-ट्रांसपोर्टनगर स्थित ट्रांसपोर्ट के एक गोदाम के बाहर ट्रक रुकवाकर निकलवा ली गई थीं नकली दवाएं

-बैच नंबर नहीं मिलने के बाद लखनऊ के दवा व्यापारी ने वापस करवा दी थीं दवाएं

GORAKHPUR: नकली दवा को ट्रक से उतरवाकर फोर व्हीलर में लेकर जाने वाले आखिर कौन थे? यह सवाल शनिवार को चर्चा का विषय बना रहा। वहीं यह बात भी सामने आई है कि नकली दवा बनाने वालों ने दवाओं के नाम बड़े ब्रांड्स को कॉपी करते हुए रखे हैं। इस खेल को इतनी बारीकी से अंजाम दिया है कि इसे पकड़ पाने में अच्छे-अच्छे गच्चा खा जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन दवाओं को हिमाचल और उत्तराखंड की फैक्ट्रियों में तैयार किया गया है। इसके बाद गोरखपुर के साथ ही पूर्वाचल, बिहार, नेपाल और लखनऊ तक में इसे बेचा गया है। वहीं करीब तीन दिन बाद भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम नकली दवा बरामद करने में खाली हाथ है।

ट्रक से किसने निकलवाई नकली दवाएं?

-छह जनवरी को लखनऊ के व्यापारी ने नकली दवाओं की आपूर्ति की जानकारी के बाद नाराजगी जताई।

-इसके बाद उसने गोरखपुर के व्यापारियों को इसकी सूचना दी। इस पर कारोबारी ने दवाएं वापस लेने का आश्वासन दिया।

-उसी दिन ट्रांसपोर्ट के जरिए आठ गत्तों में नकली दवाएं रखकर वापस की गई। उस ट्रक में भालोटिया मार्केट में 17 और व्यापारियों की दवाएं आई।

-सूत्रों का दावा है कि ट्रांसपोर्टनगर स्थित ट्रांसपोर्ट के एक गोदाम के बाहर ट्रक रुकवाकर नकली दवाएं निकलवा ली गई।

-फोर व्हीलर में सवार कुछ लोग नकली दवाएं लेकर चले गए।

-जानकारी मिलने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने छापा मारा, लेकिन तब तक नकली दवा गायब की जा चुकी थी।

-अब विभाग के अफसर ट्रक में माल मंगाने वाले अन्य व्यापारियों का डाटा खंगाल रहे हैं।

ज्यादा मुनाफा देकर फंसाया

-दवाओं का एक ट्रेड रेट होता है। दवा कंपनियां ज्यादा माल लेने पर ट्रेड रेट पर छूट देती हैं।

-कई ब्रांडेड कंपनियों में ट्रेड रेट पर अधिकतम 14 फीसद तक की छूट मिलती है।

-नकली दवा के कारोबारियों ने ट्रेड रेड पर 30 से 40 फीसद तक की छूट दी।

-इस कारण व्यापारियों ने बिना सोचे-समझे हाथों-हाथ दवाएं खरीदीं।

कई दुकानों से बिकी हैं दवाएं

-भालोटिया मार्केट की 15 से ज्यादा दुकानों से नकली दवाएं बेची गई हैं।

-दुकानदारों ने बिल पर दवाएं खरीदी हैं और बिल पर फुटकर दुकानदारों को बेची हैं, लेकिन बिल पर बैच नंबर फर्जी है।

-इसी आधार पर दवाओं की पहचान भी हो सकेगी।

नर्सिग होम में भी सप्लाई

-नकली दवाओं की सप्लाई बड़ी संख्या में नर्सिग होम में भी की गई है।

-कम दाम में दवाएं मिलने के लालच में कई दुकानदारों ने बिना बिल भी खरीदारी की है।

-सबसे ज्यादा बिकने वाले ताकत के एक इंजेक्शन की आपूर्ति बिहार में हुई थी।

-वहां के कारोबारी को पता चला कि इंजेक्शन नकली है, तो उसने भालोटिया मार्केट पहुंचकर वापस कर दिया।

पहली नजर में पकड़ नहीं पाएंगे

-ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाओं का रैपर हूबहू बनाया गया है।

-पहली नजर में इसको पहचाना नहीं जा सकता है।

-खुद दवा कारोबारी भी कहते हैं कि बहुत ध्यान देने पर ही पता चल पाता है।

-फुटकर दवा व्यापारियों तो शायद ही जान पाएं कि उन्होंने नकली दवा बेची है।

सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाएं

नकली दवा बनाने के लिए शातिरों ने उन दवाओं का चयन किया जिनकी डिमांड सबसे ज्यादा होती है। इन दवाओं में हार्ट, लिवर, गैस, एंटीबायोटिक, कैल्शियम, स्टेरायड, चर्म रोग और ताकत के इंजेक्शन वगैरह हैं।

मार्केट में बैच नंबर का होता रहा मिलान

नकली दवाओं की सप्लाई की खबर से शनिवार को दवा व्यापारियों में हलचल मची रही। भालोटिया मार्केट में के तमाम दवा व्यापारी दवाओं का बैच नंबर मिलाते रहे। कुछ दवा व्यापारी ट्रांसपोर्टनगर तो कुछ हट्ठी माता स्थान की एक दुकान से नकली दवा बिकने की चर्चा करते रहे। वहीं कुछ अन्य ने कहाकि नकली दवा भालोटिया मार्केट में मंगाई गई और यहीं से बेची गई।

वर्जन

हम लोग चुप नहीं बैठे हैं। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर को लगाया गया है। फिलहाल जांच की जा रही है। जैसे ही कुछ मिलेगा हम लोग तुरंत कार्रवाई करेंगे।

-एजाज अहमद, सहायक आयुक्त औषधि

Posted By: Inextlive