- कुवैत से कमाकर प्राइवेट बस में लौट रहे युवक को मास्क पहनाकर लूट लिया

- विदेश से लौटे युवक संग बस में हुई जहरखुरानी

- दिल्ली एयरपोर्ट से गोरखपुर के लिए चले युवक को बनाया शिकार

- दोस्ती करके मास्क पहनाने की घटनाओं में होने लगा है इजाफा

- लंबे समय बाद विदेश से कमाकर लौट रहे थे अर्जुन

- 36 हजार रुपए नकद सहित करीब डेढ़ लाख रुपए का सामान ले गए जहरखुरान

दो साल पहले में कुवैत काम करने गया था। वहां एसी मैकेनिक की नौकरी करके रुपए कमाए। लॉक डाउन में फंसने पर फैमिली की चिंता सताने लगी। मौका मिलने पर कुछ रुपए इकट्ठा करके घर लौटने के लिए सोचा। 29 अगस्त को फ्लाइट से दिल्ली से पहुंचा। एयरपोर्ट के बाहर गोरखपुर आने वाली प्राइवेट बस में सवार होने गया। वहां मुझे एक अज्ञात युवक मिला। उसने बताया कि वह नौसढ़ जाएगा। लेकिन उसके पास पैसे नहीं है। इसलिए मैंने उसका भी टिकट बनवाकर बगल की सीट में बैठा दिया। रात में एक जगह ढाबे पर हम लोग खाना खाए। बस में सवार होने पर सभी पैंसेजर सवार हो गए। बस चलने के बाद मुझे नींद आ गई। रात में करीब ढाई-तीन बजे जगा तो देखा कि मेरा मोबाइल फोन, गले से सोने की चेन, बैग में रखी ज्वेलरी और साढ़े तीन सौ दीनार गायब हैं। मैंने सोचा कि बगल में बैठे युवक को कुछ बता दूं। लेकिन वह भी कहीं चला गया था। मैंने परेशान होकर अपने दूसरे पैंसेजर से मोबाइल लेकर अपने भाई को किसी तरह से फोन किया। भाई से बात करके पूरी बात बता पाता। इसके पहले गहरी नींद आ गई। 30 अगस्त की दोपहर करीब तीन बजे बस नौसढ़ में रुकी तो मेरा छोटा भाई अरविंद कुछ लोगों के साथ पहुंचा था। उसने किसी तरह से बस से उतारा। मुझे अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। गुरुवार की शाम तबियत ठीक होने पर मैंने पुलिस को सूचना दी। मुझे भरोसा नहीं हो रहा है कि जिसकी मदद में मैंने बस का टिकट कटवाया। वह रास्ते में मुझे कहीं लूटकर बस से उतर गया। यह कहते हुए अर्जुन की आंखें भर आईं। लेकिन फिर उन्होंने भगवान का शुक्र जताते हुए कि अच्छा काम किया था। इसलिए शायद जान बच गई। अर्जुन कुवैत में रहकर एसी मैकेनिक काम करते थे। लॉक डाउन की परेशानी के बाद वह घर लौट रहे थे। प्राइवेट बस में सुरक्षित सफर मानकर उन्होंने घर पहुंचने के लिए टिकट कटाया। अर्जुन का कहना है कि उन्होंने जिस मजदूर का टिकट बनवाया था। उसने उनका मास्क बदल दिया। मास्क पहनने के बाद उनको काफी नींद आने लगी।

चार दिनों में दूसरे पैंसेजर के साथ हुई घटना

लॉक डाउन के दौरान विदेश में फंसे तमाम लोग घर लौट रहे हैं। दिल्ली और लखनऊ तक फ्लाइट से आने के बाद प्राइवेट बस और दूसरे साधनों से गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज सहित अन्य जिलों में अपने गांव-घर जा रहे हैं। विदेश से लौटने वाले पैंसेजर्स जहरखुरानों के निशाने पर हैं। चार दिनों के भीतर बदमाशों के शिकार बने दूसरे युवक का मामला सामने आया है। एक सितंबर की सुबह कुवैत से लौटे कुशीनगर जिले के बोदरवार, गदइला निवासी अभिमन्यु पटेल को लूट लिया था। 31 अगस्त की रात अभिमन्यु बस से रेलवे बस स्टेशन पर पहुंचा। वहां पर बोदरवार तक पहुंचाने का झांसा देकर शातिरों ने उसे निशाना बनाया। अगले दिन वारदात की जानकारी होने पर पुलिस सक्रिय हुई। पुलिस ने तत्काल चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का मानना है कि अलग-अलग गैंग एक्टिव हैं। वहीं, अर्जुन के साथ हुई वारदात में कोई दूसरा गैंग शामिल है।

शिकायत दर्ज कराने में मुश्किल, पता नहीं कहां हुई वारदात

चलती बस में जहरखुरानी का शिकार हुए अर्जुन और उनके परिवार के लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए परेशान हैं। यूपी पुलिस की वेबसाइट पर आनलाइन शिकायत दर्ज कराने पर घटनास्थल स्पष्ट न होने पर मामला स्वीकार नहीं हो रहा है। थानों की पुलिस का कहना है कि इस पीडि़त के निवास स्थान वाले पुलिस स्टेशन में केस रजिस्टर्ड कराया जा सकता है। बाद में यह केस वहीं ट्रांसफर हो जाएगा जहां से वारदात की शुरूआत की हुई। नौसढ़ में बस से उतरने के बाद भी पुलिस ने सूचना नहीं दी। ऐसे में पीडि़त के सामने केस दर्ज कराने को लेकर मुश्किल बनी हुई है। अर्जुन का कहना है कि पुलिस केस भले न दर्ज करें। लेकिन वह लोगों को आगाह करना चाहते हैं कि अन्य कोई दूसरा जहरखुरानों का शिकार न बने।

असुरक्षित बसों का सफर, कैसे करें आवाजाही

रोडवेज की बसों में जहरखुरानी के मामले सामने आते थे। लेकिन प्राइवेट बसों में भी शिकायतें आने लगी है। गोरखपुर से दिल्ली के लिए नौसढ़ के पास से बसें चलती हैं। अवैध रूप से चलने वाली तमाम बसों में सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं है। सामान की सुरक्षा स्वयं करने की बात कहकर बस कंडक्टर सिर्फ किराए से मतलब रखते हैं। रोडवेज की बसों के बाद अब प्राइवेट बसों में भी जहरखुरानी का खतरा बढ़ता जा रहा है।

Posted By: Inextlive