बसंत पंचमी के दिन शरीर त्यागने की घोषणा कर गोरखपुर यूनिवर्सिटी में हलचल पैदा कर देने वाले प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने अपना निर्णय वापस ले लिया है. शिक्षक संघर्ष मोर्चा की अपील पर उन्होंने यह निर्णय लिया है. शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इस मामले में आर-पार की लड़ाई के संकेत दिए हैं. इस सम्बंध में मंगलवार को बैठक होगी. इसे काफी अहम माना जा रहा है. इस बीच यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने भी महत्वपूर्ण पहल की है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। प्रो। कमलेश ने फेसबुक पर लिखा है, अपने समस्त शुभेच्छुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मैं शरीर त्याग के निर्णय को वापस लेता हूं। अगले निर्णय से शीघ्र ही अवगत कराऊंगा। सभी शुभेच्छुओं विशेषकर युवा मित्रों से अनुरोध है कि धैर्य बनाए रखें। इससे पूर्व शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी के नेतृत्व में प्रो। अजेय गुप्ता, प्रो। विमलेश मिश्र, प्रो। अरविंद तिवारी आदि ने करीब डेढ़ घंटे तक प्रो। कमलेश से कला संकाय भवन में वार्ता किया। पूर्व शिक्षकों के अनुरोध की बाबत भी बताया गया। उसके बाद निर्णय वापस लेने के लिए सहमत कर लिया गया है। उनकी जान शिक्षकों, विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। यह उनकी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। अब यह शिक्षक संघर्ष मोर्चा का सामूहिक संघर्ष है।वीसी की पहल पर मिले टीचर्स


वीसी प्रो। राजेश सिंह की पहल पर कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो। नंदिता सिंह, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो। अजय सिंह ने निलंबित प्रो। कमलेश गुप्त से मुलाकात की और उनसे अपना निर्णय वापस लेने की अपील की। हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रो। दीपक प्रकाश त्यागी के नेतृत्व में विभाग के शिक्षकों प्रो। अनिल राय, प्रो। राजेश मल्ल, डॉ। राम नरेश राम, डॉ। नरेंद्र कुमार आदि ने भी मुलाकात की। वीसी के मुताबिक संवाद बनाए रखने के लिए यह पहल की गई थी। डीडीयू प्रो। कमलेश समेत सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील है। उच्चस्तरीय समिति जल्द शुरू करेगी जांच डीडीयू एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक इस मामले में भी राजभवन तथा विधानसभा से अनुमोदित यूनिवर्सिटी के नियम व परिनियम के अनुसार एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह राजभवन के संज्ञान में भी है। समिति जल्द ही प्रो। कमलेश को अपना पक्ष रखने का अवसर देगी तथा यूनिवर्सिटी का भी पक्ष जानेगी। उसके बाद समिति अपनी रिपोर्ट सौपेगी। यदि कोई पक्ष समिति की रिपोर्ट से असंतुष्ट होगा तो वह राजभवन में अपील कर सकता है। यूनिवर्सिटी ने दी सफाई प्रो। कमलेश की ओर से सोशल मीडिया पर लगातार उठाए जा रहे सवालों पर पहली बार यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने खुलकर अपनी बात रखते हुए ज्यादातर सवालों के जवाब दिए हैं। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक ज्यादातर मुद्दे सामान्य प्रकार के हैं, जिनका निस्तारण यूनिवर्सिटी में मौजूद विभिन्न प्लेटफॉर्म का उपयोग कर किया जा सकता है। एग्जाम बजट बढ़ाए जाने पर यूनिवर्सिटी ने कहा है कि सीबीसीएस प्राणाली लागू किए जाने के क्रम में यह निर्णय लिया गया है। सभी मामलों में यूनिवर्सिटी ने किसी भी नियम, अधिनियम तथा परिनियम का उल्लघंन नहीं किया है।

प्रो। कमलेश को नसीहत भी दी यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक यूनिवर्सिटी के सभी टीचर पर शिक्षक पर कोड ऑफ कंडक्ट लागू होता है। सभी को इसका पालन करना चाहिए। यदि कोई मुद्दा या शिकायत है तो उसे यूनिवर्सिटी के सामान्य शिकायत निवारण व्यवस्था के माध्यम से उठाना चाहिए। सक्षम निकाय जैसे परीक्षा समिति, प्रवेश समिति, वित्त समिति, विद्या परिषद तथा कार्य परिषद के समक्ष अपना प्रत्यावेदन देना चाहिए। कोई शिकायत या प्रत्यावेदन आज तक नहीं किया गया है।

Posted By: Inextlive