमिली फंक्शन, फेस्टिवल, कोई खुशी का मौका आने पर कभी-कभी शराब लेने की बात करने वाले लोग धीरे-धीरे नशे के करीब लोग आ जाते हैं। यह सामने आते लक्षण घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन गुस्सा आना, मूड अचानक बदलना तनाव और मानसिक थकावट फैसला लेने में दिक्कत याददाश्त कमजोर पड़ना चीजों को लेकर कन्फ्यूजन होना नींद न आना सिर में तेज दर्द होना शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना भूख कम लगना धड़कन का बढ़ना ज्यादा पसीना आना बिना बीमारी के उल्टी-दस्त होना इस उम्र में होता इतना नशा 10-15 वर्ष के बीच - 25 प्रतिशत 15-20 वर्ष के बीच - 40 प्रतिशत 20-30 वर्ष के बीच - 25 प्रतिशत 30-50 वर्ष के बीच - 10 प्रतिशत युवाओं में तेजी से नशे की लत बढ़ती है। इसलिए उनको दांतों की प्रॉब्लम होती है। माउथ कैंसर भी इसी वजह से होता है। गुटखा सहित अन्य तरह की नशा करने वाले लोग कड़ी चीजों को खाने में असहज महसूस करते हैं। डॉ। अनुराग श्रीवास्तव, डेंटिस्टस्मोकिंग की वजह से यूथ के फेफड़ों पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए उनमें सांस की प्रॉब्लम होती है। टीनएजर्स के बीच इसका शौक भी देखा जाता है।
डॉ। बीएन अग्रवाल, चेस्ट स्पेशलिस्ट नशा सभी के लिए खतरनाक है। स्मैक, हेरोइन सहित अन्य प्रकार के नशे की लत पाई जाती है। इसके पेशेंट्स आते हैं। कुछ लोग नशे की लत के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल भी करते हैं। डॉ। रोहित गुप्ता, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल