-विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (10 सितम्बर) पर विशेष

-हताशा व निराशा में कोई भी गलत कदम न उठाएं

-अपनों से करें बात, हर समस्या का होगा समाधान

केस -वन

गोरखपुर यूनिवíसटी के एक स्टूडेंट ने परीक्षा न होने के तनाव में सुसाइड की को लेकर बहकी बहकी बातें कर रहा था। एक दिन उसने काउंसिलिंग के लिए हेल्प लाइन नंबर पर कॉल किया। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने उस स्टूडेंट की काउंसिलंग की तो वो ठीक हो गया। आज वह स्वस्थ होकर एग्जाम में शामिल हुआ है।

केस टू

गुड़गांव के एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाला बेतियाहाता का 35 वर्षीय युवक कोविड पॉजिटिव था। वहीं, उसकी नौकरी भी चली गई थी। ऐसे में वह टेंशन में आ गया था। लेकिन उसके घर वालों के हेल्पलाइन नंबर पर काल करने पर उसकी काउंसिलिंग की गई। काउंसिलिंग से वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया।

यह दो केस तो बानगी भर है। ऐसे डेली 3-4 कॉल हेल्पलाइन नंबर पर आ रहे हैं। जिनकी काउंसिलिंग हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम द्वारा की जा रही है।

जरा सी असफलता से निराश हो रहे लोग

दरअसल, जीवन में जल्द से जल्द सब कुछ हासिल कर लेने की तमन्ना और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में आज लोग बेवजह मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। लोगों को जरा सी असफलता अखरने लगती है और अपनी जिन्दगी तक को दांव पर लगा देते हैं। कोरोना काल में भी लॉक डाउन के चलते तमाम लोगों की नौकरियां चलीं गयीं, लोगों को अपनी रोजी-रोजगार छोड़कर वापस गांव लौटना पड़ा। ऐसे में कामगार निराशा के माहौल में जीवन बसर कर रहे हैं। वहीं, कहीं- कहीं से आत्महत्या के मामले भी सामने आ रहे हैं। इन्हीं सब को देखते हुए हर साल 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य सुसाइड केसेज रोकने के लिए लोगों में अवेयरनेस पैदा करना। इस वर्ष व‌र्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे (विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस) की थीम है- 'आत्महत्या रोकने को मिलकर काम करना' ।

सुबह 10 से शाम 7 बजे तक लें मदद

सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 9336929266 हेल्पलाइन नंबर जिले में सुबह 10 से शाम 7 बजे तक एक्टिव रहता है। अगर किसी को ऐसी कोई समस्या है तो इस नंबर पर परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के दौरान करीब आधा दर्जन ऐसे लोगों की हेल्पलाइन नंबर से मदद की गई जिनके मन में जीने की इच्छा खत्म हो रही थी।

मानसिक अवसाद की बढ़ रही समस्या

हेल्पलाइन नंबर पर सेवा दें रहे नैदानिक मनोवैज्ञानिक रमेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि कोविड कॉल में लोगों में मानसिक अवसाद की समस्या बढ़ी है। हेल्पलाइन नंबर पर छात्रों और कुछ आíथक रूप से परेशान लोगों के फोन आए जो कि काफी निराश थे। ऐसे लोगों को परामर्श दिया गया। उन्होंने बताया कि मानसिक समस्याओं के निवारण के लिए नोडल अधिकारी डॉ। नंद कुमार की देखरेख में मनोचिकित्सक डॉ। अमित शाही और एक पूरी टीम योगदान दे रही है।

वैश्विक आंकड़ें

इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन के अनुसार विश्व में आठ लाख लोग हर साल आत्महत्या करते हैं, यानि हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति की मृत्यु आत्महत्या से होती है।

यूपी में 2.4 व्यक्ति पर लाख सुसाइड

नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में आत्महत्या की दर 2.4 व्यक्ति प्रति लाख जनसंख्या है। मतलब यह है कि एक लाख की आबादी पर लगभग दो लोग आत्महत्या करते हैं। वहीं राष्ट्रीय दर 10.4 प्रति लाख जनसंख्या है।

उचित परामर्श आवश्यक

सूबे के मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डा। सुनील पांडेय ने बताया, यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से हीन भावना से ग्रस्त है अथवा आत्महत्या करने की सोच रहा है तो वह एक मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। मानसिक अस्वस्थता के कारण ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है , उचित परामर्श और चिकित्सा पद्धति के माध्यम से इसका उपचार किया जा सकता है।

क्या करें यदि मन में आएं ऐसे विचार

नोडल अधिकारी के अनुसार- जीवनशैली में बदलाव लाएं, ख़ुद पर ध्यान देना शुरू करें, खानपान को संतुलित करें, नियमित रूप से कुछ समय व्यायाम या योग करते हुए बिताएं। नकारात्मक सोच को बाहर का रास्ता दिखाएं। सबसे महत्वपूर्ण बात अकेले न रहें, परिवार और दोस्तों के संग रहें, सकारात्मक होकर कार्य करें।

Posted By: Inextlive