- लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़े गए यात्री, गोरखपुर की पैथोलॉजी की फर्र्जी रिपोर्ट पर यात्रा करने की कर रहे थे कोशिश

- महानगर की रवीश पैथोलॉजी की रिपोर्ट का कर रहे थे उपयोग, दो और पैथोलॉजी का नाम आ चुका है सामने

GORAKHPUR: जिले से विदेश जा रहे लोग बड़ी संख्या में फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे मामले अब पकड़ में सामने आ रहे हैं। लखनऊ एयरपोर्ट पर जिले की तीन पैथोलॉजी से जारी रिपोर्ट के नाम से जारी रिपोर्ट का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। इसके बाद एक पैथोलॉजिस्ट ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया है।

22 जुलाई को हुई थी जारी

घटना 22 जुलाई की है। लखनऊ एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान गोरखपुर से पहुंचे एक व्यक्ति की रिपोर्ट पर अधिकारियों को शक हुआ। रिपोर्ट 22 जुलाई को ही गोरखपुर के रवीश पैथोलॉजी से जारी हुई थी। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने जो रिपोर्ट की तस्दीक करनी चाही तो आईसीएमआर के पोर्टल पर उस नाम का मरीज नहीं मिला। रिपोर्ट के फर्जी होने का संदेह होने के बाद पुष्टि के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों ने इसकी सूचना पैथोलॉजी संचालक को दी। सूचना मिलते ही संचालक के कान खड़े हो गए। संचालक की जांच में पता चला कि इस नाम से तो कोई रिपोर्ट ही जारी नहीं हुई है। अगले ही दिन एक और रिपोर्ट पैथोलॉजी संचालक को मिली। यह रिपोर्ट मोबाइल में लेकर युवक प्रिंट कराने के लिए पैथोलॉजी पर पहुंचा था। वह भी फर्जी थी। जिसके बाद संचालक ने इस मामले में कैंट थाने में जालसाजी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया है।

पैड और क्यूआर कोड का हुआ मिसयूज

संचालक डॉ। अभिषेक मालवीय ने बताया कि लैब के पुराने जारी रिपोर्ट के क्यूआर कोड में हेरफेर कर फेक रिपोर्ट बनाई जा रही है। इसमें लैब के पैड का दुरुपयोग हो रहा है। यह पूरी तरह से फर्जी है। इस मामले में कैंट थाने में तहरीर दी गई थी। जिस पर मुकदमा दर्ज हो गया है।

गंभीर है मामला

गोरखपुर पैथोलॉजी एसोसिएशन के सचिव डॉ। मंगलेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामला गंभीर है। कुछ दिन पहले इसी प्रकार के एक अन्य रिपोर्ट जो चंद्रा पैथोलॉजी से जारी हुई थी। वह रिपोर्ट पैथवर्ड डायग्नोस्टिक के पैड पर प्रिंट कर दी गई थी। इस प्रकार के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था पहले से है। जनता से अपील है कि आरटीपीसीआर के रिपोर्ट लेने के उपरांत क्यूआर कोड की स्कैनिंग जरूर करा लें। इसके अलावा वह आईसीएमआर के साइट पर जाकर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से रिपोर्ट की जांच कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive