किडनी के पेशेंट दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैैं. यही वजह है कि आज का यूथ भी किडनी से जुड़ीं डिजीज से जूझ रहा है. जिला अस्पताल में आने वाले किडनी पेशेंट्स की संख्या में 45 परसेंट का इजाफा हुआ है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। किडनी पेशेंट्स के बढऩे से डायलिसिस के लिए वेटिंग बढ़ गई है। चूंकि, गोरखपुर में किडनी ट्रांसप्लांट की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए उन्हें लखनऊ तक दौड़ लगानी पड़ती है। किडनी हेल्थ फॉर ऑल थीम के साथ आज किडनी डे पूरे वल्र्ड में सेलिब्रेट किया जाएगा।13 बेड पर होती है डायलिसिस


जिला अस्पताल में डायलिसिस के लिए 13 बेड हैं। जबकि 89 मरीज रजिस्टर्ड हैैं। जिनका नियमित इलाज चल रहा है। वहीं, डायलिसिस के लिए 8 मरीज वेटिंग में हैं। इन मरीजों के उपचार के लिए नोडल अधिकारी के तौर पर डॉ। बीके सुमन को नियुक्त किया गया है। लेकिन ट्रांसप्लांट की व्यवस्था न होने आज भी किडनी के मरीजों को लखनऊ पीजीआई के लिए जाना मजबूरी है। डायलिसिस यूनिट के मैनेजर अरुण कुमार ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था जिला अस्पताल में नहीं है। लेकिन डायलिसिस की व्यवस्था नि:शुल्क है। जबकि प्राइवेट हास्पिटल में इसके लिए 15-20 हजार चार्ज देना पड़ता है। हेरिटेज हास्पिटल, वाराणसी की तरफ से पीपीपी मॉडल पर 22 अक्टूूबर 2018 को इसका उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था। उन्होंने बताया कि किडनी के बढ़ते मरीजों को देखते हुए 12 मशीनें पहले से लगाई गई हैैं। जबकि दो और नए मशीनों को डिमांड के लिए भेजा गया है।

ताकि लोग अवेयर हो सकें.नोडल अधिकारी डॉ। बीके सुमन ने बताया, वल्र्ड किडनी डे को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में इस रोग के प्रति अवेयरनेस लाना है। किडनी से जुड़ी समस्याओं और उसके उपचार के बारे में, किडनी के महत्व व इस रोग से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव को कम करने के लिए किडनी डे मनाया जाता है।केस-1: गोरखनाथ निवासी राहुल राय बताते हैैं कि उनकी पत्नी की किडनी खराब थी। काफी इलाज के बाद डॉक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी, लेकिन गोरखपुर में इसकी व्यवस्था न होने कारण लखनऊ के लिए यहां के डाक्टर ने रेफर कर दिया। केस-2: मैत्रीपुरम निवासी स्वाति बताती हैैं कि उनके पिता की तबीयत बहुत खराब थी, डॉक्टर से दिखाने के बाद उनकी किडनी ट्रांसप्लांट करवानी था, प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज महंगा होने कारण वह लखनऊ पीजीआई में इलाज के लिए गईं। जहां पर ट्रांसप्लांट हो सका। इसलिए होती है किडनी डिज़ीज - अधिक शराब का सेवन करना।- नॉनवेज (मांस) का अधिक सेवन करना।- पानी का कम मात्रा में सेवन करना।- नमक का अधिक मात्रा में सेवन करना।- धूम्रपान व सॉफ्ट-ड्रिक्स का अधिक सेवन करना।- दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन करना।

- पेशाब रोककर रखना।गुर्दे की बीमारियों के लक्षण- किडनी की बीमारी गंभीर बीमारियों में से एक है। - यदि हम इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में जान जायें तो इसका इलाज आसानी से हो सकता हैं और इस गंभीर बीमारी से छुटकारा पाने में भी मदद मिल सकती है।- पहला लक्षण जो सामने आता है वह है यूरिनरी फंक्शन में बदलाव।ये भी हैं लक्षण - आंखों और पैरों के नीचे सूजन आ जाना।- चलने पर सांस फूलना एवं जल्दी थकान महसूस करना।- बार-बार पेशाब आना।- हाजमा ठीक न होना एवं भूख का कम लगना।- खून की कमी से शरीर का पीला पड़ जाना।क्या है बचाव का तरीका - यदि आप किडनी की प्रॉब्लम से बचना चाहते हैं तो हमेशा खाने में नमक, प्रोटीन और सोडियम की मात्रा का ध्यान रखें।- यदि आपकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो गई है तो साल में कम से कम एक बार-शुगर व ब्लड प्रेशर की जांच जरूर कराएं।- यदि आपके डायबिटीज या ब्लड प्रेशर के लक्षण मिलते हैं तो हर 6 माह में खून व पेशाब की जांच जरूर कराएं।
- हेल्थ के प्रति जागरूक रहना होगा। ध्यान रखें कि प्रत्येक दिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी का सेवन जरूर करें।- हरी सब्जियों और फलों का अधिक सेवन करें।- ऐसे फूड का सेवन करें, जिसमें मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में हो, क्योंकि मैग्नीशियम किडनी को सुचारू रूप से काम करने में सहायता करता है।- रोज़ाना एक्सरसाज करें, वजन को नियंत्रित रखें एवं न्यूट्रिशन से भरपूर खाना का सेवन करने से भी किडनी की समस्या से बचा जा सकता है।

Posted By: Inextlive