चंद मिनटों के स्वाद के लिए गोरखपुराइट्स तंबाकू चबाकर अपनी जिदंगी को जोखिम में डाल रहे है. तंबाकू करोबारी आमजन को कैंसर सहित अन्य घातक बीमारियां बांटने के साथ सरकार को भी चूना लगा रहे है.


गोरखपुर (संतोष गिरी)।साहबगंज थोक व्यापारियों के अनुसार गोरखपुर में नार्थ ईस्ट से तंबाकू प्रोडक्ट आते हैं। उड़ीसा से सुपारी आती है। यूपी में कानपुर बढ़ा मार्केट है। कम तंबाकू की जरूरत होती है तो कानपुर से मंगा लेते है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में 700-800 टन तंबाकू की खपत डेली है। परडे 650 करोड़ का कारोबार ईस्ट यूपी से होता है। गोरखपुर से सटे होने के चलते नेपाल भी सबसे अधिक तंबाकू जाती है।यहां से आती है तंबाकूथोक कारोबारियों के अनुसार सिटी में तम्बाकू और सुपारी, उड़ीसा के साथ-साथ असम, पश्चिम बंगाल, केरल में खूब खेती होती है और वहीं से गोरखपुर सहित पूरे देश में डिस्ट्रीब्यूट होती है। वहीं, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडू, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और यूपी में तंबाकू उगाने के साथ-साथ बेचते है। गोरखपुर से सबसे अधिक तम्बाकू प्रोडक्ट नार्थ ईस्ट इंडिया से आते हैं। 13 जिलों मेें सप्लाई


तम्बाकू कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार गोरखपुर से आसपास के 13 जिलों में ज्यादा सप्लाई होती है, जिसमें परडे 700-800 टन तंबाकू की खपत होती है। 650 करोड़ का परडे कारोबार होता है। तंबाकू कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के अनुसार 90 प्रतिशत तक अवैध तरीके से कारोबार होता है। 2.50 लाख टन तंबाकू की खपत

व्यापारियों के अनुसार गोरखपुर-बस्ती मंडल में 700-800 टन तम्बाकू प्रोडक्ट की खपत परडे होती है। इस प्रकार एक मंथ में 21,000 टन और सालाना 2.50 लाख टन तंबाकू आसपास के जिलों के लोग खा जाते हैं। गोरखपुर से नेपाल में ज्यादा खपतगोरखपुर से नेपाल सटे होने के चलते 50 परसेंट से अधिक तंबाकू नेपाल में खपत होती है। गोरखपुर में बने पान मसाला सबसे अधिक सेल नेपाल में ही सेल होता है। उसके बाद ही अन्य प्रदेश में भेजा जाता है। नेपाल बार्डर से सटे जिलों से अवैध तरीके से सप्लाई होती रहती है।

Posted By: Inextlive